देहरादून/मसूरी/पौड़ी/किच्छा: पूरे देश के साथ ही देवभूमि में कृष्ण जन्माष्टमी पारंपरिक उत्साह के साथ मनाई गई. कृष्ण मंदिरों में आकर्षक साज सज्जा की गई थी. साथ ही मंदिर रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा रहे थे. राजधानी देहरादून में भी कृष्णा जन्माष्टमी धूमधाम के साथ मनाई गई. भक्तों ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की. इस अवसर पर पुलिस लाइन में जन्माष्टमी का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने की शिरकत की. साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और डीजीपी अनिल रतूड़ी सहित आला अधिकारी मौजूद रहे. सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने सदैव गरीबों की सेवा की है और हमारी भी प्राथमिकता है कि अपने आस-पड़ोस के गरीबों की सेवा के लिए तत्पर रहें और धर्म का आदर करते रहें.
मसूरीः कीर्तन मंडली ने भजन प्रस्तुत किए
शुक्रवार को देर शाम मसूरी कोतवाली परिसर में जन्माष्टमी की पूर्व बेला पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय लोगों के साथ मसूरी पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी शिरकत की. इस मौके पर सनातन धर्म मंदिर से आई कीर्तन मंडली द्वारा कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें भगवान कृष्ण और राधा पर आधारित गीतों को प्रस्तुत किया गया.
इस मौके पर छोटे बच्चों ने कृष्ण और राधा पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किए जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया. वहीं, कार्यक्रम के बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त किया.
मसूरी कोतवाल भावना कैंथोला ने कहा कि स्थानीय लोगों और पुलिस द्वारा मिलकर कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. जिसमें सभी समुदाय के लोगों ने प्रतिभाग किया. उन्होंने कहा कि मसूरी शहर एक ऐसा शहर है जहां पर सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलकर एक दूसरे के त्योहार को मनाकर भाईचारे का संदेश देने का काम करते हैं.
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मसूरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष कुलदीप जदवान, जगजीत कुकरेजा, राजीव अग्रवाल, वैभव तायल, राजेश सक्सेना. अधिवक्ता रमेश जायस्वाल, आशीष जोशी सहित अन्य लोगों ने कहा कि मसूरी पुलिस द्वारा यह पहली बार है जब पुलिस और स्थानीय लोगों ने मिलकर जन्माष्टमी के साथ अन्य पर्वों को मनाने की परंपरा को शुरू किया है.
इससे पुलिस और पब्लिक के बीच में अच्छा संवाद कायम होता है. दूसरों को समझने को लेकर भी इन तरह के कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. ऐसे में पुलिस का इस तरीके का प्रयास काफी सराहनीय है.
पौड़ीः पुलिस लाइन में हुआ भव्य कार्यक्रम
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव पर पौड़ी के पुलिस लाइन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत मौजूद रहे. कार्यक्रम में गढ़वाली कुमाऊंनी आदि सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसको देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. वहीं उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक दरबान नैथवाल व उनकी टीम ने सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर लोगों को थिरकने पर मजबूर किया.
मुख्य अतिथि मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के प्रयासों से इस कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जी के अन्य रूपों को यहां पर प्रस्तुत किया गया और साल में पुलिस प्रशासन का यह एकमात्र त्यौहार होता है.
जिसे काफी बेहतर तरीके से मनाया जा रहा है. पुलिस प्रशासन 24 घंटे जनता की सेवा में तत्पर रहती है और आज उनके के लिए यह त्योहार महत्वपूर्ण होता है. वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने कहा कि हमें श्रीकृष्णजी के जीवन से सीखने को मिलता है कि हमेशा प्रेम को बांटते हुए प्रेम से रहना सिखाते थे. इसलिए उनका सभी को यह संदेश है कि समाज में सभी के साथ प्रेम भाव से रहना चाहिए ताकि सभी का आपस में
किच्छाः मंदिरों में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
उधम सिंह नगर के किच्छा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव शहर व ग्रामीण में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान सभी मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया. श्रीकृष्ण भगवान के जन्मोत्सव पर सभी छोटे-बड़े मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया. इस अवसर पर कई मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया.
जिसमें स्थानीय एवं बाहरी कलाकारों ने भाग लेकर भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान किया. वहीं शहर के सबसे प्राचीन मंदिरों मे एक श्रीराधाकृष्ण मंदिर में भगवान जन्माष्टमी पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया था. रात के 12 बजे विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को विधि विधान से आरती कर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर को खोल दिया.