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सितंबर में उत्तराखंड की महिलाओं पर हुआ घोर 'अत्याचार', तीन घटनाओं से मां नंदा की देवभूमि हुई शर्मसार

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Published : Oct 1, 2022, 8:58 AM IST

Updated : Oct 1, 2022, 1:40 PM IST

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः. हमारे देश के साथ देवभूमि उत्तराखंड के लिए ये श्लोक रचा गया होगा. लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हो रही आपराधिक घटनाओं और अत्याचार ने सीमा पार कर दी है. बीते सितंबर माह में महिलाओं के साथ एक के बाद एक तीन लोमहर्षक घटनाओं ने उत्तराखंड को देश भर में बदनाम कर दिया है.

Uttarakhand Crime
उत्तराखंड अपराध

देहरादून: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां से बहने वाली गंगा यमुना सरस्वती नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. देवभूमि आने के बाद हर इंसान अपने आप को धन्य महसूस करता है. लेकिन सितंबर महीना उत्तराखंड को कुछ ऐसे दर्द देकर गया, जिसके बाद यह सोचने पर इंसान मजबूर हो गया है कि भला देवभूमि में यह कौन से दानव आ गए हैं जिनकी वजह से यहां की छवि धूमिल हो रही है. मां, बहन, बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं.

इसी महीने टिहरी से आई हैवानित भरी तस्वीर: सितंबर महीने में 20 तारीख को उत्तराखंड के टिहरी से एक मामला सामने आता है. प्रताप नगर क्षेत्र में एक विवाहिता को ससुराल वाले इतना प्रताड़ित करते हैं कि वो जान निकलने की दुआ मांगने लगती है. नवविवाहिता के साथ ससुराल पक्ष के लोग इस कदर हैवानियत दिखाते हैं, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते.
ये भी पढ़ें: दहेज के लिए मां पर खौलता पानी फेंका, गर्म तवे से जलाया...बच्चों से सुनिए हैवान दादी की कारस्तानी

प्रीति को दहेज के लिए जिंदा लाश बना दिया: देहरादून के विकासनगर की रहने वाली प्रीति की शादी प्रताप नगर में हुई थी. लेकिन लगातार उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता था. जब प्रीति की मां सरस्वती एक दिन अचानक घर पर अपनी बेटी को देखने पहुंचती है तो उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती हैं. दरअसल प्रीति के साथ उसके ससुराल वाले खासकर सास सुभद्रा देवी और ननद जया जगूड़ी हैवानियत की सारी हदें पार करती हैं.

प्रीति को कई दिन भूखा रखकर गरम पानी से जलाते थे: उसे कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता है. इतना ही नहीं गर्म पानी से उसके शरीर के हर एक अंग को जलाया जाता है. उसको तब तक जलाया जाता है जब तक अंदर की हड्डी दिखाई ना देने लगे. शरीर पर जगह-जगह मांस हटा होता है. मां इसकी खबर तुरंत संबंधित थाने को देती है. थाने की पुलिस भी जब मौके पर पहुंचती है तो वह पाती है कि दहेज के लोभियों ने एक बेटी को इस कदर प्रताड़ित किया कि ना तो वह मृत्यु को प्राप्त हो पाई और ना ही ठीक से जीवित ही है.

प्रीति दहेज उत्पीड़न में सास ससुर और ननद गिरफ्तार: हालांकि इसके बाद तत्काल प्रभाव से पुलिस ने इस मामले में मां बेटी और ससुर को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इस खबर के बाहर आने के बाद उत्तराखंड की एक बार फिर से चर्चा इस बात के लिए होने लगी कि जिन पहाड़ों की शांत वादियों में शांतिप्रिय पहाड़ी निवास करते हैं, भला वहां पर इस तरह की हैवानियत कोई कैसे कर सकता है.
ये भी पढ़ें: चीला पावर हाउस के पास मिला अंकिता भंडारी का शव, पिता भाई ने की पुष्टि, जांच के लिए SIT गठित

अंकिता की हत्या के लिए याद किया जायेगा सितंबर: टिहरी गढ़वाल का मामला जब चल ही रहा था तब देश को हिलाने वाला एक और घटनाक्रम राजधानी देहरादून ऋषिकेश और हरिद्वार के बीचों बीच एक रिजॉर्ट में हुआ. अंकिता नाम की रिसेप्शनिस्ट को रिजॉर्ट के मालिक और उसके दो साथियों ने मिलकर मार दिया. हालांकि अभी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. लेकिन प्रथम दृष्टया जो मामला सामने आया वो यही कि पुलकित आर्य नाम का रिजॉर्ट मालिक अंकिता का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहा था. एक के बाद एक जो खुलासे हो रहे हैं, उसके बाद यही बात निकल कर सामने आई है कि सत्ता और पैसों के नशे में चूर पुलकित आर्य ने अंकिता को बिना वजह ही नहर में धक्का देकर मार दिया.

पुलकित आर्य और उसके दोनों दोस्त अंकित और भास्कर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं. लेकिन इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा ना केवल उत्तराखंड तक बल्कि देश के हर कोने में दिखाई दिया. लोगों ने यही सवाल किया कि बेटी या तो घर में बंद रहे और अगर बाहर निकलेंगे तो कहीं उनके साथ पुलकित जैसे हैवान यह सलूक ना करें. यह मामला 18 सितंबर को प्रकाश में आया था.

जब पुलिस ही बन गई महिला के लिए हैवान: ऐसा नहीं है की ये सब गढ़वाल में ही हुआ. कुमाऊं में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई. यहां इंसाफ मांगने गई महिला के साथ पुलिस अधिकारी ने ही ऐसी हरकत कर दी की उसको सस्पेंड करना पड़ा. महिला का आरोप था की वो एक मामले की शिकायत लेकर थाने गई थी. वहा रक्षक बने बैठे कोतवाल को मैंने शिकायती पत्र दिया तो उन्होंने मुझे घर बुलाया. पीड़िता का आरोप है कि वह समझ गयी थी कि कोतवाल अशोक कुमार उससे क्या चाहता है.
ये भी पढ़ें: अंकिता भंडारी मर्डर केस में पटवारी वैभव प्रताप गिरफ्तार, हत्यारोपी पुलकित आर्य से थी साठगांठ

शिकायत करने आई महिला ने कोतवाल पर लगाया उत्पीड़न का आरोप: 16 सितंबर को कोतवाल अशोक कुमार ने पीड़ित महिला को दोबारा अपने कमरे में बुलाया और रुपयों की डिमांड की. जब पीड़ित महिला ने रुपए नहीं देने की बात कही तो कोतवाल ने पीड़ित महिला का शारीरिक शोषण किया. जिसका वीडियो पीड़िता ने बना लिया और शिकायत डीजीपी अशोक कुमार से की. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कोतवाल अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया है. जांच किसी महिला अधिकारी से कराने के लिए एसएसपी उधम सिंह नगर को निर्देशित किया है.

पीड़ित महिला ने जहर खाया: ये सब होता रहा और महिला कार्रवाई के लिए इधर उधर चक्कर काटती रही. इस मामले में नया मोड़ तब आया जब महिला ने बाद में जहर खा कर आरोपित कोतवाल से माफ़ी मांगी और कहा की ये सब उन्होंने किसी के कहने पर किया. बहरहाल इस मामले में जांच जारी है और उम्मीद है दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

चौंकाने वाले हैं उत्तराखंड में आंकड़े: उत्तराखंड में घट रही महिला उत्पीड़न की इन घटनाओं के बाद ना केवल सुरक्षा व्यवस्था बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे ये कुछ घटनाएं हैं जो सामने आई हैं. जबकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में रोजाना एक महिला के साथ बलात्कार होता है.
ये भी पढ़ें: इंसाफ मांगने गई महिला को कोतवाल ने बुलाया घर, लूटी 'इज्जत', वीडियो देख DGP ने किया सस्पेंड

महिला उत्पीड़न में सगे संबंधी आगे: एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में उत्तराखंड में दुष्कर्म के 522 मामले सामने आए. इनमें से 97 मामलों में दुष्कर्म करने में महिलाओं और युवतियों के जान-पहचान के लोग ही शामिल थे. 506 मामले ऐसे रहे जिनमें दुष्कर्म पीड़िता को अपनों से ही धोखा मिला. 351 मामलों में परिवारिक मित्र, जबकि 155 केस में पीड़ितों के करीबियों ने ही दुष्कर्म किया है. रिपोर्ट बताती है कि दुष्कर्म के 522 मामलों में से महज 12 केस ऐसे हैं, जिनमें अज्ञात लोग शामिल रहे. इसके अलावा 16 मामलों में परिवार के सदस्यों के नाम सामने आए हैं. उत्तराखंड को लेकर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट चीख चीख कर कह रही है कि देवभूमि में महिलाएं घर हो या बहार सुरक्षित नहीं हैं.
ये भी पढ़ें: जसपुर कोतवाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने खाया जहर, सुसाइड नोट में मांगी माफी

देहरादून: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. यहां से बहने वाली गंगा यमुना सरस्वती नदियों को मां का दर्जा दिया गया है. देवभूमि आने के बाद हर इंसान अपने आप को धन्य महसूस करता है. लेकिन सितंबर महीना उत्तराखंड को कुछ ऐसे दर्द देकर गया, जिसके बाद यह सोचने पर इंसान मजबूर हो गया है कि भला देवभूमि में यह कौन से दानव आ गए हैं जिनकी वजह से यहां की छवि धूमिल हो रही है. मां, बहन, बेटियां अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं.

इसी महीने टिहरी से आई हैवानित भरी तस्वीर: सितंबर महीने में 20 तारीख को उत्तराखंड के टिहरी से एक मामला सामने आता है. प्रताप नगर क्षेत्र में एक विवाहिता को ससुराल वाले इतना प्रताड़ित करते हैं कि वो जान निकलने की दुआ मांगने लगती है. नवविवाहिता के साथ ससुराल पक्ष के लोग इस कदर हैवानियत दिखाते हैं, जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते.
ये भी पढ़ें: दहेज के लिए मां पर खौलता पानी फेंका, गर्म तवे से जलाया...बच्चों से सुनिए हैवान दादी की कारस्तानी

प्रीति को दहेज के लिए जिंदा लाश बना दिया: देहरादून के विकासनगर की रहने वाली प्रीति की शादी प्रताप नगर में हुई थी. लेकिन लगातार उसे दहेज के लिए परेशान किया जाता था. जब प्रीति की मां सरस्वती एक दिन अचानक घर पर अपनी बेटी को देखने पहुंचती है तो उनकी आंखें फटी की फटी रह जाती हैं. दरअसल प्रीति के साथ उसके ससुराल वाले खासकर सास सुभद्रा देवी और ननद जया जगूड़ी हैवानियत की सारी हदें पार करती हैं.

प्रीति को कई दिन भूखा रखकर गरम पानी से जलाते थे: उसे कई दिनों तक खाना नहीं दिया जाता है. इतना ही नहीं गर्म पानी से उसके शरीर के हर एक अंग को जलाया जाता है. उसको तब तक जलाया जाता है जब तक अंदर की हड्डी दिखाई ना देने लगे. शरीर पर जगह-जगह मांस हटा होता है. मां इसकी खबर तुरंत संबंधित थाने को देती है. थाने की पुलिस भी जब मौके पर पहुंचती है तो वह पाती है कि दहेज के लोभियों ने एक बेटी को इस कदर प्रताड़ित किया कि ना तो वह मृत्यु को प्राप्त हो पाई और ना ही ठीक से जीवित ही है.

प्रीति दहेज उत्पीड़न में सास ससुर और ननद गिरफ्तार: हालांकि इसके बाद तत्काल प्रभाव से पुलिस ने इस मामले में मां बेटी और ससुर को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इस खबर के बाहर आने के बाद उत्तराखंड की एक बार फिर से चर्चा इस बात के लिए होने लगी कि जिन पहाड़ों की शांत वादियों में शांतिप्रिय पहाड़ी निवास करते हैं, भला वहां पर इस तरह की हैवानियत कोई कैसे कर सकता है.
ये भी पढ़ें: चीला पावर हाउस के पास मिला अंकिता भंडारी का शव, पिता भाई ने की पुष्टि, जांच के लिए SIT गठित

अंकिता की हत्या के लिए याद किया जायेगा सितंबर: टिहरी गढ़वाल का मामला जब चल ही रहा था तब देश को हिलाने वाला एक और घटनाक्रम राजधानी देहरादून ऋषिकेश और हरिद्वार के बीचों बीच एक रिजॉर्ट में हुआ. अंकिता नाम की रिसेप्शनिस्ट को रिजॉर्ट के मालिक और उसके दो साथियों ने मिलकर मार दिया. हालांकि अभी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. लेकिन प्रथम दृष्टया जो मामला सामने आया वो यही कि पुलकित आर्य नाम का रिजॉर्ट मालिक अंकिता का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहा था. एक के बाद एक जो खुलासे हो रहे हैं, उसके बाद यही बात निकल कर सामने आई है कि सत्ता और पैसों के नशे में चूर पुलकित आर्य ने अंकिता को बिना वजह ही नहर में धक्का देकर मार दिया.

पुलकित आर्य और उसके दोनों दोस्त अंकित और भास्कर फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में हैं. लेकिन इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा ना केवल उत्तराखंड तक बल्कि देश के हर कोने में दिखाई दिया. लोगों ने यही सवाल किया कि बेटी या तो घर में बंद रहे और अगर बाहर निकलेंगे तो कहीं उनके साथ पुलकित जैसे हैवान यह सलूक ना करें. यह मामला 18 सितंबर को प्रकाश में आया था.

जब पुलिस ही बन गई महिला के लिए हैवान: ऐसा नहीं है की ये सब गढ़वाल में ही हुआ. कुमाऊं में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई. यहां इंसाफ मांगने गई महिला के साथ पुलिस अधिकारी ने ही ऐसी हरकत कर दी की उसको सस्पेंड करना पड़ा. महिला का आरोप था की वो एक मामले की शिकायत लेकर थाने गई थी. वहा रक्षक बने बैठे कोतवाल को मैंने शिकायती पत्र दिया तो उन्होंने मुझे घर बुलाया. पीड़िता का आरोप है कि वह समझ गयी थी कि कोतवाल अशोक कुमार उससे क्या चाहता है.
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शिकायत करने आई महिला ने कोतवाल पर लगाया उत्पीड़न का आरोप: 16 सितंबर को कोतवाल अशोक कुमार ने पीड़ित महिला को दोबारा अपने कमरे में बुलाया और रुपयों की डिमांड की. जब पीड़ित महिला ने रुपए नहीं देने की बात कही तो कोतवाल ने पीड़ित महिला का शारीरिक शोषण किया. जिसका वीडियो पीड़िता ने बना लिया और शिकायत डीजीपी अशोक कुमार से की. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने कोतवाल अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया है. जांच किसी महिला अधिकारी से कराने के लिए एसएसपी उधम सिंह नगर को निर्देशित किया है.

पीड़ित महिला ने जहर खाया: ये सब होता रहा और महिला कार्रवाई के लिए इधर उधर चक्कर काटती रही. इस मामले में नया मोड़ तब आया जब महिला ने बाद में जहर खा कर आरोपित कोतवाल से माफ़ी मांगी और कहा की ये सब उन्होंने किसी के कहने पर किया. बहरहाल इस मामले में जांच जारी है और उम्मीद है दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.

चौंकाने वाले हैं उत्तराखंड में आंकड़े: उत्तराखंड में घट रही महिला उत्पीड़न की इन घटनाओं के बाद ना केवल सुरक्षा व्यवस्था बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे ये कुछ घटनाएं हैं जो सामने आई हैं. जबकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि उत्तराखंड में रोजाना एक महिला के साथ बलात्कार होता है.
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महिला उत्पीड़न में सगे संबंधी आगे: एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में उत्तराखंड में दुष्कर्म के 522 मामले सामने आए. इनमें से 97 मामलों में दुष्कर्म करने में महिलाओं और युवतियों के जान-पहचान के लोग ही शामिल थे. 506 मामले ऐसे रहे जिनमें दुष्कर्म पीड़िता को अपनों से ही धोखा मिला. 351 मामलों में परिवारिक मित्र, जबकि 155 केस में पीड़ितों के करीबियों ने ही दुष्कर्म किया है. रिपोर्ट बताती है कि दुष्कर्म के 522 मामलों में से महज 12 केस ऐसे हैं, जिनमें अज्ञात लोग शामिल रहे. इसके अलावा 16 मामलों में परिवार के सदस्यों के नाम सामने आए हैं. उत्तराखंड को लेकर गृह मंत्रालय की रिपोर्ट चीख चीख कर कह रही है कि देवभूमि में महिलाएं घर हो या बहार सुरक्षित नहीं हैं.
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Last Updated : Oct 1, 2022, 1:40 PM IST
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