देहरादून: किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र चौधरी ने गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. देवेंद्र चौधरी ने कहा है कि बारिश, सूखा और बाढ़ आने के बावजूद जो फसल किसान के जीवन में खुशहाली लाती है, तो वह गन्ने की फसल होती है. लेकिन अभी तक किसान की गन्ने की फसल का भुगतान नहीं हो पाया है.
किसानों की लाइफ लाइन है गन्ना फसल: उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल किसानों के लिए सबसे मुफीद फसल मानी जाती है. बाढ़ आने के बाद भी अगर कोई फसल बचती है तो वह गन्ने की फसल होती है, जो किसान को जिंदा रखने का काम करती है, लेकिन अभी तक किसानों का गन्ना भुगतान बीते साल से अभी तक नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के प्रति कोई सकारात्मक रूप नहीं अपना रही है.
15 दिन में भुगतान का किया था वादा: देवेंद्र चौधरी ने कहा कि सरकार ने किसानों से यह वादा किया था कि गन्ना किसानों के 15 दिन का ब्याज का पैसा भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन किसानों को अपने पैसे के लिए ही दर-दर पकड़ भटकना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि किसान तो पैदा ही संघर्ष के लिए हुआ है, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कहना है कि किसानों की समस्याएं लगातार विकट होती जा रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.
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किसानों की अनदेखी कर रही सरकार: उन्होंने कहा कि सबसे पहले सरकार को लंदन और पेरिस नहीं दिखाकर गेहूं की बाली और खेत और खलिहान दिखाना चाहिए. सरकार किसान के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है. देवेंद्र चौधरी का कहना है कि अगर सरकार ने तत्काल प्रभाव से किसानों के हितों की मांगों को अनदेखा किया, तो किसान यूनियन को भी आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.