देहरादूनः उत्तराखंड में महाभारत सर्किट हाउस बनाने की योजना अधर में लटकती नजर आ रही है. बीते साल ही राज्य सरकार ने महाभारत सर्किट का प्रोजेक्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था. जिससे केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना में महाभारत सर्किट योजना को शामिल किया जा सके, लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.
दरअसल, राज्य सरकार ने जौनसार-बाबर क्षेत्र में चकराता, त्यूणी, देववन और लाखामंडल के साथ उत्तरकाशी जिले के पुरोला तक फैले महाभारत काल के निशान को फिर से जीवंत करने के लिए महाभारत सर्किट बनाने का फैसला लिया था. इन क्षेत्रों में काफी कम संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं.
जिसकी वजह से राज्य सरकार इसे सर्किट हाउस के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है. इसका मकसद अछूते पर्यटक स्थल की ओर पर्यटकों को आकर्षित करना है, साथ ही पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करना है.
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100 करोड़ की लागत से बनेगा महाभारत सर्किट हाउस
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि महाभारत सर्किट हाउस योजना बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. यमुना घाटी में जौनसार बाबर और चकराता क्षेत्र में काफी सारे कतिपय मंदिर हैं. कई जगहों पर अनेक अवशेष भी पाए गए हैं. जिसे महाभारत काल से जोड़ कर देखा जा रहा है. उसी के आसपास सर्किट बनाया जाना है. जिसके लिए करीब 100 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया है. इस योजना का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है.
केंद्र से स्वीकृति के बाद शुरू होगा सर्किट हाउस का निर्माण
पर्यटन सचिव ने बताया कि सरकार की स्वदेश सुदर्शन योजना के तहत महाभारत सर्किट हाउस योजना प्रस्तावित है. मामले को लेकर केंद्र सरकार से पूर्व में चर्चा भी की जा चुकी है. अभी अन्य चर्चा होनी बाकी है. स्वीकृति मिलने के बाद ही इस योजना पर कार्रवाई शुरू की जाएगी.
उन्होंने कहा कि महाभारत सर्किट हाउस का निर्माण केंद्र सरकार की धनराशि से बनाने का प्रस्ताव है. किसी कारणवश स्वदेश सुदर्शन योजना के तहत केंद्र सरकार से धनराशि नहीं मिल पाती है तो राज्य सरकार की ओर से फेज वाइज सर्किट हाउस बनाने पर विचार किया जाएगा.