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चारधाम में बढ़ने लगी तीर्थयात्रियों की संख्या, व्यवस्था करना बना चुनौती

चारधाम यात्रा एक महीने ही शेष रह गई है. चारोंधाम में सरकार ने तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या पर लगी रोक भी हटा दी है. ऐसे में चारोंधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी देखी गई है. इस कारण वहां पर व्यवस्थाएं मुकम्मल करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है.

चारधामों
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Published : Oct 11, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 7:16 PM IST

देहरादून: चारधाम में एक बार फिर रौनक लौट आई है. सीमित संख्या में श्रद्धालुओं का प्रतिबंध हटाते ही, बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम पहुंच रहे हैं. तीर्थ यात्रियों की संख्या को देखते हुए वहां पर व्यवस्थाएं मुकम्मल करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

चारधामों के कपाट बंद होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. चारधामों के कपाट 10 नवंबर के बाद बंद होने शुरू हो जाएंगे. ऐसे में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के पास महज एक महीने का ही समय है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारोंधाम पहुंच रहे हैं.

चारधाम में बढ़ने लगी तीर्थयात्रियों की संख्या

पढ़ें- जस्टिस संजय मिश्रा ने ली उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ

पिछले महीने के मुकाबले इस महीने चारोंधाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते दिनों व्यवस्थाओं में कुछ कमी की बात सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने भी आई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद चारोंधाम से संबंधित जिलाधिकारियों और एसपी को जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे.

उत्तराखंड हाईकोर्ट की रोक हटाने के बाद 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. तब से लेकर 10 अक्टूबर तक 72,206 श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं. 10 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम के 2,151, केदारनाथ धाम के 3,057, गंगोत्री धाम के 554 और यमुनोत्री धाम के 635 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं.

पढ़ें- अब तक 23 हजार श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन, यात्रा पड़ावों में लौटी रौनक

एक दिन में चारों धाम में सबसे ज्यादा 6,597 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. हालांकि अब ये आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार के सामने चुनौती ये है कि जिस तरह से चारोंधाम में यात्रियों की संख्या बढ़ी है, उस हिसाब से व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं.

चारोंधामों में व्यवस्थाओं को लेकर जब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. यदि अचानक भी वहां पर श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ जाती है, तो उसके लिए भी पर्याप्त इंतजाम हैं. वहीं मुख्यमंत्री भी लगातार चारधाम यात्रा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

पढ़ें- चारधाम दर्शन को लेकर भारी उत्साह, शनिवार को 5414 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वहीं इस बारे में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पहले जब यात्रा शुरू होती थी तो उस दौरान यात्रियों की संख्या एक साथ बढ़ती थी. उसी कारण से तब व्यवस्थाओं में थोड़ी कमी जरूर देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. क्योंकि चारधाम के कपाट खुलने के बाद पिछले साल की तरह ही चारधाम की यात्रा लेट शुरू की गई. इसीलिए इस बार व्यवस्थाएं थोड़ी मुकम्मल कर ली गई थीं. इसके बाद चार धाम की यात्रा शुरू होने से पहले भी व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया गया. लिहाजा चार धाम में आने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. साथ ही कहा कि व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. ऐसे में उम्मीद है कि चार धाम यात्रा के लिए जो समय बचा है उसमें आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी.

देहरादून: चारधाम में एक बार फिर रौनक लौट आई है. सीमित संख्या में श्रद्धालुओं का प्रतिबंध हटाते ही, बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम पहुंच रहे हैं. तीर्थ यात्रियों की संख्या को देखते हुए वहां पर व्यवस्थाएं मुकम्मल करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.

चारधामों के कपाट बंद होने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. चारधामों के कपाट 10 नवंबर के बाद बंद होने शुरू हो जाएंगे. ऐसे में उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के पास महज एक महीने का ही समय है. यही कारण है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारोंधाम पहुंच रहे हैं.

चारधाम में बढ़ने लगी तीर्थयात्रियों की संख्या

पढ़ें- जस्टिस संजय मिश्रा ने ली उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश पद की शपथ

पिछले महीने के मुकाबले इस महीने चारोंधाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. लेकिन यहां पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जो व्यवस्थाएं बनाई गई हैं, उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. बीते दिनों व्यवस्थाओं में कुछ कमी की बात सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने भी आई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद चारोंधाम से संबंधित जिलाधिकारियों और एसपी को जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे.

उत्तराखंड हाईकोर्ट की रोक हटाने के बाद 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. तब से लेकर 10 अक्टूबर तक 72,206 श्रद्धालु चार धाम के दर्शन कर चुके हैं. 10 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम के 2,151, केदारनाथ धाम के 3,057, गंगोत्री धाम के 554 और यमुनोत्री धाम के 635 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं.

पढ़ें- अब तक 23 हजार श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन, यात्रा पड़ावों में लौटी रौनक

एक दिन में चारों धाम में सबसे ज्यादा 6,597 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. हालांकि अब ये आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार के सामने चुनौती ये है कि जिस तरह से चारोंधाम में यात्रियों की संख्या बढ़ी है, उस हिसाब से व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं.

चारोंधामों में व्यवस्थाओं को लेकर जब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. यदि अचानक भी वहां पर श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ जाती है, तो उसके लिए भी पर्याप्त इंतजाम हैं. वहीं मुख्यमंत्री भी लगातार चारधाम यात्रा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

पढ़ें- चारधाम दर्शन को लेकर भारी उत्साह, शनिवार को 5414 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

वहीं इस बारे में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पहले जब यात्रा शुरू होती थी तो उस दौरान यात्रियों की संख्या एक साथ बढ़ती थी. उसी कारण से तब व्यवस्थाओं में थोड़ी कमी जरूर देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. क्योंकि चारधाम के कपाट खुलने के बाद पिछले साल की तरह ही चारधाम की यात्रा लेट शुरू की गई. इसीलिए इस बार व्यवस्थाएं थोड़ी मुकम्मल कर ली गई थीं. इसके बाद चार धाम की यात्रा शुरू होने से पहले भी व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया गया. लिहाजा चार धाम में आने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. साथ ही कहा कि व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं. ऐसे में उम्मीद है कि चार धाम यात्रा के लिए जो समय बचा है उसमें आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी.

Last Updated : Oct 11, 2021, 7:16 PM IST
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