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देहरादून में मंकर संक्रांति की धूम, गुड़ और तिल से महका बाजार

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Published : Jan 14, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Jan 15, 2020, 11:01 AM IST

मकर संक्रांति को लेकर देहरादून में लोगों के बीच उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं बाजारों में खरीददारों की भीड़ से दुकानदारों के चहरे पर खुशी देखी जा रही है. वहीं हरिद्वार सहित कई जगहों पर गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.

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मंकर संक्रांति की धूम

देहरादून: देशभर में मकर संक्रांति की धूम है. ऐसे में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मंकर संक्रांति को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. मकर संक्रांति में शगुन के तौर पर पूजा के बाद खाने में परोसे जाने वाली रेवड़ी, गजक, तिल के लड्डू, मुरमुरे, चुड़े की लोग बाजारों में खूब खरीददारी करते हुए दिखे.

बाजारों में रौनक

देहरादून की सबसे पुरानी मंडी मोती बाजार में गजक, रेवड़ी, तिल के लड्डू जैसे व्यंजनों से रौनक बढ़ी हुई है. यहां दुकानदारों में त्योहार को लेकर उत्साह देखा गया. खरीददारों की भीड़ से व्यापारियों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. वहीं मकर संक्रांति और खिचड़ी नाम से पहचान वाले इस खास त्योहार को लेकर लोगों ने अपने-अपने तरीके से चली आ रही संस्कृति से जुड़ी परंपरा के बारे में बताया.

ये भी पढ़े: मुंबई में उत्तराखंड भवन का सीएम त्रिवेंद्र रावत करेंगे लोकार्पण

इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में हरिद्वार के साथ-साथ अन्य स्थानों पर गंगा के घाटों पर स्नान करने का खास धार्मिक महत्व है. घरों में लोग तिल और गुड़ के बने व्यंजनों के साथ हल्दी और चावल का तिलक लगाकर त्योहार मनाने की परंपरा है. खिचड़ी के नाम से प्रचलित इस त्योहार में काले दाल की खिचड़ी को बनाना शुभ माना जाता है. वहीं मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा पुराने समय से चली आ रही है.

देहरादून: देशभर में मकर संक्रांति की धूम है. ऐसे में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मंकर संक्रांति को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. मकर संक्रांति में शगुन के तौर पर पूजा के बाद खाने में परोसे जाने वाली रेवड़ी, गजक, तिल के लड्डू, मुरमुरे, चुड़े की लोग बाजारों में खूब खरीददारी करते हुए दिखे.

बाजारों में रौनक

देहरादून की सबसे पुरानी मंडी मोती बाजार में गजक, रेवड़ी, तिल के लड्डू जैसे व्यंजनों से रौनक बढ़ी हुई है. यहां दुकानदारों में त्योहार को लेकर उत्साह देखा गया. खरीददारों की भीड़ से व्यापारियों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी. वहीं मकर संक्रांति और खिचड़ी नाम से पहचान वाले इस खास त्योहार को लेकर लोगों ने अपने-अपने तरीके से चली आ रही संस्कृति से जुड़ी परंपरा के बारे में बताया.

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इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. ऐसे में हरिद्वार के साथ-साथ अन्य स्थानों पर गंगा के घाटों पर स्नान करने का खास धार्मिक महत्व है. घरों में लोग तिल और गुड़ के बने व्यंजनों के साथ हल्दी और चावल का तिलक लगाकर त्योहार मनाने की परंपरा है. खिचड़ी के नाम से प्रचलित इस त्योहार में काले दाल की खिचड़ी को बनाना शुभ माना जाता है. वहीं मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा पुराने समय से चली आ रही है.

Intro:pls नोट- इस स्टोरी के विजुअल्स वाइट वॉक थ्रू FTP से भेजे गए हैं। फोल्डर-"uk_deh_02_makar_sangranti_vis_7200628" summary-मकर सक्रांति को लेकर लोगों भारी उत्साह,बाज़ारों में इन व्यंजनों बड़ी जमकर खरीदारी.. हर वर्ष लोहड़ी के एक दिन बाद आने वाले मकर संक्रांति त्यौहार को लेकर उत्तर भारत में खूब उत्साह से मनाया जा रहा हैं। इस बार भी यह त्योहार को दो दिन मंगलवार और बुद्धवार को गंगा स्नान से जोड़कर अलग- अलग स्थानों खूब धूमधाम से मनाया जा रहा हैं। उधर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी मंगलवार मकर संक्रांति में शगुन के तौर पूजा के बाद खाने में परोसे जाने वाली रेवड़ी, गजक, तिल के लड्डू, मुरमुरे के लड्डू,चुडा जैसे पकवान और व्यंजनों की खरीदारी के लिए लोग बाजारों में खूब खरीदारी करते हुए दिखे। वही इस त्यौहार के दौरान तिल व गुड़ जैसे खाद्य सामग्री से बने व्यंजनों की भारी डिमांड के चलते वर्षों से इस खास व्यवसाय से जुड़े दुकानदारों द्वारा कई दिनों से काफ़ी मात्रा में बिक्री होने वाला माल तैयार किया गया हैं जिसको खरीदने के लिए लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं।


Body: वही मकर संक्रांति त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह भरे अंदाज को लेकर ईटीवी भारत ने जब देहरादून सबसे पुराने मंडी के रूप में पहचान रखने वाले मोती बाजार का रुख किया, पिछले 50 से 60 सालों से गजक, रेवड़ी ,तिल के लड्डू जैसे व्यंजनों को तैयार करने वाले संजय जैसे पुराने दुकानदारों में बाजार में आई रोनक को लेकर खुशी का अंदाज देखा। वही गंगा स्नान के बाद मनाए जाने वाले मकर संक्रांति के दौरान शगुन के तौर पर पूजा के बाद खाए जाने वाले गुड दिल के व्यंजनों की खरीदारी को लेकर भी लोगों की भीड़ दुकानों में खूब उमड़ती दिखी। ईटीवी भारत से इस मौके पर विशेष बातचीत करते हुए जहां मकर संक्रांति के मौके पर तिल,चूड़ा,गजक,रेवड़ी जैसे गुड़ के व्यंजन बनाने वाले खानदानी दुकानदारों में त्योहार के दौरान बड़ी बिक्री के कारण चेहरे में आई रौनक लौट आयी हैं।। वही मकर संक्रांति और खिचड़ी नाम से पहचान वाले इस खास त्योहार को लेकर लोगों ने अपने-अपने तरीके से चली आ रही संस्कृति से जुड़ी परंपरा को बताया। walk through makar sankranti


Conclusion:मकर संक्रांति के त्योहार को खिचड़ी के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है मकर सक्रांति के त्यौहार को उत्तर भारत में खिचड़ी के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है ऐसे में हरिद्वार के साथ-साथ अन्य स्थानों होकर जाने वाले गंगा के घाटों पर सुबह से शाम तक मकर संक्रांति के दिन स्नान करने का खास महत्व भी पुरानी धार्मिक परंपरा के अनुसार है। घरों में तरह-तरह के तिल और गुड़ के बने व्यंजनों के साथ साथ हल्दी और चावल का तिलक लगाकर त्योहार को मनाने की परंपरा है। खिचड़ी के नाम से प्रचलित इस त्यौहार में काले दाल की खिचड़ी को बनाना शगुन माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन ही पतंग उड़ाने की भी परंपरा पुराने समय से चली आ रही है। खिचड़ी के नाम से इस त्यौहार को में माता पिता व बड़ो के द्वारा घर शादीशुदा बेटियों को रिश्तेदारों को बुलाकर हल्दी चावल का तिलक लगाकर खिचड़ी खिलाने की परंपरा भी पुराने समय से चली आ रही है।
Last Updated : Jan 15, 2020, 11:01 AM IST
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