देहरादूनः राजधानी में इन दिनों मुख्य सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई है. ऐसे में इन सड़कों से आवाजाही करने वालों को जान माल का खतरा बना रहता है. जी हां...राजधानी देहरादून के शिमला बाईपास रोड का इतना बुरा हाल है कि यहां गड्ढों में सड़कें हैं या गड्ढों में सड़क इसका पता ही नहीं चल पा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली शिमला बाईपास रोड साल 2019 मॉनसून के बाद से बदहाल स्थिति में है. जिसके चलते राहगीरों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
हिमाचल, हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले इस पूरे हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं कि जिनकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. स्थानीय लोगों की लाख शिकायतों के बावजूद उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के अधीन आने वाला लोक निर्माण विभाग गहरी नींद में हैं. उत्तराखंड में पहले दिन से केंद्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. फिर भी राजधानी देहरादून की सड़कों के इतने बुरे हाल है कि इन पर चलना राहगीरों के लिए दिनोंदिन घातक होता जा रहा है.
गत वर्ष मॉनसून गुजर जाने के बाद राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर शहर को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खस्ताहाल हो चुकी थी लेकिन मॉनसून के गुजर जाने के बाद भी सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ. हैरानी का विषय यह है कि जिस लोक निर्माण विभाग की कमान खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों में है, उसके बावजूद भी सड़कों का हालत बद से बदतर होती जा रही है.
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आए दिन हो रहे गंभीर हादसे
देहरादून का शिमला बाईपास रोड जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर की ओर जाता है, इस पूरे हाईवे में दो मानसून गुजर जाने के बावजूद सुधार नहीं हुआ. जगह-जगह इतने गड्ढे हो चुके हैं कि राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन सड़कों पर भारी भरकम गड्ढे में कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद विभाग का इस बदहाली की तरफ कोई ध्यान नहीं है. लोगों के मुताबिक, कई किलोमीटर तक शिमला बाईपास रोड आज गड्ढों में सड़क नजर आती है, जिसकी वजह से राहगीरों का चलना लगातार खतरनाक बना हुआ है. वहीं, कई शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है.