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बेटे की शादी के कार्ड बांट रहे थे पिता, मां खरीद रही थी गहने, तभी मिली लाडले की शहीद होने की खबर

शहीद चित्रेश की 7 मार्च को थी शादी. पिता थे शादी के कार्ड बांटने में व्यस्त. मां खरीद रही थी बहू के लिए गहना. तभी आये एक फोन कॉल ने उजाड़ दी सारी खुशियां.

शहीद चित्रेश
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Published : Feb 17, 2019, 2:56 PM IST

Updated : Feb 17, 2019, 3:28 PM IST

देहरादून: राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में 16 फरवरी को हुए ब्लास्ट में देहरादून के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए. शहादत की खबर उनके पिता को तब मिली जब वो अपने पैतृक गांव रानीखेत के पीपली में बेटे की शादी का कार्ड बांटने गए थे. उत्साह के साथ लोगों को अपनी खुशी में शामिल होना का आमंत्रण देने गए पिता को क्या पता था कि उनके घर में बहू का गृह प्रवेश नहीं बल्कि घर से बेटे की विदाई होगी.

लोग कहते हैं कि बेटे घर से विदा नहीं होते लेकिन हर उस परिवार को बेटे की विदाई करनी पड़ती है जो सरहद पर हमेशा के लिए सो जाता है. फक्र इतना होता है कि दिल में इस बात का गुस्सा और दुख होता है कि वो फिर कभी अपने बेटे-भाई-सुहाग से नहीं मिल पाएंगे.

16 फरवरी का दिन चित्रेश के परिवार के लिए वो काला दिन था जिसने उनकी सारी खुशियां छीन ली. बेटे की शादी की तैयारी में जुटा परिवार के चेहरे से खुशियां गायब हो गई और मातम छा गया. 16 फरवरी को राजौरी में ईडी ब्लास्ट में शहीद हुए चित्रेश बिष्ट के पिता को उनके शहीद होने की खबर तब मिली जब वो अपने पैतृक गांव रानीखेत के पीपली से बेटे की शादी का कार्ड बांटकर लौट रहे थे. उन्हें नहीं ही मालूम था कि शादी से कुछ दिन पहले ही उनका बेटा उन्हें यूं छोड़ कर चला जाएगा.

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उत्तराखंड पुलिस से रिटायर एसएस बिष्ट ने अपने बेटे चित्रेश बिष्ट की शादी अगले महीने 7 मार्च को तय हुई थी. देहरादून के एक होटल में होने वाली शादी में सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई थी. मां ने बहू की स्वागत के लिए सभी तैयारी भी पूरी कर ली थी. बस बचा था तो अपने रिश्तेदारों को कार्ड बांटना. कार्ड बांटने के दौरान ही परिवार की सारी हंसी-खुशी आंसुओं में तब्दील हो गई. चित्रेश के दोस्त ने उनकी मां को कॉल करके बताया था कि उनका बेटा वीरगति को प्राप्त हो गया है.

चित्रेश के परिजनों ने बताया कि उसने बीती शुक्रवार को ही अपने पिता से बात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी. इस दौरान शहीद ने मां से बात कर जल्द घर लौटने का वादा किया था. लेकिन इसके अगले ही दिन परिवार को शहादत की खबर मिलने से उनपर गम का पहाड़ टूट पड़ा. शहीद का पूरा परिवार घर में रोते-बिलखते एक कोने में बैठा हुआ है.

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देहरादून: राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में 16 फरवरी को हुए ब्लास्ट में देहरादून के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए. शहादत की खबर उनके पिता को तब मिली जब वो अपने पैतृक गांव रानीखेत के पीपली में बेटे की शादी का कार्ड बांटने गए थे. उत्साह के साथ लोगों को अपनी खुशी में शामिल होना का आमंत्रण देने गए पिता को क्या पता था कि उनके घर में बहू का गृह प्रवेश नहीं बल्कि घर से बेटे की विदाई होगी.

लोग कहते हैं कि बेटे घर से विदा नहीं होते लेकिन हर उस परिवार को बेटे की विदाई करनी पड़ती है जो सरहद पर हमेशा के लिए सो जाता है. फक्र इतना होता है कि दिल में इस बात का गुस्सा और दुख होता है कि वो फिर कभी अपने बेटे-भाई-सुहाग से नहीं मिल पाएंगे.

16 फरवरी का दिन चित्रेश के परिवार के लिए वो काला दिन था जिसने उनकी सारी खुशियां छीन ली. बेटे की शादी की तैयारी में जुटा परिवार के चेहरे से खुशियां गायब हो गई और मातम छा गया. 16 फरवरी को राजौरी में ईडी ब्लास्ट में शहीद हुए चित्रेश बिष्ट के पिता को उनके शहीद होने की खबर तब मिली जब वो अपने पैतृक गांव रानीखेत के पीपली से बेटे की शादी का कार्ड बांटकर लौट रहे थे. उन्हें नहीं ही मालूम था कि शादी से कुछ दिन पहले ही उनका बेटा उन्हें यूं छोड़ कर चला जाएगा.

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उत्तराखंड पुलिस से रिटायर एसएस बिष्ट ने अपने बेटे चित्रेश बिष्ट की शादी अगले महीने 7 मार्च को तय हुई थी. देहरादून के एक होटल में होने वाली शादी में सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई थी. मां ने बहू की स्वागत के लिए सभी तैयारी भी पूरी कर ली थी. बस बचा था तो अपने रिश्तेदारों को कार्ड बांटना. कार्ड बांटने के दौरान ही परिवार की सारी हंसी-खुशी आंसुओं में तब्दील हो गई. चित्रेश के दोस्त ने उनकी मां को कॉल करके बताया था कि उनका बेटा वीरगति को प्राप्त हो गया है.

चित्रेश के परिजनों ने बताया कि उसने बीती शुक्रवार को ही अपने पिता से बात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी. इस दौरान शहीद ने मां से बात कर जल्द घर लौटने का वादा किया था. लेकिन इसके अगले ही दिन परिवार को शहादत की खबर मिलने से उनपर गम का पहाड़ टूट पड़ा. शहीद का पूरा परिवार घर में रोते-बिलखते एक कोने में बैठा हुआ है.

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कल यानी 16 फरवरी को राजौरी में ईडी ब्लास्ट में शहीद हुए देहरादून के चित्रेश बिष्ट के पिता को उनके शहीद होने की खबर तब मिली जब वह अपने पैतृक गांव रानीखेत के पीपली में बेटे की शादी का कार्ड बांटने गए थे उन्हें नहीं ही मालूम था कि शादी से कुछ दिन पहले ही उनका बेटा उन्हें यूं छोड़ कर चला जाएगा



उत्तराखंड पुलिस से रिटायर एसएस बिष्ट के बेटे चित्रेश बिष्ट की शादी अगले महीने 7 मार्च को तय हुई थी देहरादून के सैफरन होटल में होने वाली शादी में सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई थी मां ने बहु के लिए सारे साजो सामान तैयार करवा लिए थे तो पिता ने अपने रिश्तेदारों को कार्ड बांट कर जल्दी ही घर आने का न्योता भी दे दिया था


चित्रेश भी अपने पिता से जल्दी ही देहरादून आने का वादा कर रहा था ताकि वह समय रहते अपने तमाम दोस्तों यारों को अपनी शादी में आमंत्रित कर सकें । लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था चित्रेश कल ईडी बम को डिफ्यूज करते हुए शहीद हो गए । परिवार को यह खबर तब मिली जब उनके पिता शादी के कार्ड बांट कर देहरादून वापसी कर रहे थे और चित्रेश के एक दोस्त उनको फोन किया तब चित्रेश के पिता ss बिष्ट फोन नहीं उठा पाए अब चित्रेश के दोस्त ने उनकी मां को कॉल किया और बताया कि चित्रेश की तबे बेहद खराब है। इसके बाद जब चित्रेश के पिता से दोस्त की बात हुई तब मालूम हुआ कि उनका बेटा शहीद हो गया है इस खबर के बाद पूरे घर में मातम पसर गया ।
Last Updated : Feb 17, 2019, 3:28 PM IST
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