देहरादून: सूबे की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य और उनके निदेशक वी. षणमुगम के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज अचानक राज्यमंत्री रेखा आर्य राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करने पहुंच गईं. जिसके बाद से ही अटकलें गर्म है कि राज्यमंत्री रेखा आर्य महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक आउटसोर्सिंग कंपनी को जारी किए गए टेंडर पर चर्चा करने पहुंची थी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज सचिवालय में राज्यमंत्री रेखा आर्य को टेंडर प्रक्रिया से जुड़ी फाइलों के साथ बुलाया गया था. हालांकि, जब इस संबंध में राज्यमंत्री रेखा आर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह उनकी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ एक सामान्य मुलाकात थी, रही बात उनके और उनके निदेशक के बीच चल रहे विवाद की तो यह पूरा मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है और इस पर जांच की जा रही है.
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बता दें कि राज्यमंत्री देखा आर्य और उनके विभाग के निदेशक वी. षणमुगम के बीच खड़े हुए विवाद का मुख्य कारण महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा कार्मिकों की भर्ती के लिए एक ऐसी निजी कंपनी को टेंडर जारी करना है, जो मानकों पर खरी नहीं उतरती.
ऐसे में इस पूरे मामले पर बातचीत करने के लिए राज्यमंत्री रेखा आर्य पिछले कई दिनों से विभागीय निदेशक को मिलने बुला रही हैं, लेकिन कई बार फोन लगाने पर भी उनसे संपर्क नहीं हो सका, तो राज्यमंत्री रेखा आर्य ने अपने ही विभाग के निदेशक की गुमशुदगी की शिकायत डीआईजी देहरादून से कर दी. अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पवार को सौंप दी है.