देहरादून: ईटीवी भारत द्वारा दिखाई गई हंस की कहानी से चर्चा में आई हंसी प्रहरी को मदद दिलाने की मुहिम आखिरकार सफल हो गई है. ईटीवी भारत की खबर के बाद न सिर्फ उत्तराखंड सरकार ने आगे आकर हंसी की मदद का आश्वासन दिया था. बल्कि प्रदेश के तमाम सामाजिक संगठनों और तमाम लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए है. वहीं अब उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी सुरेंद्र पाल ने हंसी प्रहरी की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है. सुरेंद्र पाल, उत्तरप्रदेश के हापुड़ में स्कूल चलाते हैं, जिसमें हंसी को नौकरी देना चाहते हैं. साथ ही हंसी के बेटे को 12वीं तक मुफ्त में शिक्षा देने का प्रस्ताव दिया है.
वहीं, सुरेंद्र पाल ने बताया कि ईटीवी भारत के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिली कि उत्तराखंड की रहने वाली हंसी प्रहरी, इतनी पढ़ी-लिखी होने के बावजूद अपने बच्चे के साथ सड़कों पर सोती हैं. लिहाजा वह हंसी प्रहरी को अपने स्कूल में नौकरी देना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि हापुड़ में वह एसजीवी इंटरनेशनल स्कूल चलाते हैं. ऐसे में अगर हंसी प्रहरी अगर नौकरी करना चाहती हैं, तो वह उनके स्कूल में बतौर शिक्षक काम कर सकती हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें अच्छी सैलरी भी दी जाएगी, साथ ही उनके बेटे को 12वीं तक फ्री में पढ़ाई और रहने खाने की सुविधा भी मुफ्त में दी जाएगी.
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बता दें कि, कुमाऊं यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हंसी प्रहरी अपने 6 साल के मासूम बेटे के साथ दर-दर भटक रही थी. हंसी प्रहरी की मजबूरी को जब ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया तो शासन-प्रशासन से मदद के लिए हाथ आगे बढ़ने लगे. हरिद्वार पहुंचकर एसएस कलेर ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर हंसी को बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर खोजा. काफी खोजबीन के बाद हरिद्वार बस स्टैंड परिसर में हंसी से मिलने के बाद एसएस कलेर ने उन्हें नौकरी, आवास और बच्चे की पढ़ाई-लिखाई का ऑफर दिया. हंसी ने एसएस कलेर के इस ऑफर पर सोच विचार कर फैसला लेने की बात कही.