देहरादून: कोरोना वायरल को लेकर देशभर में अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड में भी कोरोना को लेकर खासी सतर्कता बरती जा रही है. देश में जहां अब तक 29 से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं तो वहीं प्रदेश में भी कोरोना वायरस से जुड़े कुछ संदिग्ध मरीज सामने आए हैं. हालांकि अभी तक किसी में भी पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन एलआईयू विभाग बाहर से आने वाले पर्यटकों के स्वास्थ्य पर खासी नजर रखी जा रही है. फिर भी एहतियातन इस संक्रामक रोग से बचाव और उपचार के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोगों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके लिए प्रशासन अपने स्तर से विशेष जागरुकता अभियान चला रहा है.
कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड पहुंचने वाले बाहरी पर्यटकों की मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसमें प्रदेश के तीनों हवाई अड्डों, अंतराष्ट्रीय सीमाओं से सटे सभी बॉर्डरों और चैक पॉइंट्स पर रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई है. इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी जिलों में ब्लॉक स्तर पर भी हर सुरक्षात्मक इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन का मानना है कि इस समय कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा विदेशी भूमि से पहुंचने वाले लोगों से है.
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उधर, बाहरी पर्यटकों पर लोकल इंटेलिजेंस यूनिट यानि LIU की टीम पैनी नजर रख रही है. ऐसे में उत्तराखंड में विदेशी पर्यटकों का भारी संख्या में आगमन प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी काफी बड़ी चुनौती है. वहीं, प्रदेश के ऋषिकेश, मसूरी और नैनीताल जैसे शहरों में विदेशी ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं, जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने कमर कस ली है. हालांकि, कोरोना वायरस का सबसे बड़ा खतरा हाई रिस्क कंट्री से आने वाले लोगों से है.
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वहीं, कोरोना वायरस से बचाव के लिए खुद का जागरुक होना सबसे ज्यादा जरूरी है, जिसे देखते हुए प्रदेश के सभी धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में इस संक्रमण को लेकर जागरुकता भी फैलाई जा रही है.