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अंकिता भंडारी केस: सरकारी खजाने से परिजनों को 25 लाख देने पर कुमार विश्वास बोले, ...पर क्यों?

उत्तराखंड में तहलका मचाने वाले अंकिता भंडारी मर्डर केस में सीएम द्वारा 25 लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा पर कवि कुमार विश्वास ने सवाल उठाया है. कुमार विश्वास हुए कहा कि अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता?

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Published : Sep 28, 2022, 4:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में तहलका मचाने वाले अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने घरवालों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है. अंकिता के परिजनों को जल्‍द यह आर्थिक मदद दी जाएगी. लेकिन, उत्तराखंड सरकार के इस फैसले पर मशहूर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने सवाल उठाए हैं.

कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पर क्यूं? सत्ता के अहंकार में डूबे उस नीच दुर्योधन के कुकर्मों का मुआवजा टैक्स-पेयर के पैसे से क्यूं दिया जाएगा? उस नराधम के रिसॉर्ट और संपत्तियों की नीलामी करके इस बिटिया के परिजनों को सारा धन दिया जाए. अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता'?.

कुमार विश्वास आगे लिखते हैं- गद्दी पर बैठे हुए हर धृतराष्ट्र को यह सदैव याद रखना चाहिए कि जिन राजवंशों के दुर्योधन भरी राज्यसभा में अपनी बेटियों, बहनों और कुलवधुओं का अपमान करते हैं वे कितने भी वैभवशाली हस्तिनापुर हों समय का महाभारत अंततः उन्हें विनाश के मलबे में तब्दील कर ही देता है.

ये भी पढ़ें: अंकिता के परिजनों को उत्तराखंड सरकार देगी 25 लाख की आर्थिक सहायता, CM धामी ने की घोषणा

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा (Pushkar Singh Dhami has announced financial assistance) की है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा. अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने. पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है.

जानिए क्या है अंकिता मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

देहरादून: उत्तराखंड में तहलका मचाने वाले अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने घरवालों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है. अंकिता के परिजनों को जल्‍द यह आर्थिक मदद दी जाएगी. लेकिन, उत्तराखंड सरकार के इस फैसले पर मशहूर कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने सवाल उठाए हैं.

कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पर क्यूं? सत्ता के अहंकार में डूबे उस नीच दुर्योधन के कुकर्मों का मुआवजा टैक्स-पेयर के पैसे से क्यूं दिया जाएगा? उस नराधम के रिसॉर्ट और संपत्तियों की नीलामी करके इस बिटिया के परिजनों को सारा धन दिया जाए. अनाचार करें पॉलिटिकल परिवार के संरक्षण में पले बेलगाम लड़के और भरे जनता'?.

कुमार विश्वास आगे लिखते हैं- गद्दी पर बैठे हुए हर धृतराष्ट्र को यह सदैव याद रखना चाहिए कि जिन राजवंशों के दुर्योधन भरी राज्यसभा में अपनी बेटियों, बहनों और कुलवधुओं का अपमान करते हैं वे कितने भी वैभवशाली हस्तिनापुर हों समय का महाभारत अंततः उन्हें विनाश के मलबे में तब्दील कर ही देता है.

ये भी पढ़ें: अंकिता के परिजनों को उत्तराखंड सरकार देगी 25 लाख की आर्थिक सहायता, CM धामी ने की घोषणा

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी के परिजनों को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा (Pushkar Singh Dhami has announced financial assistance) की है. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी. मामले की एसआईटी जांच की जा रही है. पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी.

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है. अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा. अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने. पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है.

जानिए क्या है अंकिता मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.

जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

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