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उपभोक्ता फोरम को लेकर ग्राहकों में जागरुकता की कमी, 30 साल में दर्ज हुए महज 10 हजार केस

देहरादून उपभोक्ता फोरम में 30 सालों में महज 11,485 मामले हुए दर्ज. 793 मामले अभी भी दर्ज.

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Published : Jun 7, 2019, 10:47 PM IST

Updated : Jun 7, 2019, 11:50 PM IST

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देहरादून: आए दिन ग्राहकों के साथ किसी न किसी रूप में ठगी व फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन, जिला उपभोक्ता फोरम (Consumer Court) में वाद दर्ज कराने को लेकर ग्राहकों में जागरूकता की काफी कमी देखी जा रही हैं. बीते 30 सालों में देहरादून जिला उपभोक्ता कोर्ट में मात्र 11,485 मामले ही दर्ज हुए हैं.

उपभोक्ता फोरम को लेकर ग्राहकों में जागरुकता की कमी.

1989 से अस्तित्व में आने के बाद कंज्यूमर कोर्ट में महज 11 हजार मामले दर्ज होने से साफ है कि लोगों में जिला उपभोक्ता फोरम को लेकर जागरुकता की कितनी कमी है, जबकि जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज हुए अधिकतर मुकदमों का फैसला ग्राहकों के पक्ष में ही आता है. बावजूद इसके जिला उपभोक्ता फोरम में पीड़ित ग्राहक वाद दायर करने में काफी पीछे हैं.

पढ़ें- शनिवार सुबह जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेगा पंत का पार्थिव शरीर, अंतेष्टि में शामिल हो सकते हैं राजनाथ सिंह

देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा इंश्योरेंस व बैकिंग क्षेत्रों में ग्राहकों से हुए फर्जीवाड़े के मामले दर्ज हुए हैं. आइये एक नजर डालते हैं 1988-89 से 31 मार्च 2019 तक देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज केसों पर-

सेक्टर संख्या निस्तारण लंबित वाद
इंश्योरेंस 1617 1337 280
बैंकिंग 588 120 32
मेडिकल 135 120 15
टेलीफोन 736 736 -
हाउसिंग 479 470 09
इलेक्ट्रिसिटी 320 320
एयरलाइंस 26 24 02
रेलवेज 69 69 -
अन्य मामले 7515 7060 455
कुल दर्ज मामले 11485 10692 793

(देहरादून उपभोक्ता फोरम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार)

लोगों के साथ ठगी करने का सबसे आसान तरीका होता है ऑनलाइन शॉपिंग. आये दिन ग्राहकों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में धोखाधड़ी हो जाती है. लेकिन, इसकी शिकायत उपभोक्ता केंद्र में लोग नहीं करते हैं. अब इसे समय की कमी कहें या जागरूकता की, लेकिन कंज्यूमर कोर्ट तक लोगों का न पहंचना चिंता का विषय है.

पढ़ें- पिरूल से बदलेगी उत्तराखंड की तकदीर, रोजगार के साथ लगेगी दावानल पर रोक


एक नजर साल डालते 2005 से लेकर 31 मार्च 2019 तक साल-दर-साल के आंकड़ों पर.

साल दायर वाद निस्तारण वर्ष के अंत में लंबित मामले
2005 176 187 765
2006 190 106 849
2007 196 636 409
2008 232 345 298
2009 225 291 293
2010 284 261 317
2011 317 224 311
2012 432 305 539
2013 504 157 886
2014 357 243 1000
2015 283 352 931
2016 304 341 894
2017 252 156 990
2018 218 277 831
1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक 38 76 793

(देहरादून उपभोक्ता फोरम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार)

जानकारों के अनुसार उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने को लेकर जनता को जागरूक करने के लिए कई अहम सुधार करने की आवश्यकता है. शिकायतें दर्ज न होना फोरम के अस्तित्व के लिए चिंता का विषय है. वहीं, जिला उपभोक्ता फोरम की मानें तो ग्राहकों के साथ ठगी व फर्जीवाड़ा के केस दर्ज करवाने और ग्राहकों के अधिकार के संबंध में समय-समय पर प्रचार-प्रसार किया जाता है. बावजूद इसके कंज्यूमर कोर्ट पर ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं.

देहरादून: आए दिन ग्राहकों के साथ किसी न किसी रूप में ठगी व फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन, जिला उपभोक्ता फोरम (Consumer Court) में वाद दर्ज कराने को लेकर ग्राहकों में जागरूकता की काफी कमी देखी जा रही हैं. बीते 30 सालों में देहरादून जिला उपभोक्ता कोर्ट में मात्र 11,485 मामले ही दर्ज हुए हैं.

उपभोक्ता फोरम को लेकर ग्राहकों में जागरुकता की कमी.

1989 से अस्तित्व में आने के बाद कंज्यूमर कोर्ट में महज 11 हजार मामले दर्ज होने से साफ है कि लोगों में जिला उपभोक्ता फोरम को लेकर जागरुकता की कितनी कमी है, जबकि जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज हुए अधिकतर मुकदमों का फैसला ग्राहकों के पक्ष में ही आता है. बावजूद इसके जिला उपभोक्ता फोरम में पीड़ित ग्राहक वाद दायर करने में काफी पीछे हैं.

पढ़ें- शनिवार सुबह जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेगा पंत का पार्थिव शरीर, अंतेष्टि में शामिल हो सकते हैं राजनाथ सिंह

देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा इंश्योरेंस व बैकिंग क्षेत्रों में ग्राहकों से हुए फर्जीवाड़े के मामले दर्ज हुए हैं. आइये एक नजर डालते हैं 1988-89 से 31 मार्च 2019 तक देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज केसों पर-

सेक्टर संख्या निस्तारण लंबित वाद
इंश्योरेंस 1617 1337 280
बैंकिंग 588 120 32
मेडिकल 135 120 15
टेलीफोन 736 736 -
हाउसिंग 479 470 09
इलेक्ट्रिसिटी 320 320
एयरलाइंस 26 24 02
रेलवेज 69 69 -
अन्य मामले 7515 7060 455
कुल दर्ज मामले 11485 10692 793

(देहरादून उपभोक्ता फोरम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार)

लोगों के साथ ठगी करने का सबसे आसान तरीका होता है ऑनलाइन शॉपिंग. आये दिन ग्राहकों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में धोखाधड़ी हो जाती है. लेकिन, इसकी शिकायत उपभोक्ता केंद्र में लोग नहीं करते हैं. अब इसे समय की कमी कहें या जागरूकता की, लेकिन कंज्यूमर कोर्ट तक लोगों का न पहंचना चिंता का विषय है.

पढ़ें- पिरूल से बदलेगी उत्तराखंड की तकदीर, रोजगार के साथ लगेगी दावानल पर रोक


एक नजर साल डालते 2005 से लेकर 31 मार्च 2019 तक साल-दर-साल के आंकड़ों पर.

साल दायर वाद निस्तारण वर्ष के अंत में लंबित मामले
2005 176 187 765
2006 190 106 849
2007 196 636 409
2008 232 345 298
2009 225 291 293
2010 284 261 317
2011 317 224 311
2012 432 305 539
2013 504 157 886
2014 357 243 1000
2015 283 352 931
2016 304 341 894
2017 252 156 990
2018 218 277 831
1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक 38 76 793

(देहरादून उपभोक्ता फोरम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार)

जानकारों के अनुसार उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने को लेकर जनता को जागरूक करने के लिए कई अहम सुधार करने की आवश्यकता है. शिकायतें दर्ज न होना फोरम के अस्तित्व के लिए चिंता का विषय है. वहीं, जिला उपभोक्ता फोरम की मानें तो ग्राहकों के साथ ठगी व फर्जीवाड़ा के केस दर्ज करवाने और ग्राहकों के अधिकार के संबंध में समय-समय पर प्रचार-प्रसार किया जाता है. बावजूद इसके कंज्यूमर कोर्ट पर ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज नहीं करवाते हैं.

Intro:pls नोट डेस्क-महोदय, इस स्पेशल स्टोरी में PTC अपडेट करने का कष्ट करें। देहरादून:जिला उपभोक्ता फोरम (कोर्ट) में वाद (केस) दर्ज कराने को लेकर ग्राहकों में काफ़ी बड़ी जागरूकता की कमी देखी जा रही हैं। जबकि आये दिन आम से लेकर ख़ास तरह ग्राहकों के साथ किसी ना किसी रूप में अलग-अलग तरह की ठगी व फर्जीवाड़े के मामलें भारी संख्या मामलें सामने आ रहे हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जनपद पर गौर करें तो यहाँ की अनुमानित आबादी वर्तमान में लगभग 16 लाख के आसपास पहुँच चुकी हैं लेकिन बीते 30 वर्षो में देहरादून जिला उपभोक्ता कोर्ट में 1989 से अस्तित्व में आने के बाद यहाँ मात्र 11485 मामलें ही जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज हुए हैं। जबकि जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज हुए ज्यादतर मुकदमों का फैसला ग्राहकों के पक्ष कानूनी प्रक्रिया के तहत निस्तारण किया जा चुका हैं। इसके बावजूद जिला उपभोक्ता फोरम में पीड़ित ग्राहक वाद दायर करने में काफ़ी पीछे हैं। पीटीसी PTC


Body:एक नजर 1988-89 से फोरम के क्रियाशील होने से लेकर 31 मार्च 2019 तक -देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम में अलग-अलग संस्थानों के खिलाफ दर्ज केसो की संख्या (देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा जारी आंकड़ो के अनुसार) सबसे ज्यादा इंश्योरेंस व बैकिंग क्षेत्र द्वारा ग्राहकों से हुआ फर्जीवाड़े के मामलें दर्ज मामलों की संख्या निस्तारण लंबित वाद इंश्योरेंस 1617 1337 280 बैंकिंग 588 120 32 मेडिकल 135 120 15 टेलीफ़ोन 736 736 - हाउसिंग 479 470 09 इलेक्ट्रिसिटी 320 320 - एयरलाइंस 26 24 02 रेलवेज 69 69 - अन्य मामलें - 7515 7060 455 कुल दर्ज़ मामलें-11485- 10692- 793


Conclusion:एक नजर वर्ष 2005 से लेकर 31 मार्च 2019 तक देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम में दर्ज मामलों की संख्या व उनके निस्तारण और लंबित मामलों की संख्या..इसमें पूर्व के वर्षों के भी वाद शामिल हैं।( देहरादून जिला उपभोक्ता फोरम के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार आंकड़ा) वर्ष कुल दर्ज केसो की संख्या - निस्तारण- लंबित मामलें 2005- 176 187 - 765 2006- 190 106 - 849 2007- 196 636 - 409 2008- 232 345 - 298 2009- 225 291 - 293 2010- 284 261 - 317 2011- 317 224 - 311 2012- 432 305 - 539 2013- 504 157 - 886 2014- 357 243 - 1000 2015- 283 352 - 931 2016- 304 341 - 894 2017- 252 156 - 990 2018- 218 277 - 831 1 जनवरी से - 38 76 - 793 (31 मार्च 2019) इंश्योरेंस व बैंकिंग क्षेत्र से- सबसे ज्यादा ग्राहकों के साथ ठगी व फर्जीवाड़े की मामले सामने वर्तमान समय में ग्राहकों के साथ सबसे ज्यादा ठगी व फर्जीवाड़े के मामले इंश्योरेंस कंपनियों व बैंको द्वारा देखे जा रहे हैं जहां आम से लेकर खास लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाला जा रहा है इसके अलावा आम उपभोक्ताओं के साथ अलग कंपनियों संस्थानों द्वारा किसी भी वस्तु आदि की खरीदारी व सर्विस लेने पर धोखाधड़ी व ठगी के मामले आए दिन बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं इन सब मामलों के बावजूद ग्राहकों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर जिला उपभोक्ता फोरम तक शिकायत ना दर्ज कराना कहीं ना कहीं जागरूकता की कमी भी मुख्य वज़ह मानी जा रही है। हालांकि कुछ जानकारों के अनुसार उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने को लेकर जनता के बीच जागरूकता के लिए कई अहम सुधार करने की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। शिकायतें दर्ज ना होना फोरम के लिए भी चिंता का विषय उधर जिला उपभोक्ता फोरम की माने तो ग्राहकों के साथ ठगी व फर्जीवाड़ा होने वाले मामले में फोरम के पास शिकायत दर्ज ना होंने की सबसे बड़ी वजह ग्राहकों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है हालांकि समय-समय पर उपभोक्ता फोरम द्वारा ग्राहकों की जागरूकता के संबंध में प्रचार प्रसार किया जाता है लेकिन उसके बावजूद जिला उपभोक्ता कोर्ट तक शिकायतें दर्ज ना होना अपनेआप में सोचने का विषय हैं। पीटीसी PTC
Last Updated : Jun 7, 2019, 11:50 PM IST
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