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उत्तराखंड में भारत बंद का मिलाजुला असर, कहीं उग्र हुए किसान तो कहीं नेताओं ने काटा हंगामा

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आज 'भारत बंद' का आह्वान किया था. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान सड़कों पर हैं. उत्तराखंड में भारत बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया.

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भारत बंद का उत्तराखंड में मिला-जुला असर
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Published : Dec 8, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 7:12 PM IST

नैनीताल/देहरादून/यूएस नगर/अल्मोड़ा/हरिद्वार:उत्तराखंड में किसानों के भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. मैदानी जिलों में जहां बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. वहीं पहाड़ी जिलों में भारत बंद का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला. उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन भी दोपहर तीन बजे के बाद ही बंद रहा. वहीं कुछ जगहों पर किसानों ने चक्काजाम भी किया. पूरे प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस फोर्स तैनात किया गया था.

पढ़ें- कुमाऊं में भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद, गढ़वाल में है कम अस

नैनीताल में खुला रहा बाजार

सरोवर नगरी नैनीताल में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा. नैनीताल के सभी बाजार रोज की तरह खुले रहे. व्यापार मंडल ने बाजार खोलने की घोषणा की थी और पर्यटक नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर घूमते दिखे.

राजधानी में कांग्रेसियों लगाया जाम

राजधानी देहरादून में किसानों के भारत बंद का मिला जुलाअसर देखने को मिला. किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कांग्रेसियों ने देहरादून के घंटाघर पर सड़क पर चक्का जाम करने की कोशिश की. हालांकि इस दौरान वहां पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. इसके अलावा सीपीआई, सीपीएम, समाजवादी पार्टी, यूकेडी और बहुजन समाजवादी पार्टी के अलावा उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के कार्यकर्ता और नेता शामिल ने देहरादून के गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया.

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देहरादून के गांधी पार्क में प्रदर्शन करते विभिन्न संगठन.

रामनगर में खुली रही दुकानें

किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद के तहत रामनगर का पीरु मदारा का मुख्य बाजार पूरी तरह से बंद रहा. वहीं शहर के अन्य बाजार खुले रहे. पीरु मदारा चौराहे पर किसान संघ के अध्यक्ष दीवान कटारिया के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कटारिया ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आज तो केवल भारत बंद हुआ है. आने वाले समय में चक्का जाम जैसी स्थिति भी करने को बाध्य होंगे.

मसूरी में विरोध में प्रदर्शन

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर मसूरी में कांग्रेस, भारतीय जन नाटय संघ और संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि मसूरी में भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिली. यहां के सभी बाजार रोज तरह खुले.

पढ़ें- LIVE भारत बंद: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान किसान की मौत

हरिद्वार में भारत बंद बेअसर

हरिद्वार में भारत बंद बेअसर रहा. हालांकि तमाम राजनीतिक दलों ने कृषि कानूनों को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन जरूर किया. उन्होंने बाजारों में जाकर व्यापारियों से अपील कि वे अपने प्रतिष्ठान बंद कर भारत बंद का समर्थन करें. बावजूद इसके हरिद्वार में कोई भी बाजार बंद नहीं हुआ. शहर में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी तरह का माहौल खराब न हो, इसकों लेकर पुलिस-प्रशासन पहले से ही अलर्ट था. सुरक्षा की दृष्टि से हरिद्वार को 7 सुपर जोन, 17 जोन और 71 सेक्टरों में बांटा गया था. टैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने किसानों के समर्थन में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. वहीं भीम आर्मी ने भी कई संगठनों के साथ मिलकर किसानों के समर्थन में मार्च निकाला.

अल्मोड़ा में खुला बाजार

अल्मोड़ा के सभी बाजार रोज की तरह खुले. हालांकि किसानों के भारत बंद के समर्थन में आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

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अल्मोड़ा में खुला रहा बाजार

सितारगंज में किसानों को मिला व्यापारी का समर्थन

उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में व्यापारियों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया. किसान आंदोलन के समर्थन में सितारगंज का बाजार पूरी तरह से बंद रहा. प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल सितारगंज ने अपने सभी प्रतिष्ठान बंद रखे. साथ ही किसानों ने हाथों में गन्ना और अन्य फसलों को लेकर बाजारों में प्रदर्शन किया.

लक्सर में नोकझोंक के साथ किसानों का प्रदर्शन

लक्सर में कुछ दुकानों को छोड़कर लगभग पूरा बाजार खुला रहा. लक्सर में भारत बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला. हालांकि देहात क्षेत्र से ट्रैक्टर ट्रॉली में आए सैकड़ों किसानों ने रुड़की तिराहे से लेकर बालावाली तिराहे तक जमकर मार्च निकाला. इस दौरान दुकानों को बंद कराने को लेकर किसानों की व्यापारियों के साथ नोकझोक भी हुई.

पढ़ें- मुख्यमंत्री की विधानसभा ने किया बंद का समर्थन, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों का प्रदर्शन

खटीमा में भारत बंद का असर

खटीमा के बाजारों में मंगलवार को सन्नाटा पसरा रहा. जिन जगहों पर दुकानें खुली थी, उन्हें किसानों ने जबरन बंद करा दिया. किसान और कांग्रेस नेताओं ने शहर के मुख्य चौराहे पर धरना भी दिया.

काशीपुर में किसानों ने लगाया जाम

काशीपुर और आसपास के क्षेत्र में भारत बंद का व्यापक असर दिखा. इस दौरान किसानों ने टांडा तिराहा पर जाम लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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किसानों आंदोलन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन.

जसपुर में किसानों ने जुलूस निकाला

जसपुर में किसानों संगठनों ने जुलूस निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. शहर में किसी तरह की शांति व्यवस्था न खराब हो इसके लिए पहले से ही भारी पुलिस तैनात किया गया था.

बाजपुर में पेट्रोल पंप भी बंद रहे

किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए बाजपुर में बाजारों के साथ शहर के सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे. भगत सिंह चौक पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

रुड़की में किसानों ने लगाया जाम

भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) के किसानों ने नेशनल हाईवे-73 पर रामपुर चुंगी के पास चक्का जाम किया. भीम आर्मी भी किसानों के साथ नजर आई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राहगीरों के साथ बदसलूकी भी की. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.

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प्रदर्शन करते किसान संगठन के कार्यकर्ता.

गदरपुर में कांग्रेस और किसानों का विरोध प्रदर्शन

गदरपुर के दिनेशपुर क्षेत्र में कांग्रेसियों ने किसानों के साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

चंपावत में बेअसर रहा भारत बंद

कृषि बिलों के विरोध में किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का चंपावत जिले में कोई असर नहीं दिखाई दिया. मंगलवार को सामान्य दिनों की तरह बाजार खुले और रोडवेज सहित सभी वाहनों का संचालन होता रहा. हालांकि कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने गांधी मूर्ति के पास किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

हरिद्वार में किसानों ने किया चक्का जाम

कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद के दौरान ज्वालापुर कोतवली क्षेत्र में किसानों सड़क पर जाम लगा दिया है. कई घंटे तक वहां जाम लगा रहा.

बीजेपी ने विपक्ष पर साधा निशाना

भारत बंद को लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. हल्द्वानी में बीजेपी के महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने भारत बंद को विफल बताते हुए विपक्ष पर हमला किया. राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि 18 राजनीतिक पार्टियों किसानों की आड़ लेकर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रही हैं, लेकिन आज भारत बंदी का उत्तराखंड और कुमाऊं में कोई असर नहीं हुआ है.

पिथौरागढ़ में दिखा भारत बंद का असर

किसानों के भारत बंद का पिथौरागढ़ में व्यापक असर देखने को मिला है. जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद नजर आए. कृषि कानूनों कोवापस लिए जाने के लिए बुलाए गए बंद को सभी विपक्षी दलों ने पूरा समर्थन दिया है. कांग्रेस ने जहां केन्द्र सरकार का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया, वहीं आम आदमी पार्टी ने धरना देकर अपने गुस्से का इजहार किया.

आप ने साधा निशाना

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंदर आनंद ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को नजरबंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है, जिसमें मुख्यमंत्री को अपने लोगों से मिलने से रोका जा रहा है और उनको नजरबंद किया जा रहा है. आप का कहना है कि जब केजरीवाल सोमवार सिंघु बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए. तब से ही केंद्र की बीजेपी सरकार उनके पीछे पड़ गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी केंद्र सरकार की मंशा को अरविंद केजरीवाल ने सफल नहीं होने दिया था.

नैनीताल/देहरादून/यूएस नगर/अल्मोड़ा/हरिद्वार:उत्तराखंड में किसानों के भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. मैदानी जिलों में जहां बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. वहीं पहाड़ी जिलों में भारत बंद का कुछ खास असर देखने को नहीं मिला. उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन भी दोपहर तीन बजे के बाद ही बंद रहा. वहीं कुछ जगहों पर किसानों ने चक्काजाम भी किया. पूरे प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस फोर्स तैनात किया गया था.

पढ़ें- कुमाऊं में भारत बंद के समर्थन में बाजार बंद, गढ़वाल में है कम अस

नैनीताल में खुला रहा बाजार

सरोवर नगरी नैनीताल में भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा. नैनीताल के सभी बाजार रोज की तरह खुले रहे. व्यापार मंडल ने बाजार खोलने की घोषणा की थी और पर्यटक नैनीताल के पर्यटन स्थलों पर घूमते दिखे.

राजधानी में कांग्रेसियों लगाया जाम

राजधानी देहरादून में किसानों के भारत बंद का मिला जुलाअसर देखने को मिला. किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कांग्रेसियों ने देहरादून के घंटाघर पर सड़क पर चक्का जाम करने की कोशिश की. हालांकि इस दौरान वहां पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. इसके अलावा सीपीआई, सीपीएम, समाजवादी पार्टी, यूकेडी और बहुजन समाजवादी पार्टी के अलावा उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के कार्यकर्ता और नेता शामिल ने देहरादून के गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया.

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देहरादून के गांधी पार्क में प्रदर्शन करते विभिन्न संगठन.

रामनगर में खुली रही दुकानें

किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद के तहत रामनगर का पीरु मदारा का मुख्य बाजार पूरी तरह से बंद रहा. वहीं शहर के अन्य बाजार खुले रहे. पीरु मदारा चौराहे पर किसान संघ के अध्यक्ष दीवान कटारिया के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कटारिया ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो आज तो केवल भारत बंद हुआ है. आने वाले समय में चक्का जाम जैसी स्थिति भी करने को बाध्य होंगे.

मसूरी में विरोध में प्रदर्शन

कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर मसूरी में कांग्रेस, भारतीय जन नाटय संघ और संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि मसूरी में भी भारत बंद का कोई असर देखने को नहीं मिली. यहां के सभी बाजार रोज तरह खुले.

पढ़ें- LIVE भारत बंद: सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन के दौरान किसान की मौत

हरिद्वार में भारत बंद बेअसर

हरिद्वार में भारत बंद बेअसर रहा. हालांकि तमाम राजनीतिक दलों ने कृषि कानूनों को लेकर शहर में विरोध प्रदर्शन जरूर किया. उन्होंने बाजारों में जाकर व्यापारियों से अपील कि वे अपने प्रतिष्ठान बंद कर भारत बंद का समर्थन करें. बावजूद इसके हरिद्वार में कोई भी बाजार बंद नहीं हुआ. शहर में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी तरह का माहौल खराब न हो, इसकों लेकर पुलिस-प्रशासन पहले से ही अलर्ट था. सुरक्षा की दृष्टि से हरिद्वार को 7 सुपर जोन, 17 जोन और 71 सेक्टरों में बांटा गया था. टैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने किसानों के समर्थन में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. वहीं भीम आर्मी ने भी कई संगठनों के साथ मिलकर किसानों के समर्थन में मार्च निकाला.

अल्मोड़ा में खुला बाजार

अल्मोड़ा के सभी बाजार रोज की तरह खुले. हालांकि किसानों के भारत बंद के समर्थन में आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

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अल्मोड़ा में खुला रहा बाजार

सितारगंज में किसानों को मिला व्यापारी का समर्थन

उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में व्यापारियों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया. किसान आंदोलन के समर्थन में सितारगंज का बाजार पूरी तरह से बंद रहा. प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल सितारगंज ने अपने सभी प्रतिष्ठान बंद रखे. साथ ही किसानों ने हाथों में गन्ना और अन्य फसलों को लेकर बाजारों में प्रदर्शन किया.

लक्सर में नोकझोंक के साथ किसानों का प्रदर्शन

लक्सर में कुछ दुकानों को छोड़कर लगभग पूरा बाजार खुला रहा. लक्सर में भारत बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला. हालांकि देहात क्षेत्र से ट्रैक्टर ट्रॉली में आए सैकड़ों किसानों ने रुड़की तिराहे से लेकर बालावाली तिराहे तक जमकर मार्च निकाला. इस दौरान दुकानों को बंद कराने को लेकर किसानों की व्यापारियों के साथ नोकझोक भी हुई.

पढ़ें- मुख्यमंत्री की विधानसभा ने किया बंद का समर्थन, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों का प्रदर्शन

खटीमा में भारत बंद का असर

खटीमा के बाजारों में मंगलवार को सन्नाटा पसरा रहा. जिन जगहों पर दुकानें खुली थी, उन्हें किसानों ने जबरन बंद करा दिया. किसान और कांग्रेस नेताओं ने शहर के मुख्य चौराहे पर धरना भी दिया.

काशीपुर में किसानों ने लगाया जाम

काशीपुर और आसपास के क्षेत्र में भारत बंद का व्यापक असर दिखा. इस दौरान किसानों ने टांडा तिराहा पर जाम लगाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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किसानों आंदोलन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन.

जसपुर में किसानों ने जुलूस निकाला

जसपुर में किसानों संगठनों ने जुलूस निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. शहर में किसी तरह की शांति व्यवस्था न खराब हो इसके लिए पहले से ही भारी पुलिस तैनात किया गया था.

बाजपुर में पेट्रोल पंप भी बंद रहे

किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए बाजपुर में बाजारों के साथ शहर के सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे. भगत सिंह चौक पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

रुड़की में किसानों ने लगाया जाम

भारतीय किसान यूनियन (अम्बावत) के किसानों ने नेशनल हाईवे-73 पर रामपुर चुंगी के पास चक्का जाम किया. भीम आर्मी भी किसानों के साथ नजर आई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राहगीरों के साथ बदसलूकी भी की. मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था.

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प्रदर्शन करते किसान संगठन के कार्यकर्ता.

गदरपुर में कांग्रेस और किसानों का विरोध प्रदर्शन

गदरपुर के दिनेशपुर क्षेत्र में कांग्रेसियों ने किसानों के साथ मिलकर तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.

चंपावत में बेअसर रहा भारत बंद

कृषि बिलों के विरोध में किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का चंपावत जिले में कोई असर नहीं दिखाई दिया. मंगलवार को सामान्य दिनों की तरह बाजार खुले और रोडवेज सहित सभी वाहनों का संचालन होता रहा. हालांकि कांग्रेस और सपा के कार्यकर्ताओं ने गांधी मूर्ति के पास किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

हरिद्वार में किसानों ने किया चक्का जाम

कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद के दौरान ज्वालापुर कोतवली क्षेत्र में किसानों सड़क पर जाम लगा दिया है. कई घंटे तक वहां जाम लगा रहा.

बीजेपी ने विपक्ष पर साधा निशाना

भारत बंद को लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. हल्द्वानी में बीजेपी के महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने भारत बंद को विफल बताते हुए विपक्ष पर हमला किया. राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि 18 राजनीतिक पार्टियों किसानों की आड़ लेकर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रही हैं, लेकिन आज भारत बंदी का उत्तराखंड और कुमाऊं में कोई असर नहीं हुआ है.

पिथौरागढ़ में दिखा भारत बंद का असर

किसानों के भारत बंद का पिथौरागढ़ में व्यापक असर देखने को मिला है. जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाकों में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद नजर आए. कृषि कानूनों कोवापस लिए जाने के लिए बुलाए गए बंद को सभी विपक्षी दलों ने पूरा समर्थन दिया है. कांग्रेस ने जहां केन्द्र सरकार का पुतला जलाकर प्रदर्शन किया, वहीं आम आदमी पार्टी ने धरना देकर अपने गुस्से का इजहार किया.

आप ने साधा निशाना

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रविंदर आनंद ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को नजरबंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है, जिसमें मुख्यमंत्री को अपने लोगों से मिलने से रोका जा रहा है और उनको नजरबंद किया जा रहा है. आप का कहना है कि जब केजरीवाल सोमवार सिंघु बॉर्डर पर किसानों से मिलने गए. तब से ही केंद्र की बीजेपी सरकार उनके पीछे पड़ गई है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी केंद्र सरकार की मंशा को अरविंद केजरीवाल ने सफल नहीं होने दिया था.

Last Updated : Dec 8, 2020, 7:12 PM IST
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