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डॉ अयोध्या ने टीबी डिपार्टमेंट को बनाया था अय्याशी का अड्डा, पीड़ित की जुबानी सुनिए - नाबालिग का शारीरिक शोषण

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में टीबी डिपार्टमेंट में तैनात डॉक्टर पर 10वीं की छात्रा ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं. मामले में पीड़िता के पिता ने कोतवाली में डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल, डॉक्टर फरार चल रहा है. वहीं, पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर को जेल भेजने की मांग की है.

physical abuse of minor
नाबालिग का शारीरिक शोषण
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Published : Apr 1, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 11:58 AM IST

देहरादूनः जिले के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में टीबी डॉट्स बीमारी का इलाज कराने के दौरान डॉक्टर द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ लगातार छेड़छाड़ व मानसिक उत्पीड़न कर ब्लैकमेल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज किए और साथ ही शनिवार को कोर्ट के समक्ष धारा 164 में बयान दर्ज किए जाएंगे. इस गंभीर प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद फरार आरोपी डॉक्टर द्वारा अन्य बालिकाओं के साथ भी चिकित्सा उपचार के दौरान छेड़छाड़ व शारीरिक उत्पीड़न के मामले भी अब सामने आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व के किसी भी मामले में लिखित शिकायत सामने न आने के चलते डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था. लेकिन अब 16 साल की 10वीं में पढ़ने वाली साहसी छात्रा ने अपने साथ हुए उत्पीड़न में न्याय की मांग करते हुए जल्द से जल्द आरोपी डॉक्टर को सलाखों के पीछे भेजने की गुहार लगाई है. ताकि उन लड़कियों को भी इंसाफ मिल सके जिनके साथ आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद द्वारा छेड़छाड़ और शारीरिक उत्पीड़न को अंजाम दिया गया. उधर, इस मामले में शहर कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट के मुताबिक, लगातार फरार डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पाए गए सबूतों के आधार पर निष्कासन की तैयारी जारी है.
ये भी पढ़ेंः काशीपुर में तांत्रिक हाजी नजाकत पर बच्ची से दुष्कर्म का आरोप, भेजा गया जेल

डॉक्टर को भेजा जाए जेलः वहीं, इस मामले में पीड़िता छात्रा के मुताबिक उन्हें दून अस्पताल प्रशासन की तरफ से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है. अस्पताल प्रबंधन का भी मानना है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ इस तरह के शर्मनाक करतूतों की पहले भी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं. लेकिन खुलकर किसी ने लिखित रूप में शिकायत नहीं दी. यही कारण रहा आरोपी के हौसले बुलंद होते रहे. लेकिन अब पर्याप्त सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है तो आरोपी को इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जिसमें दून अस्पताल प्रबंधन का पूरा सहयोग है.

वहीं, इस केस की पीड़िता नाबालिग छात्रा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि इलाज के नाम पर डॉ. अयोध्या प्रसाद ने लगातार उसे शारीरिक और मानसिक रूप में प्रताड़ित करने का प्रयास किया. इससे वह डिप्रेशन में आ गई थी. इसके बाद उसने परिवार को इस बात से अवगत कराया. अब न्याय के लिए कानून से गुहार लगाई है. ताकि ऐसे डॉक्टर को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.

आरोपी का निष्कासन तयः इस मामले में ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए देहरादून CMO (चीफ मेडिकल ऑफिसर) डॉ. मनोज उप्रेती ने साफ तौर पर कहा कि आरोपी डॉक्टर कि हम पूर्ण रूप से भर्त्सना करते हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. एक डॉक्टर द्वारा इलाज के नाम पर नाबालिग बच्ची के साथ जो काली करतूत की गई, वह अपने आप में डॉक्टर के पेशे को बदनाम करने के साथ ही इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है.

सीएमओ उप्रेती के मुताबिक, इस केस में टीबी डॉटस उपचार पेशे से जुड़े आरोपी डॉ. अयोध्या प्रसाद के खिलाफ सभी तरह के पर्याप्त साक्ष्य-सबूत मौजूद हैं. पुलिस के जांच के साथ-साथ आरोपी के खिलाफ जांच कमेटी तैयार हैं, जो डॉक्टर को निष्कासित करने के लिए डायरेक्टर जनरल हेल्थ (DG) के समक्ष रिपोर्ट पेश करेगी. डॉ. अयोध्या प्रसाद के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज है. ऐसे में उनकी गिरफ्तार के बाद स्वाभाविक रूप से स्वास्थ्य विभाग से निष्कासित होंगे.
ये भी पढ़ेंः दून अस्पताल में टीबी के इलाज के नाम पर नाबालिग का शारीरिक शोषण, डॉक्टर पर POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज

ये है पूरा मामला: 10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने बताया कि साल 2021 से उसका इलाज दून सरकारी अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था. इसी दौरान 22, फरवरी 2021 को वह चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गई. जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वह पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा. ऐसे में 4 मार्च, 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीवी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिले

चेकअप के बहाने कर रहा था शारीरिक शोषण: आरोप है कि डॉक्टर ने छात्रा को लगातार चेकअप करने के बहाने बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकत की. छात्रा ने डॉक्टर के गलत इरादे को समझने के बाद अस्पताल आने से मना कर दिया. आरोप है कि उसके बाद डॉक्टर प्रसाद लगातार उसे डरा-धमका कर अस्पताल आने में मजबूर करने लगे. लेकिन पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर से फोन पर साफ मना कर दिया. जिसके बाद भी डॉक्टर मानसिक रूप से लगातार फोन कर छात्रा को परेशान करता रहा.

देहरादूनः जिले के सबसे बड़े सरकारी दून अस्पताल में टीबी डॉट्स बीमारी का इलाज कराने के दौरान डॉक्टर द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ लगातार छेड़छाड़ व मानसिक उत्पीड़न कर ब्लैकमेल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, शुक्रवार को पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज किए और साथ ही शनिवार को कोर्ट के समक्ष धारा 164 में बयान दर्ज किए जाएंगे. इस गंभीर प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद फरार आरोपी डॉक्टर द्वारा अन्य बालिकाओं के साथ भी चिकित्सा उपचार के दौरान छेड़छाड़ व शारीरिक उत्पीड़न के मामले भी अब सामने आ रहे हैं.

बताया जा रहा है कि पूर्व के किसी भी मामले में लिखित शिकायत सामने न आने के चलते डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था. लेकिन अब 16 साल की 10वीं में पढ़ने वाली साहसी छात्रा ने अपने साथ हुए उत्पीड़न में न्याय की मांग करते हुए जल्द से जल्द आरोपी डॉक्टर को सलाखों के पीछे भेजने की गुहार लगाई है. ताकि उन लड़कियों को भी इंसाफ मिल सके जिनके साथ आरोपी डॉक्टर अयोध्या प्रसाद द्वारा छेड़छाड़ और शारीरिक उत्पीड़न को अंजाम दिया गया. उधर, इस मामले में शहर कोतवाल कैलाश चंद्र भट्ट के मुताबिक, लगातार फरार डॉक्टर की गिरफ्तारी को लेकर दबिश दी जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पाए गए सबूतों के आधार पर निष्कासन की तैयारी जारी है.
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डॉक्टर को भेजा जाए जेलः वहीं, इस मामले में पीड़िता छात्रा के मुताबिक उन्हें दून अस्पताल प्रशासन की तरफ से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है. अस्पताल प्रबंधन का भी मानना है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ इस तरह के शर्मनाक करतूतों की पहले भी कई शिकायतें सामने आ चुकी हैं. लेकिन खुलकर किसी ने लिखित रूप में शिकायत नहीं दी. यही कारण रहा आरोपी के हौसले बुलंद होते रहे. लेकिन अब पर्याप्त सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है तो आरोपी को इसके लिए कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जिसमें दून अस्पताल प्रबंधन का पूरा सहयोग है.

वहीं, इस केस की पीड़िता नाबालिग छात्रा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि इलाज के नाम पर डॉ. अयोध्या प्रसाद ने लगातार उसे शारीरिक और मानसिक रूप में प्रताड़ित करने का प्रयास किया. इससे वह डिप्रेशन में आ गई थी. इसके बाद उसने परिवार को इस बात से अवगत कराया. अब न्याय के लिए कानून से गुहार लगाई है. ताकि ऐसे डॉक्टर को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.

आरोपी का निष्कासन तयः इस मामले में ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए देहरादून CMO (चीफ मेडिकल ऑफिसर) डॉ. मनोज उप्रेती ने साफ तौर पर कहा कि आरोपी डॉक्टर कि हम पूर्ण रूप से भर्त्सना करते हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. एक डॉक्टर द्वारा इलाज के नाम पर नाबालिग बच्ची के साथ जो काली करतूत की गई, वह अपने आप में डॉक्टर के पेशे को बदनाम करने के साथ ही इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है.

सीएमओ उप्रेती के मुताबिक, इस केस में टीबी डॉटस उपचार पेशे से जुड़े आरोपी डॉ. अयोध्या प्रसाद के खिलाफ सभी तरह के पर्याप्त साक्ष्य-सबूत मौजूद हैं. पुलिस के जांच के साथ-साथ आरोपी के खिलाफ जांच कमेटी तैयार हैं, जो डॉक्टर को निष्कासित करने के लिए डायरेक्टर जनरल हेल्थ (DG) के समक्ष रिपोर्ट पेश करेगी. डॉ. अयोध्या प्रसाद के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज है. ऐसे में उनकी गिरफ्तार के बाद स्वाभाविक रूप से स्वास्थ्य विभाग से निष्कासित होंगे.
ये भी पढ़ेंः दून अस्पताल में टीबी के इलाज के नाम पर नाबालिग का शारीरिक शोषण, डॉक्टर पर POCSO एक्ट में मुकदमा दर्ज

ये है पूरा मामला: 10वीं में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा ने बताया कि साल 2021 से उसका इलाज दून सरकारी अस्पताल के टीबी डॉट्स डिपार्टमेंट में चल रहा था. इसी दौरान 22, फरवरी 2021 को वह चेकअप के लिए संबंधित डॉक्टर के पास गई. जहां पहले से एक्स-रे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर बताया गया कि अब वह पूरी तरह से नॉर्मल है, लेकिन रेगुलर चेकअप के लिए उन्हें बीच-बीच में आना पड़ेगा. ऐसे में 4 मार्च, 2022 को जब पीड़िता दून अस्पताल के टीवी डॉट्स डिपार्टमेंट में चेकअप के लिए गई तो वहां नए डॉक्टर अयोध्या प्रसाद मिले

चेकअप के बहाने कर रहा था शारीरिक शोषण: आरोप है कि डॉक्टर ने छात्रा को लगातार चेकअप करने के बहाने बुलाया और उसके साथ अश्लील हरकत की. छात्रा ने डॉक्टर के गलत इरादे को समझने के बाद अस्पताल आने से मना कर दिया. आरोप है कि उसके बाद डॉक्टर प्रसाद लगातार उसे डरा-धमका कर अस्पताल आने में मजबूर करने लगे. लेकिन पीड़िता ने आरोपी डॉक्टर से फोन पर साफ मना कर दिया. जिसके बाद भी डॉक्टर मानसिक रूप से लगातार फोन कर छात्रा को परेशान करता रहा.

Last Updated : Apr 2, 2022, 11:58 AM IST
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