देहरादून: अफ्रीकन फ्लू के बाद उत्तराखंड में लंपी वायरस ने दस्तक दे दी है. लंपी वायरस की वजह से उत्तराखंड में सैकड़ों भैसों की मौत हो चुकी है. वहीं हरिद्वार जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों में भी गाय-भैसों के अंदर लंपी वायरस मिला है, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं.
हरिद्वार का बहादराबाद इलाका लंपी वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां लंपी वायरस के करीब 1000 मामले मिल चुके हैं, जिसकी वजह से 325 से ज्यादा गाय-भैसों की मौत हो चुकी है. हरिद्वार में जिस तरह से लंपी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, उसने पशुपालन विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन विभाग की तरफ से 3,0000 वैक्सीनेशन मंगाने के आदेश दे दिए गए हैं, जिसमें से 16000 उधमसिंह नगर और 14000 हरिद्वार जिले में वैक्सीन भेजी जाएगी.
लंपी बीमारी की बात करें तो ये एक संक्रामक रोग है. लंपी की चपेट में आने वाले मवेशियों को बुखार आता है. मवेशी के पूरे शरीर में गांठ, नरम छाले पड़ जाते हैं. मुंह से लार निकलती है और आंख-नाक से भी स्राव होता है. पशु चिकित्सकों के मुताबिक, दूध उत्पादन में कमी आना, मवेशी का ठीक से भोजन नहीं कर पाना भी इस बीमारी के लक्षण हैं. गढ़वाल मंडल में इस बीमारी के फैलने के बाद अब कुमाऊं मंडल में भी पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. सभी डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है कि जिन भी पशुओं में यह लक्षण दिखे तुरंत उसका उपचार और वैक्सीनेशन करे.