देहरादून: राजधानी देहरादून में प्रमोद कपूर की नई किताब 'लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस' का विमोचन किया गया. किताब का विमोचन लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व निदेशक डॉ. संजीव चोपड़ा ने किया. इस किताब में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम क्षणों के ऐतिहासिक पड़ाव को तथ्यों के साथ खूबसूरती से पेश किया गया है.
बता दें कि प्रमोद कपूर की यह दूसरी किताब है, पहली किताब इन्होंने गांधी पर लिखी थी. इस किताब के लिए प्रमोद कपूर ने करीब 3 साल रिसर्च किया और इन 3 सालों में देश-विदेश में घूम कर रिसर्च करने के बाद किताब लिखना शुरू किया. साथ ही 1946 वॉर के सेनानियों के परिवारों से मुलाकात भी की.
प्रमोद कपूर ने कहा कि '1946 रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी: लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस' किताब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम क्षणों की कहानी है. रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह के 75 साल पूरे होने पर 25 फरवरी को इस पुस्तक का विमोचन किया गया. इस किताब में देश की आजादी के जुड़े किस्सों को पिरोया गया है. इस किताब की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें तथ्यों के साथ उस दौर की कहानी को बताया गया है.
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विमोचन के साथ ही डॉ. संजीव चोपड़ा ने लेखक प्रमोद कपूर के साथ किताब के लेखन और ऐतिहासिक सन्दर्भ से संबंधित चर्चा भी की. पुस्तक का लोकार्पण 'वैली ऑफ वर्ड्स लिटरेचर फेस्टिवल' के बैनर तले किया जाएगा. जिसका छठा संस्करण आगामी नवम्बर में आयोजित होना है.
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इस सत्र की अध्यक्षता वसन्त लक्ष्मण कोप्पिकर (सेवानिवृत्त) PVSM, AVSM ने की. जल्द ही इस पुस्तक को भारथी पुथाकालयम द्वारा तमिल और लाइटस्टोन पब्लिशर्स द्वारा पाकिस्तान में प्रकाशित किया जाएगा.