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साल 2019: इस साल देवभूमि को 'डबल इंजन' ने दी कई सौगातें

उत्तराखंड राज्य को साल 2019 में केंद्र सरकार ने कई बड़ी सौगातें दी है. देखिये ईटीवी भारत की इस खास रिपोर्ट में.

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देवभूमि को 'डबल इंजन' ने दी कई सौगात
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Published : Dec 31, 2019, 8:41 AM IST

देहरादून: साल 2019 उत्तराखंड राज्य के लिए बेहद खास रहा है. बीते साल में न सिर्फ उत्तराखंड राज्य में चल रही केंद्र सरकार की परियोजनाओं को गति मिली बल्कि, उत्तराखंड की तीन और बड़ी परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली है. जिसके लिए केंद्र सरकार ने 5,184 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड के दौरे पर आते रहे हैं. यही नहीं साल 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद से ही सूबे को बड़ी सौगातें मिलती रही है. चाहे केदारनाथ पुनर्निर्माण का हो या फिर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना या चारधाम ऑल वेदर रोड. ये सभी परियोजनाएं मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है.

'डबल इंजन' ने दी कई सौगातें

पढ़ेंः अलविदा 2019: इस साल की वो 10 बड़ी खबरें जिन्होंने बटोरी सुर्खियां

जमरानी बांध परियोजना के लिए 2584 करोड़ की मंजूरी
उत्तराखंड में पिछले 40 साल से अटकी हुई प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिल गयी थी. इसके बाद अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार ने भी इस पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिए 2,584 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.


नैनीताल जिले के गोला नदी पर बनने वाला यह बांध नौ किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा. जिससे राज्य के नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों के लोगों को पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो पाएगी. बल्कि, यहां के किसानों को सिंचाई के लिये भी पानी मिल पायेगा. यही नहीं इस परियोजना से करीब 14 मेगावाट की बिजली भी पैदा होगी. यही नहीं इस परियोजना के लिए वन विभाग पहले ही 351.49 हेक्टेयर जमीन दे चुका है. साथ ही राज्य सरकार ने भी इस परियोजना के लिए 89 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.


टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी
उत्तराखंड राज्य में टिहरी झील, पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है. यही नहीं टिहरी झील को विकसित करने को लेकर राज्य सरकार पहले ही इसे 13 जिले 13 डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट में शामिल कर चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार, टिहरी झील को पर्यटन क्षेत्र के लिहाज से विकसित करने और इस क्षेत्र की आर्थिक मजबूत के लिए टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ रूपये की मंजूरी दे चुकी है.

पढ़ेंः 2019: उत्तराखंड का राजनीतिक सफरनामा, BJP अर्श और कांग्रेस फर्श पर

देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 1400 करोड़
देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रदेश सरकार पिछले लंबे समय से प्रयासरत है. केंद्र सरकार ने एक्सटर्नल एडिट फंड प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 1400 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.


केंद्र से मिली 2675 करोड़ की आर्थिक मदद
इस साल अगस्त महीने में मोदी सरकार ने कंपंसेंटरी एफॉरेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (कैंपा) प्रोजेक्ट के तहत 2675 करोड़ की आर्थिक मदद दी है. केंद्र सरकार की ये मदद पर्यावरण को बचाने, वनों की कटाई से नुकसान को रोकने, खनन और विकास योजनाओं के चलते प्रभावित होने वाले लोगों को सहायता राशि देने में खर्च किया जा सकता है.


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना
उत्तराखंड के पहाड़ों में रेल दौड़ाने का सपना भले ही लंबे समय से बुना जा रहा हो, लेकिन पिछले साल मोदी सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए 4295 करोड़ की लागत की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की शुरुआत की थी. इस रेल लाइन का कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस रेल लाइन परियोजना तहत श्रीकोट में अस्पताल, पुल व स्टेडियम का निर्माण भी रेलवे द्वारा कराया जाना है. यही नहीं, चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए 327.11 किमी लंबी नई रेल लाइन की सिफारिश भी रेल विकास निगम लिमिटेड ने की है. इस रेल प्रोजेक्ट में शुमार 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 12 स्टेशन, 17 सुरंगे और 35 पुलों का निर्माण होना है.

पढ़ेंः उत्तराखंड क्रिकेट के लिए बेहतर रहा 2019, मिली कई बड़ी सौगातें

चारधाम ऑल वेदर रोड
उत्तराखंड के चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को एक रोड से जोड़ने को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सौगात दी थी. यही नहीं 11,700 करोड़ रुपये की इस महत्वकांशी परियोजना में 53 कार्य स्वीकृत किये गए थे. इस परियोजना में करीब 865 किलोमीटर लंबी सड़क में अगले साल मार्च महीने तक करीब 300 किलोमीटर पक्की सड़क बनने की उम्मीद है.


केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य
साल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद केदारघाटी को फिर से बसाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने काफी प्रयास किया और यही वजह रही कि केदारघाटी अपने पूरे स्वरूप में आ गयी है. केदारघाटी में चल रहे पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का ही एक हिस्सा है. इस वक्त तक केदारनाथ के पुनर्निर्माण के तीन प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है.

देहरादून: साल 2019 उत्तराखंड राज्य के लिए बेहद खास रहा है. बीते साल में न सिर्फ उत्तराखंड राज्य में चल रही केंद्र सरकार की परियोजनाओं को गति मिली बल्कि, उत्तराखंड की तीन और बड़ी परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली है. जिसके लिए केंद्र सरकार ने 5,184 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड के दौरे पर आते रहे हैं. यही नहीं साल 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद से ही सूबे को बड़ी सौगातें मिलती रही है. चाहे केदारनाथ पुनर्निर्माण का हो या फिर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना या चारधाम ऑल वेदर रोड. ये सभी परियोजनाएं मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है.

'डबल इंजन' ने दी कई सौगातें

पढ़ेंः अलविदा 2019: इस साल की वो 10 बड़ी खबरें जिन्होंने बटोरी सुर्खियां

जमरानी बांध परियोजना के लिए 2584 करोड़ की मंजूरी
उत्तराखंड में पिछले 40 साल से अटकी हुई प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग से मंजूरी मिल गयी थी. इसके बाद अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार ने भी इस पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिए 2,584 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.


नैनीताल जिले के गोला नदी पर बनने वाला यह बांध नौ किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा. जिससे राज्य के नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों के लोगों को पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हो पाएगी. बल्कि, यहां के किसानों को सिंचाई के लिये भी पानी मिल पायेगा. यही नहीं इस परियोजना से करीब 14 मेगावाट की बिजली भी पैदा होगी. यही नहीं इस परियोजना के लिए वन विभाग पहले ही 351.49 हेक्टेयर जमीन दे चुका है. साथ ही राज्य सरकार ने भी इस परियोजना के लिए 89 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.


टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी
उत्तराखंड राज्य में टिहरी झील, पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है. यही नहीं टिहरी झील को विकसित करने को लेकर राज्य सरकार पहले ही इसे 13 जिले 13 डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट में शामिल कर चुकी है. ऐसे में केंद्र सरकार, टिहरी झील को पर्यटन क्षेत्र के लिहाज से विकसित करने और इस क्षेत्र की आर्थिक मजबूत के लिए टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ रूपये की मंजूरी दे चुकी है.

पढ़ेंः 2019: उत्तराखंड का राजनीतिक सफरनामा, BJP अर्श और कांग्रेस फर्श पर

देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 1400 करोड़
देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रदेश सरकार पिछले लंबे समय से प्रयासरत है. केंद्र सरकार ने एक्सटर्नल एडिट फंड प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर को एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 1400 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.


केंद्र से मिली 2675 करोड़ की आर्थिक मदद
इस साल अगस्त महीने में मोदी सरकार ने कंपंसेंटरी एफॉरेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (कैंपा) प्रोजेक्ट के तहत 2675 करोड़ की आर्थिक मदद दी है. केंद्र सरकार की ये मदद पर्यावरण को बचाने, वनों की कटाई से नुकसान को रोकने, खनन और विकास योजनाओं के चलते प्रभावित होने वाले लोगों को सहायता राशि देने में खर्च किया जा सकता है.


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना
उत्तराखंड के पहाड़ों में रेल दौड़ाने का सपना भले ही लंबे समय से बुना जा रहा हो, लेकिन पिछले साल मोदी सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए 4295 करोड़ की लागत की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की शुरुआत की थी. इस रेल लाइन का कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस रेल लाइन परियोजना तहत श्रीकोट में अस्पताल, पुल व स्टेडियम का निर्माण भी रेलवे द्वारा कराया जाना है. यही नहीं, चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए 327.11 किमी लंबी नई रेल लाइन की सिफारिश भी रेल विकास निगम लिमिटेड ने की है. इस रेल प्रोजेक्ट में शुमार 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 12 स्टेशन, 17 सुरंगे और 35 पुलों का निर्माण होना है.

पढ़ेंः उत्तराखंड क्रिकेट के लिए बेहतर रहा 2019, मिली कई बड़ी सौगातें

चारधाम ऑल वेदर रोड
उत्तराखंड के चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को एक रोड से जोड़ने को लेकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सौगात दी थी. यही नहीं 11,700 करोड़ रुपये की इस महत्वकांशी परियोजना में 53 कार्य स्वीकृत किये गए थे. इस परियोजना में करीब 865 किलोमीटर लंबी सड़क में अगले साल मार्च महीने तक करीब 300 किलोमीटर पक्की सड़क बनने की उम्मीद है.


केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य
साल 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद केदारघाटी को फिर से बसाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने काफी प्रयास किया और यही वजह रही कि केदारघाटी अपने पूरे स्वरूप में आ गयी है. केदारघाटी में चल रहे पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का ही एक हिस्सा है. इस वक्त तक केदारनाथ के पुनर्निर्माण के तीन प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है......
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साल 2019 उत्तराखंड राज्य के लिए बेहद खाश रहा है क्योकि इस साल न सिर्फ उत्तराखंड राज्य में चल रही केंद्र सरकार की परियोजनाओं को और गति मिला है बल्कि इस साल केंद्र की सरकार ने उत्तराखंड की तीन और बड़ी परियोजनाओ को मंजूरी देते हुए 5,184 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत की है इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इसी साल कैम्पा योजना के तहत 2,675 करोड़ की आर्थिक मदद भी की है। आखिर उत्तराखंड राज्य को इस साल केंद्र सरकार ने कौन सी बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी है? और वर्तमान समय में कौन कौन सी परियोजनाए धरातल पर चल रही है? देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट......  


Body:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। यही वजह है कि प्रधानमत्री उत्तराखंड के दौरे पर आते रहते है। यही नहीं साल 2014 में केंद्र में मोदी की सरकार बनने के बाद से ही बड़ी सौगात देते रहे है। चाहे केदारनाथ पुनर्निर्माण का हो या फिर ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना हो। यही नहीं उत्तराखंड, मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, यही वजह है कि प्रदेश के विकास के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद कर रहा है। 


जमरानी बांध परियोजना के लिए 2584 करोड़ की मंजूरी--------

उत्तराखंड में पिछले 40 साल से अटकी हुई प्रस्तावित जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को इसी साल फरवरी में केंद्रीय जल आयोग से इस साल फरवरी में तकनीकी मंजूरी मिल गयी थी इसके बाद इसी साल अक्टूबर महीने में केंद्र सरकार ने पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को बढ़ी सौगात देते हुए जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना के लिए 2,584 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी है। हालांकि नैनीताल जिले के गोला नदी पर बनने वाला यह बांध नौ किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचा होगा, जिससे राज्य के नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों के लोगों को पेयजल की प्रयाप्त व्यवस्था हो पायेगी बल्कि यहाँ के किसानो को सिंचाई के लिये भी पानी मिल पायेगा। यही नहीं इस परियोजना से करीब 14 मेगावाट की बिजली भी पैदा होगी, जिससे बिजली आपूर्ति भी की जा सकेगी। यही नहीं इस परियोजना के लिए वन विभाग पहले ही 351.49 हेक्टेयर जमीन दे दिया है इसके साथ ही राज्य सरकार इस परियोजना के लिए पहले भी 89 करोड़ रूपये आवंटित कर दी थी।


टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी--------

उत्तराखंड राज्य में टिहरी झील, पर्यटन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है। यही नहीं टिहरी झील को विकसित करने को लेकर राज्य सरकार पहले ही इसे 13 जिले 13 डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट में शामिल कर चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार, टिहरी झील को पर्यटन क्षेत्र के लिहाज से विक्षित करने और इस क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने को लेकर बड़ी सौगात देते हुए टिहरी झील डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है। ऐसे में राज्य सरकार पर्यटकों को टिहरी झील की और आकर्षित करने को लेकर टिहरी क्षेत्र के दोनों तरफ होटल, रिजोट एव शिक्षण संस्थान बनाएगी। जिसके काम अगले साल शुरू हो जाएगा। 


 देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 1400 करोड़ की मंजूरी--------

 देहरादून को स्मार्ट बनाने के लिए प्रदेश सरकार पिछले लंबे समय से प्रयास कर रही है, इसके लिए समय-समय पर प्रोजेक्ट भी तैयार किए जा रहे थे।जिसके बाद भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के तहत देहरादून को विकसित करने का प्लान स्वीकृत हुआ था। लेकिन देहरादून शहर को छोटे-छोटे हिस्से में स्मार्ट बनाया जाना था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने देहरादून वाशियो को बड़ी सौगात देते हुए एक्सटर्नल एडिट फंड प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर को एक साथ स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने को लेकर 1400 करोड़ की मंजूरी दे दी है।

  
केंद्र सरकार ने दी 2675 करोड़ की आर्थिक मदद---------

इस साल अगस्त महीने में मोदी सरकार ने  प्रदेश को बड़ी सौगात दी है। केंद्र ने उत्तराखंड को कंपंसेंटरी एफॉरेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी यानि कैंपा प्रोजेक्ट के तहत 2675 करोड़ की आर्थिक मदद दी है। यही नहीं केंद्र सरकार ने 2675 करोड़ का बजट, पर्यावरण को बचाने, प्रदेश में होने वाले वनों की कटाई से नुकसान को रोकने, खनन और विकास योजनाओं के चलते प्रभावित होने वाले लोगो को सहायता राशि देने ने खर्च किया जा है। इसके साथ ही वन क्षेत्रो से हटाये गए लोगो को पुनर्वास कराने, वनो और नदियों का संरक्षण करने पर खर्च किया जाना है। गौर हो कि 2675 करोड़ की धनराशि केंद्रीय वन एव पर्यावरण मंत्री प्रकाश ने उत्तराखंड वन मंत्री हरक सिंह रावत को सौपी थी। 


ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना---------

उत्तराखंड के पहाड़ों में रेल दौड़ाने का सपना भले ही लंबे समय से बुना जा रहा हो, लेकिन पिछले साल मोदी सरकार ने आगे कदम बढ़ाते हुए 4295 करोड़ की लागत की ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना की शुरुवात की थी। और राज्य की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य 2024 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना तहत श्रीकोट में अस्पताल, पुल व स्टेडियम का निर्माण भी रेलवे द्वारा कराया जाना है। यही नहीं, चारधाम को रेलवे से जोड़ने के लिए 327.11 किमी लंबी नई रेल लाइन की सिफारिश भी रेल विकास निगम लिमिटेड ने की है। जिसके लोकेशन सर्वे के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में रेलवे ने 121 करोड़ का बजट भी अनुमोदित किया है। भारत सरकार के विशेष रेल प्रोजेक्ट में शुमार 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 12 स्टेशन, 17 सुरंगे और 35 पुलों का निर्माण होना है।


चारधाम ऑल वेदर रोड---------

उत्तराखंड के चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को एक रोड से जोड़ने को लेकर साल 2017 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को बड़ी सौगात देते हुए चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना का शिलान्यास किया था। यही नहीं 11,700 करोड़ रूपये की इस महत्वकांशी परियोजना में 53 कार्य स्वीकृत किये गए थे। चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत करीब 865 किलोमीटर लम्बी बनने वाली सड़क में अगले साल मार्च महीने तक करीब 300 किलोमीटर पक्की सड़क बनने की उम्मीद है।   


केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य--------

साल 2013 में आयी आपदा के बाद केदार घाटी को फिर से बसाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने काफी प्रयाश किया और यही वजह है कि केदार घाटी अपने पूरे स्वरूप में आ गयी है। केदार घाटी में चल रहे पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का ही एक हिस्सा है और यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से ही उत्तराखंड के मुख्य सचिव से लगातार निर्माण कार्यो की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केदारनाथ पुनर्निमाण कार्यो की जानकारी लेते रहे हैं। हालांकि केदारनाथ के पुनर्निर्माण में तीन प्रोजेक्टों का काम पूरा हो गया है। और वर्तमान समय में तीर्थपुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य इसके साथ ही केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल का कार्य जारी है।




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