देहरादून: ईटीवी भारत की खबर के बाद अब देहरादून के कांजी हाउस की कायापलट की कवायद शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कांजी हाउस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. जिससे जल्द ही गोवंशों के मौत के कारण स्पष्ट हो जाएंगे. साथ ही इसे शिफ्ट करने के लिए भी जगह की तलाश की जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है.
देहरादून नगर निगम के कांजी हॉउस की सच्चाई जब ईटीवी भारत ने सबके सामने रखी तो नीचे से ऊपर तक सिस्टम हिल गया. इस मामले में जहां शुरुआती दौर में देहरादून नगर निगम द्वारा लीपा-पोती कर मामले को झुठलाने की कोशिश की गई, लेकिन मामला गम्भीर होने के चलते खुद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लिया और निगम को तलब करते हुए फटकार लगाई. साथ ही मुख्यमंत्री ने इस मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून के कांजी हाउस में लगातार मर रहे गोवंशों का मामला गम्भीर है और जल्द ही जांच में सब साफ हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कांजी हाउस में अक्सर वो गोवंश लाये जाते हैं जो बीमार या फिर चोटिल होते हैं.
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि कांजी हाउस को शिफ्ट करने को लेकर भी विचार किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि चकराता रोड़ पर मौजूद पर्याप्त भूमि पर कांजी हॉउस को शिफ्ट किया जाएगा. तो वहीं संक्रमण के खतरे को देखते हुए बीमार और चोटिल मवेशियों के लिए अलग से व्यवस्था की जानी है. जिसके लिए शहर में जगह की तलाश की जा रही है.
वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष की बात करें तो हमेशा की तरह इस बार भी विपक्ष इतने गंभीर मुद्दे से बेखबर है. खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि उन्हें इस मामले में जानकारी नहीं है.