ETV Bharat / state

DNA जांच मामला: विधायक महेश नेगी को सीजीएम कोर्ट से मिली 7 मई की तारीख, स्टे को लेकर HC में भी होगी सुनवाई

सुनवाई के दौरान आरोपी बीजेपी विधायक पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने सीजेएम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को डीएनए जांच मामले में पहले से हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है, जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में आगामी 27 अप्रैल 2021 को होगी.

विधायक दुष्कर्म मामला
विधायक दुष्कर्म मामला
author img

By

Published : Apr 9, 2021, 7:07 PM IST

देहरादून: दुष्कर्म मामले में फंसे बीजेपी विधायक महेश नेगी का डीएनए जांच मामला देहरादून सीजीएम कोर्ट में तकनीकी कारणों से फिलहाल अटक गया है. निचली अदालतों के न्यायाधीशों के तबादले होने के कारण देहरादून सीजेएम न्यायाधीश का उधम सिंह नगर में ट्रांसफर हो गया है. इसी कारण अपील के मुताबिक अगली सुनवाई की तिथि का आदेश नहीं दे सके. ऐसे में अब डीएनए जांच को लेकर पहले से तय हाई कोर्ट में 27 अप्रैल 2021 को सुनवाई की तिथि तय है.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आरोपी बीजेपी विधायक पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने सीजेएम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को डीएनए जांच मामले में पहले से हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है, जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में आगामी 27 अप्रैल 2021 को होगी. ऐसे में सीजीएम कोर्ट से उनको हाई कोर्ट की तिथि अनुसार आगे की तारीख दी जाए.

अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने बताया कि देहरादून सीजेएम न्यायाधीश का उधम सिंह नगर में ट्रांसफर हो गया है. इसी कारण वह अपील मुताबिक अगली सुनवाई तिथि आदेश नहीं दे सके. ऐसे में अब डीएनए को लेकर पहले से तय हाईकोर्ट में 27 अप्रैल 2021 को सुनवाई तिथि मुकर्रर है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेट में आज होगा नाइट कर्फ्यू पर निर्णय, CM ने कही ये बात

वहीं, दुष्कर्म मामले में फंसे बीजेपी विधायक डीएनए जांच मामले में अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने कहा कि जब आरोप लगाने वाली महिला पहले से शादीशुदा है और शादी के उपरांत ही उसका बच्चा पैदा हुआ है तो ऐसे में विधायक पर जैविक पिता का आरोप लगाकर डीएनए टेस्ट कराने का क्या औचित्य है.

अधिवक्ता कोटियाल के मुताबिक यह पूरा प्रकरण शिकायतकर्ता महिला द्वारा विधायक नेगी को ब्लैकमेलिंग करने से जुड़ा है. ऐसे में वह कानूनी रूप में डीएनए जांच का विरोध करते हैं. इतना ही नहीं अधिवक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिकायतकर्ता महिला ने अपने रजामंदी के साथ आरोप के मुताबिक अलग-अलग होटल जैसे स्थानों में विधायक के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं. इतना ही बच्ची के जन्म पर उत्तर प्रदेश के मेरठ अस्पताल शिकायतकर्ता महिला का पति का नाम ही दर्ज है. ऐसे में यह मामला ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है.

अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल के मुताबिक डीएनए जांच मामले में विधायक को पहले ही 27 अप्रैल तक हाई कोर्ट से स्टे मिला हुआ है. जबकि कोर्ट ने सरकारी पक्ष को 3 हफ्ते में इस मामले में जवाब दाखिल करने को भी कहा है. ऐसे में निचली अदालत में डीएनए मामले को हाई कोर्ट से आगे की तारीख देने की दरख्वास्त की गई है.

देहरादून: दुष्कर्म मामले में फंसे बीजेपी विधायक महेश नेगी का डीएनए जांच मामला देहरादून सीजीएम कोर्ट में तकनीकी कारणों से फिलहाल अटक गया है. निचली अदालतों के न्यायाधीशों के तबादले होने के कारण देहरादून सीजेएम न्यायाधीश का उधम सिंह नगर में ट्रांसफर हो गया है. इसी कारण अपील के मुताबिक अगली सुनवाई की तिथि का आदेश नहीं दे सके. ऐसे में अब डीएनए जांच को लेकर पहले से तय हाई कोर्ट में 27 अप्रैल 2021 को सुनवाई की तिथि तय है.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आरोपी बीजेपी विधायक पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने सीजेएम कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को डीएनए जांच मामले में पहले से हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है, जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में आगामी 27 अप्रैल 2021 को होगी. ऐसे में सीजीएम कोर्ट से उनको हाई कोर्ट की तिथि अनुसार आगे की तारीख दी जाए.

अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने बताया कि देहरादून सीजेएम न्यायाधीश का उधम सिंह नगर में ट्रांसफर हो गया है. इसी कारण वह अपील मुताबिक अगली सुनवाई तिथि आदेश नहीं दे सके. ऐसे में अब डीएनए को लेकर पहले से तय हाईकोर्ट में 27 अप्रैल 2021 को सुनवाई तिथि मुकर्रर है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड कैबिनेट में आज होगा नाइट कर्फ्यू पर निर्णय, CM ने कही ये बात

वहीं, दुष्कर्म मामले में फंसे बीजेपी विधायक डीएनए जांच मामले में अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल ने कहा कि जब आरोप लगाने वाली महिला पहले से शादीशुदा है और शादी के उपरांत ही उसका बच्चा पैदा हुआ है तो ऐसे में विधायक पर जैविक पिता का आरोप लगाकर डीएनए टेस्ट कराने का क्या औचित्य है.

अधिवक्ता कोटियाल के मुताबिक यह पूरा प्रकरण शिकायतकर्ता महिला द्वारा विधायक नेगी को ब्लैकमेलिंग करने से जुड़ा है. ऐसे में वह कानूनी रूप में डीएनए जांच का विरोध करते हैं. इतना ही नहीं अधिवक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिकायतकर्ता महिला ने अपने रजामंदी के साथ आरोप के मुताबिक अलग-अलग होटल जैसे स्थानों में विधायक के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं. इतना ही बच्ची के जन्म पर उत्तर प्रदेश के मेरठ अस्पताल शिकायतकर्ता महिला का पति का नाम ही दर्ज है. ऐसे में यह मामला ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है.

अधिवक्ता राजेंद्र कोटियाल के मुताबिक डीएनए जांच मामले में विधायक को पहले ही 27 अप्रैल तक हाई कोर्ट से स्टे मिला हुआ है. जबकि कोर्ट ने सरकारी पक्ष को 3 हफ्ते में इस मामले में जवाब दाखिल करने को भी कहा है. ऐसे में निचली अदालत में डीएनए मामले को हाई कोर्ट से आगे की तारीख देने की दरख्वास्त की गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.