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360 करोड़ का फ्रॉड: चीन भेजे गए पैसे, हांगकांग से संचालित हो रहा था ऐप

360 करोड़ के पावर बैंक ऐप धोखाधड़ी मामले पर नया खुलासा हुआ है. उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक धोखाधड़ी का पैसा चाइना ट्रांसफर किया गया, जबकि ऐप हांगकांग से संचालित पाया गया है.

Dehradun
देहरादून
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Published : Jul 5, 2021, 9:43 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 10:06 PM IST

देहरादून: साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बाद अब एसटीएफ बैंकों पर भी शिकंजा कसने जा रही है. इसी क्रम में चाइनीज 'पावर बैंक ऐप' में निवेश के नाम पर ठगी प्रकरण में ई-वॉलेट पेटीएम और रोजर-पे के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर पुलिस स्टेशन में तलब किया है. STF के मुताबिक पेटीएम और रोजर-पे के प्रतिनिधियों के साथ बहुत जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन की सुरक्षा प्रक्रिया पर कानूनी नोटिस के तहत प्रभावी सुधार किए जाएंगे.

बता दें कि अभी हाल में ही 360 करोड़ से अधिक का पावर बैंक ऐप घोटाले के मामले में देखा गया कि कुछ वॉलेट और कुछ गेटवे हैं, जिनके द्वारा केवाईसी के साथ अन्य जानकारियां नहीं ली गई. यहां करोड़ों रुपए एक दिन के अंदर ट्रांसफर किए गए.

धोखाधड़ी का रुपया चाइना में ट्रांसफर, हांगकांग से संचालित ऐप

एसटीएफ के मुताबिक देहरादून साइबर क्राइम पुलिस थाने की तकनीकी टीम को इस साइबर धोखाधड़ी में प्राप्त कुछ धनराशि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के सबूत प्राप्त हुए हैं. धोखाधड़ी के लिए उपयोग में लाया गया पावर बैंक ऐप को हांगकांग और चाइना से संचालित किया जा रहा था. इसके अलावा वर्तमान में प्रचलित एवं अन्य कई संदिग्ध ऐप के संबंध में भी जानकारी प्राप्त हुई है जो इस प्रकार के साइबर धोखाधड़ी में लिप्त है.

कई कंपनियों के निदेशकों पर मुकदमे दर्ज

उत्तराखंड STF के मुताबिक देश में 360 करोड़ के इस साइबर धोखाधड़ी में Razorpay के लीगल हेड द्वारा 1 जून 2021 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन बेंगलुरू में पावर बैंक से संबंधित इन कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसमें H &S ventures inc, Clifford ventures, Lorfly technology pvt Ltd, Biosoft ventures inc, Maojaza technology pvt Ltd, Divyam infracom pvt Ltd, 360TEQ Software pvt ltd, Centronon solution pvt ltd, Purplehuse sunny communication pvt Ltd और Sachin Mapleaf Communication (OPC) शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः साइबर क्राइम रोकने को STF बैंकों पर कसेगी शिकंजा, यूजर पे, पेटीएम और पेयू को भेजा नोटिस

अभी तक 8 मुकदमे दर्ज

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक अभी तक राज्य में पावर बैंक के नाम से धोखाधड़ी वाले शिकायतों में 8 मुकदमे पंजीकृत किए जा चुके हैं. दर्ज FIR के अंतर्गत प्रदेश में अब तक दो बड़े मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि बेंगलुरु से 4 और दिल्ली से 2 गिरफ्तार आरोपियों को जल्द देहरादून लाया जाएगा. वहीं इसके अलावा इस साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क में शामिल बेंगलुरु के निवासी नागाभूषण और उनकी पत्नी सुकन्या नागाभूषण को भी कोर्ट नोटिस तामील करा दिया गया है.

CBI जैसे एजेंसियों से सहयोग

साइबर धोखाधड़ी मामले में देशभर में तकरीबन 250 मुकदमे अलग-अलग राज्यों में दर्ज किए गए हैं. जिसके तहत 20 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. प्रकरण में विदेशी नागरिकों और कंपनियों से जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजेंसी सीबीआई, आईबी, ईडी से समन्वय स्थापित कर बड़ी कार्रवाई के लिए सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क कर कानूनी मदद लिए जाने का प्रयास है.

देहरादून: साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बाद अब एसटीएफ बैंकों पर भी शिकंजा कसने जा रही है. इसी क्रम में चाइनीज 'पावर बैंक ऐप' में निवेश के नाम पर ठगी प्रकरण में ई-वॉलेट पेटीएम और रोजर-पे के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर पुलिस स्टेशन में तलब किया है. STF के मुताबिक पेटीएम और रोजर-पे के प्रतिनिधियों के साथ बहुत जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर ई-वॉलेट ट्रांजेक्शन की सुरक्षा प्रक्रिया पर कानूनी नोटिस के तहत प्रभावी सुधार किए जाएंगे.

बता दें कि अभी हाल में ही 360 करोड़ से अधिक का पावर बैंक ऐप घोटाले के मामले में देखा गया कि कुछ वॉलेट और कुछ गेटवे हैं, जिनके द्वारा केवाईसी के साथ अन्य जानकारियां नहीं ली गई. यहां करोड़ों रुपए एक दिन के अंदर ट्रांसफर किए गए.

धोखाधड़ी का रुपया चाइना में ट्रांसफर, हांगकांग से संचालित ऐप

एसटीएफ के मुताबिक देहरादून साइबर क्राइम पुलिस थाने की तकनीकी टीम को इस साइबर धोखाधड़ी में प्राप्त कुछ धनराशि क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से चीन भेजे जाने के सबूत प्राप्त हुए हैं. धोखाधड़ी के लिए उपयोग में लाया गया पावर बैंक ऐप को हांगकांग और चाइना से संचालित किया जा रहा था. इसके अलावा वर्तमान में प्रचलित एवं अन्य कई संदिग्ध ऐप के संबंध में भी जानकारी प्राप्त हुई है जो इस प्रकार के साइबर धोखाधड़ी में लिप्त है.

कई कंपनियों के निदेशकों पर मुकदमे दर्ज

उत्तराखंड STF के मुताबिक देश में 360 करोड़ के इस साइबर धोखाधड़ी में Razorpay के लीगल हेड द्वारा 1 जून 2021 को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन बेंगलुरू में पावर बैंक से संबंधित इन कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसमें H &S ventures inc, Clifford ventures, Lorfly technology pvt Ltd, Biosoft ventures inc, Maojaza technology pvt Ltd, Divyam infracom pvt Ltd, 360TEQ Software pvt ltd, Centronon solution pvt ltd, Purplehuse sunny communication pvt Ltd और Sachin Mapleaf Communication (OPC) शामिल हैं.

ये भी पढ़ेंः साइबर क्राइम रोकने को STF बैंकों पर कसेगी शिकंजा, यूजर पे, पेटीएम और पेयू को भेजा नोटिस

अभी तक 8 मुकदमे दर्ज

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक अभी तक राज्य में पावर बैंक के नाम से धोखाधड़ी वाले शिकायतों में 8 मुकदमे पंजीकृत किए जा चुके हैं. दर्ज FIR के अंतर्गत प्रदेश में अब तक दो बड़े मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि बेंगलुरु से 4 और दिल्ली से 2 गिरफ्तार आरोपियों को जल्द देहरादून लाया जाएगा. वहीं इसके अलावा इस साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क में शामिल बेंगलुरु के निवासी नागाभूषण और उनकी पत्नी सुकन्या नागाभूषण को भी कोर्ट नोटिस तामील करा दिया गया है.

CBI जैसे एजेंसियों से सहयोग

साइबर धोखाधड़ी मामले में देशभर में तकरीबन 250 मुकदमे अलग-अलग राज्यों में दर्ज किए गए हैं. जिसके तहत 20 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. प्रकरण में विदेशी नागरिकों और कंपनियों से जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजेंसी सीबीआई, आईबी, ईडी से समन्वय स्थापित कर बड़ी कार्रवाई के लिए सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क कर कानूनी मदद लिए जाने का प्रयास है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 10:06 PM IST
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