देहरादून: जेईई-नीट परीक्षा को लेकर पूरे देश में मचे घमासान के बीच 1 सितंबर से जेईई मेन की परीक्षा होने वाली है. परीक्षा 1 सितंबर से लेकर 6 सितंबर के बीच होगी. पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में परीक्षा करवाने को लेकर काफी विरोध हो रहा है. तमाम विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने कोरोना का हवाला देते हुए परीक्षा को टालने की मांग की थी.
परीक्षा केंद्रों में सुरक्षा के कड़े इतंजाम किए गए हैं. 1 सितंबर को जेईई मेन परीक्षा के तहत बीआर्क और बी प्लानिंग की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी. वहीं, बीई, बीटेक के लिए 2 सितंबर से 6 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है. जेईई परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एक परीक्षा केंद्र में 120 अभ्यर्थियों को एंट्री दी जाएगी. इसके साथ ही राजधानी देहरादून सहित देशभर में परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है. देश में परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़कर 660 कर दी गई है.
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वहीं, जेईई और नीट परीक्षाओं के लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग 1 सितंबर से लेकर 6 सितंबर तक विशेष बसों का संचालन करने जा रहा है. उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा जारी किया एक आदेश के अनुसार 1 सितंबर से 6 सितंबर 2020 तक चलने वाली जेईई और नीट अभ्यर्थियों के लिए विशेष बसें चलायी जा रही है. सभी छात्र-छात्राओं को जनपद मुख्यालयों से परीक्षा केंद्र तक निगम स्टेशनों तक विशेष बस सेवा सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा. इन परीक्षाओं के लिए गढ़वाल मंडल में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी में परीक्षा केंद्र निर्धारित किया गया है. राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में परीक्षा से 1 दिन पूर्व निगम की बसें उपलब्ध होगी.
JEE मेंस और NEET के लिए गढ़वाल मंडल के परीक्षा केंद्र देहरादून, हरिद्वार और रुड़की निर्धारित किए गए हैं. हर एक परीक्षा केंद्र के लिए पहाड़ी जिलों के मुख्यालय यानी उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग के जिला मुख्यालय के लिए 2-2 बसें एक परीक्षा केंद्र के लिए संचालित होगी. इसके अलावा हरिद्वार और देहरादून से दूसरे जिले के परीक्षा केंद्र के लिए 4-4 बसें संचालित होगी. लेकिन रुड़की जिले के छात्रों के लिए यह व्यवस्था नहीं है. गढ़वाल मंडल में परीक्षा केंद्रों के लिए 38 बसें संचालित होंगी.
इसी तरह से कुमाऊं मंडल में एक परीक्षा केंद्र, चंपावत जिला मुख्यालय से हल्द्वानी परीक्षा सेंटर के लिए 2 बसें, पिथौरागढ़ से हल्द्वानी एग्जाम सेंटर के लिए 4 बसें, अल्मोड़ा से 4 बसें, बागेश्वर से 2, उधमसिंह नगर से 4 और नैनीताल से हल्द्वानी 4 बसें संचालित होगी. इस तरह से पूरे कुमाऊं मंडल में 20 बसें संचालित की जाएगी.
उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक दीपक जैन ने कहा कि परिवहन विभाग की पूरी कोशिश है कि पहाड़ी जिलों से आने वाले सभी छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक समय से पहुंचे और परीक्षा के बाद बसें उन्हें वापस लेकर जाएंगे. साथ ही कोविड-19 के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा.
दो बार टल चुकी परीक्षा
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से इस परीक्षा को दो बार टाला जा चुका है. पहले यह परीक्षा मई में होने वाली थी. जिसे टाल कर जुलाई कर दिया गया. उस वक्त ऐसा माना जा रहा था कि जुलाई तक कोरोना की स्थिति सामान्य हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसकी वजह से परीक्षा को फिर से टालना पड़ा. इसके बाद परीक्षा की तारीख 1 सितंबर से 6 सितंबर कर दी गई. अभी भी परीक्षा करवाने को लेकर विरोध किए जा रहे थे. लेकिन, काफी पैरेंट्स और छात्र परीक्षा करवाए जाने के पक्ष में भी थे.
SC ने खारिज की याचिका
परीक्षा को टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली गई थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 'कोविड-19 के समय में भी जिंदगी चलती रहनी चाहिए. अगर परीक्षा टाली जाएगी तो क्या यह देश का नुकसान नहीं होगा. छात्रों का पूरा साल खराब हो जाएगा'.