मसूरीः एमडीडीएम यानी मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने मसूरी में बड़ी कार्रवाई की है. एमडीडीए ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया है. उधर, मसूरी देहरादून मार्ग पर सड़क किनारे से अतिक्रमण और अवैध निर्माण को चिन्हित करने गई टीम को लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा. इस दौरान तीखी नोकझोंक भी हुई.
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (Mussoorie Dehradun Development Authority) के अधिशासी अभियंता अतुल गुप्ता ने बताया कि स्मृति सिंह निवासी सरीला लॉज मसूरी ने सरीला लॉज पर अनाधिकृत रूप से निर्माण किया था. जिस पर प्राधिकरण ने उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश) नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत संबंधित धाराओं में कार्रवाई की. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण को सीज कर (MDDA seized Illegal construction) दिया है.
एसडीएम और एमडीडीए के संयुक्त सचिव शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि मसूरी में अवैध निर्माण को लेकर प्राधिकरण सख्त है. अगर कोई भी व्यक्ति बिना प्राधिकरण के अनुमति के निर्माण करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पहाड़ों की रानी मसूरी अपनी सुंदरता और खूबसूरती के लिए जानी जाती है. ऐसे में कुछ लोग अनाधिकृत रूप से निर्माण कर रहे हैं. जिस पर लगातार प्राधिकरण कार्रवाई कर रहा है.
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अवैध निर्माण चिन्हीकरण के दौरान तीखी नोक झोंकः मसूरी में अतिक्रमण (encroachment in mussoorie) को लेकर एमडीडीए और प्रशासन सख्त हो गया है. इसी कड़ी में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, राजस्व विभाग, वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मसूरी देहरादून मार्ग पर सड़क किनारे से अवैध अतिक्रमण और निर्माण को चिन्हित किया. इस दौरान मसूरी के भट्टा गांव लोगों ने टीम का घेराव कर दिया.
वहीं, मसूरी कोतवाल दिगपाल सिंह कोहली (Mussoorie Kotwal Digpal Singh Kohli) और भट्टा गांव के लोगों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी किया. ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले सड़क किनारे से अतिक्रमण को चिन्हित किया (Illegal construction in Mussoorie) गया था, जिसे ग्रामीणों ने हटा लिया था, लेकिन एक बार फिर से प्रशासन की ओर से लोगों का परेशान करने का काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि गांव में साल 1980 से पहले के मकान बने हुए हैं. जिसे एमडीडीए खुद अवैध बताकर चिन्हित कर रहा है. जो पूरी तरह से गलत है. जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. मामले में नायब तहसीलदार भोपाल सिंह चौहान (Naib Tehsildar Bhopal Singh Chauhan) का कहना है कि सभी चिन्हित अतिक्रमण और अवैध निर्माण को हटाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जा रहा है. अगर एक हफ्ते के बाद अतिक्रमण और अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो उसे बलपूर्वक हटाया जाएगा.