डोइवाला: राज्य सरकार के अधीन वन विकास निगम द्वारा संचालित उप खनिज निकासी पर रोक लगा दी गई है. डोइवाला में सोंग और जाखन नदी में 8 स्थानों पर वन विकास निगम द्वारा उप खनिज घाट बनाये गए हैं. 25 मई की शाम को आदेश जारी कर उप खनिज की निकासी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दिया गया है. अब तक विभाग अपना टारगेट भी पूरा नहीं कर पाया था. बरसात तक उप खनिज उठान पर रोक लगने के कारण अब लोगों को महंगे दामों पर रेत, बजरी और पत्थर खरीदने पड़ सकते हैं.
वन विकास निगम के प्रभागीय प्रबंधक शेर सिंह ने बताया कि 25 मई की शाम से खनन का काम बंद कर दिया गया है. इस बार डोइवाला के सबसे बड़े घाट धर्मुचक में 4 लाख 83 हजार 424 टन खनन निकासी की गई, जिससे करीब 9 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है. वहीं, दूसरे बड़े घाट रानीपोखरी में भी 4 करोड़ की राजस्व की प्राप्ति है.
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शेर सिंह ने बताया कि इस सत्र में बीच में कार्य बंद होने, हाई कोर्ट में मामला चलने व बाहर की गाड़ियां न आने की वजह से वन विकास निगम का टारगेट पूरा नहीं हो पाया है. उनके मुताबिक धर्मुचक खनन घाट पर 5 लाख 40 हजार टन उप खनिज निकासी का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 4 लाख 83 हजार 424 टन उपखनिज की निकासी ही हो पाई. वहीं, रानीपोखरी खनन निकासी गेट पर 4 लाख 9 हजार 500 तन के सापेक्ष, 2 लाख 36 हजार 121 टन की निकासी हो पाई.
उन्होंने बताया कि अभी तक सभी घाटों पर लक्ष्य के सापेक्ष 80 फीसदी खनन निकासी हो पाई है. खनन निकासी के लिए प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेज दिया गया है. जैसे ही खनन की अनुमति मिलेगी, खनन का काम शुरू किया जाएगा.
बता दें, डोइवाला की सोंग व जाखन नदी में उपखनिज उठान का कार्य किया जाता है और 8 घनन घाटों से उप खनिज की निकासी की जाती है. फिर इन उप खनिज की बिक्री बक्सर वाला, कालू वाला, रानीपोखरी, भोगपुर, माजरी, धर्मुचक, धनियाडी और गुलरघाटी में की जाती है. इन सभी स्थानों पर वन विकास निगम द्वारा तोल कांटे लगाए गए हैं.