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राजधानी में बदहाल सड़कें हादसों को दे रही दावत, कुंभकर्णी नींद में सोया प्रशासन

राजधानी देहरादून में इन दिनों मुख्य मार्गों की हालत अत्यंत दयनीय है. लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. शिमला बाईपास रोड साल 2019 मॉनसून के बाद से बदहाल स्थिति में है. जिसके चलते यहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही है.

दून की मुख्य सड़कें बदहाल.
दून की मुख्य सड़कें बदहाल.
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Published : Jan 31, 2020, 5:00 PM IST

देहरादूनः राजधानी में इन दिनों मुख्य सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई है. ऐसे में इन सड़कों से आवाजाही करने वालों को जान माल का खतरा बना रहता है. जी हां...राजधानी देहरादून के शिमला बाईपास रोड का इतना बुरा हाल है कि यहां गड्ढों में सड़कें हैं या गड्ढों में सड़क इसका पता ही नहीं चल पा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली शिमला बाईपास रोड साल 2019 मॉनसून के बाद से बदहाल स्थिति में है. जिसके चलते राहगीरों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में मुख्य सड़कें बदहाल.

हिमाचल, हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले इस पूरे हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं कि जिनकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. स्थानीय लोगों की लाख शिकायतों के बावजूद उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के अधीन आने वाला लोक निर्माण विभाग गहरी नींद में हैं. उत्तराखंड में पहले दिन से केंद्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. फिर भी राजधानी देहरादून की सड़कों के इतने बुरे हाल है कि इन पर चलना राहगीरों के लिए दिनोंदिन घातक होता जा रहा है.

गत वर्ष मॉनसून गुजर जाने के बाद राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर शहर को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खस्ताहाल हो चुकी थी लेकिन मॉनसून के गुजर जाने के बाद भी सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ. हैरानी का विषय यह है कि जिस लोक निर्माण विभाग की कमान खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों में है, उसके बावजूद भी सड़कों का हालत बद से बदतर होती जा रही है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: फिर प्रशासनिक फेरबदल, देहरादून और हरिद्वार के DM बदले

आए दिन हो रहे गंभीर हादसे
देहरादून का शिमला बाईपास रोड जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर की ओर जाता है, इस पूरे हाईवे में दो मानसून गुजर जाने के बावजूद सुधार नहीं हुआ. जगह-जगह इतने गड्ढे हो चुके हैं कि राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन सड़कों पर भारी भरकम गड्ढे में कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद विभाग का इस बदहाली की तरफ कोई ध्यान नहीं है. लोगों के मुताबिक, कई किलोमीटर तक शिमला बाईपास रोड आज गड्ढों में सड़क नजर आती है, जिसकी वजह से राहगीरों का चलना लगातार खतरनाक बना हुआ है. वहीं, कई शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है.

देहरादूनः राजधानी में इन दिनों मुख्य सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई है. ऐसे में इन सड़कों से आवाजाही करने वालों को जान माल का खतरा बना रहता है. जी हां...राजधानी देहरादून के शिमला बाईपास रोड का इतना बुरा हाल है कि यहां गड्ढों में सड़कें हैं या गड्ढों में सड़क इसका पता ही नहीं चल पा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली शिमला बाईपास रोड साल 2019 मॉनसून के बाद से बदहाल स्थिति में है. जिसके चलते राहगीरों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राजधानी में मुख्य सड़कें बदहाल.

हिमाचल, हरियाणा और पंजाब को जोड़ने वाले इस पूरे हाईवे पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं कि जिनकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. स्थानीय लोगों की लाख शिकायतों के बावजूद उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के अधीन आने वाला लोक निर्माण विभाग गहरी नींद में हैं. उत्तराखंड में पहले दिन से केंद्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है. फिर भी राजधानी देहरादून की सड़कों के इतने बुरे हाल है कि इन पर चलना राहगीरों के लिए दिनोंदिन घातक होता जा रहा है.

गत वर्ष मॉनसून गुजर जाने के बाद राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर शहर को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की हालत खस्ताहाल हो चुकी थी लेकिन मॉनसून के गुजर जाने के बाद भी सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ. हैरानी का विषय यह है कि जिस लोक निर्माण विभाग की कमान खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों में है, उसके बावजूद भी सड़कों का हालत बद से बदतर होती जा रही है.

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: फिर प्रशासनिक फेरबदल, देहरादून और हरिद्वार के DM बदले

आए दिन हो रहे गंभीर हादसे
देहरादून का शिमला बाईपास रोड जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर की ओर जाता है, इस पूरे हाईवे में दो मानसून गुजर जाने के बावजूद सुधार नहीं हुआ. जगह-जगह इतने गड्ढे हो चुके हैं कि राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन सड़कों पर भारी भरकम गड्ढे में कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद विभाग का इस बदहाली की तरफ कोई ध्यान नहीं है. लोगों के मुताबिक, कई किलोमीटर तक शिमला बाईपास रोड आज गड्ढों में सड़क नजर आती है, जिसकी वजह से राहगीरों का चलना लगातार खतरनाक बना हुआ है. वहीं, कई शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है.

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summary-राजधानी देहरादून की जानलेवा खस्ताहाल सड़कें...


जिस प्रदेश की राजधानी की मुख्य सड़कें इस कदर खस्ताहाल हो कि उनमें हरदम जान माल का खतरा बना रहे तो इस व्यवस्था को आप क्या कहेंगे। जी हां उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शिमला बाईपास रोड का इतना बुरा हाल है कि यहां गड्ढों में सड़के हैं या सड़कों में गड्ढे इसका पता ही नहीं चल पा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली शिमला बाईपास रोड वर्ष 2019 मानसून के बाद से इस कदर बदहाल स्थिति में है कि, राहगीरों का इससे चलना दुश्वार हो चुका है। हिमाचल हरियाणा पंजाब को जोड़ने वाले इस पूरे हाईवे पर जगह-जगह इस कदर गड्ढे हो चुके हैं कि आए दिन इन गड्ढों की वजह से से सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। स्थानीय लोगों के लाख शिकायतों के बावजूद उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के अधीन आने वाला लोक निर्माण विभाग गहरी निंद्रा में हैं।


Body:मुख्यमंत्री के अधीन लोक निर्माण विभाग में सड़कों के मरम्मत की सुनवाई नहीं


उत्तराखंड में पहले दिन से केंद्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार की दुहाई देने वाली भाजपा सरकार में राजधानी देहरादून के ही सड़कों के इतने बुरे हाल है कि इन पर चलना राहगीरों के लिए दिनोंदिन घातक होता जा रहा है। गत वर्ष मानसून गुजर जाने के बाद राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर शहर को जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग सर के खस्ताहाल हो चुकी थी लेकिन एक मानसून गुजर जाने के बाद सर्द ऋतु की जमकर बारिश होने के उपरांत भी सड़कों की मरम्मत का कार्य नहीं देखे जा रहे हैं। हैरानी का विषय यह है कि जिस लोक निर्माण विभाग की कमान खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों में है, उसके बावजूद भी सड़कों का हालत बद से बदतर होती जा रही है।


Conclusion:आए दिन सड़क पर गड्ढों की वजह से होते हैं गंभीर हादसे, कोई सुनवाई नहीं: स्थानीय लोग

देहरादून का शिमला बाईपास रोड जो हरियाणा,पंजाब,हिमाचल व जम्मू कश्मीर की ओर जाता है इस पूरे हाईवे में दो मानसून गुजर जाने के बावजूद सुधार न होने पर जगह-जगह इतने गड्ढे हो चुके हैं कि वर्तमान समय में इसमें चलना राहगीरों के लिए खतरे का सबब बन चुका है। स्थानीय लोगों की मानें तो आए दिन सड़कों पर भारी भरकम गड्ढे में कई लोग गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं लेकिन उसके बावजूद विभाग का इस बदहाली की तरफ कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय लोगों के मुताबिक कई किलोमीटर तक शिमला बाईपास रोड आज गड्ढों में सड़क नजर आती है। जिसकी वजह से राहगीरों का चलना लगातार खतरनाक बना हुआ है, बदहाल सड़क पर कई शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है।

बाइट -साबिर अली, स्थानीय निवासी
बाइट मोहम्मद अरशद, स्थानीय निवासी
बाईट- अजीज अहमद, स्थानीय निवासी

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