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जमरानी बांध को लेकर 11 जुलाई को PMO में अहम बैठक, CM बोले- हम पूरी तरह से तैयार

जमरानी बांध परियोजना को लेकर आगामी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में जमरानी और सौंग बांध को लेकर एक बैठक बुलाई गई है. जिसमें उत्तराखंड के और केंद्र सरकार के तमाम अधिकारी इस बांध परियोजनाओं को लेकर विचार-विमर्श करेंगे.

Jamrani dam project
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Published : Jul 10, 2019, 12:59 AM IST

देहरादूनः जमरानी बांध परियोजना को लेकर 11 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसमें उत्तराखंड और केंद्र सरकार के अधिकारी इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बैठक को लेकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूरी तैयारियां हो चुकी हैं.

जमरानी बांध परियोजना को लेकर जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वे केंद्र से अनुरोध करेंगे कि इस योजना को राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना का दर्जा दें, जिससे हमारे छोटे से राज्य पर इसका पूरा भार न पड़े. साथ ही उन्होंने ने इस योजना से यूपी-उत्तराखंड सहित तमाम फायदों की भी जानकारी दी.

जमरानी बांध परियोजना को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होने जा रही है. दरअसल आगामी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में जमरानी और सौंग बांध को लेकर एक बैठक बुलाई गई है. जिसमें उत्तराखंड के और केंद्र सरकार के तमाम अधिकारी इस बांध परियोजनाओं को लेकर विचार-विमर्श करेंगे.

ये भी पढ़ेंः ये 'चैंपियन' हैं नहीं मानेंगे, हथियारों की नुमाइश और लांबा-लांबा घूंघट पर ठुमके... कुछ भी कर सकता है ये बीजेपी विधायक

आपको बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं वाली योजना में से एक इस योजना को लेकर राज्य सरकार ने सभी औपचारिकता पूरी कर ली हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि जमरानी बांध से आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की तकरीबन 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, तो वहीं 7 से 8 हजार हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड की सिंचित होगी. इसके अलावा इस बांध के पेरिफेरी में मौजूद हल्द्वानी, काठगोदाम सहित आसपास के तमाम इलाके 24x7 ग्रेविटी वाटर रिचार्ज भी इस योजना से होगा. तो वहीं 9 से 14 मेगावाट तक बिजली का भी उत्पादन होगा.

देहरादूनः जमरानी बांध परियोजना को लेकर 11 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसमें उत्तराखंड और केंद्र सरकार के अधिकारी इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बैठक को लेकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूरी तैयारियां हो चुकी हैं.

जमरानी बांध परियोजना को लेकर जानकारी देते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वे केंद्र से अनुरोध करेंगे कि इस योजना को राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना का दर्जा दें, जिससे हमारे छोटे से राज्य पर इसका पूरा भार न पड़े. साथ ही उन्होंने ने इस योजना से यूपी-उत्तराखंड सहित तमाम फायदों की भी जानकारी दी.

जमरानी बांध परियोजना को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होने जा रही है. दरअसल आगामी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में जमरानी और सौंग बांध को लेकर एक बैठक बुलाई गई है. जिसमें उत्तराखंड के और केंद्र सरकार के तमाम अधिकारी इस बांध परियोजनाओं को लेकर विचार-विमर्श करेंगे.

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आपको बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं वाली योजना में से एक इस योजना को लेकर राज्य सरकार ने सभी औपचारिकता पूरी कर ली हैं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि जमरानी बांध से आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की तकरीबन 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, तो वहीं 7 से 8 हजार हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड की सिंचित होगी. इसके अलावा इस बांध के पेरिफेरी में मौजूद हल्द्वानी, काठगोदाम सहित आसपास के तमाम इलाके 24x7 ग्रेविटी वाटर रिचार्ज भी इस योजना से होगा. तो वहीं 9 से 14 मेगावाट तक बिजली का भी उत्पादन होगा.

Intro:summary- जमरानी बांध परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने जानकारी दी। note- इस खबर में सीएम की महत्वपूण बाइट भेजी गई है। ख़बर महत्वपूर्ण है तो कृपया वीसुअल हल्द्वानी और फ़ाइल वीसुअल से इस खबर का पैकेज बनाएं। एंकर- जमरानी बांध परियोजना को 11 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमे उत्तराखंड और केंद्र सरकार के अधिकारी इस योजना को लेकर हमत्वपूर्ण चर्चा करेंगे तो वही मुख्यमंत्री ने इस बैठक को लेकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूरी तैयारियां हो चुकी है और वो केंद्र से अनुरोध करेंगे कि इस योजना को राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना का दर्जा दें ताकि हमारे छोटे से राज्य पर इसका पूरा भार ना पढ़ें साथ ही मुख्यमंत्री ने इस योजना से यूपी- उत्तराखंड सहित तमाम फायदों की भी जानकारी दी।


Body:वीओ- जमरानी बांध परियोजना को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होने जा रही है। दरसल आगामी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में जमरानी और सांग बांध को लेकर एक बैठक बुलाई गई है जिसमें उत्तराखंड के और केंद्र सरकार के तमाम अधिकारी इस बांध परियोजनाओं को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। आपको बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था। और खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं वाली योजना में से एक इस योजना को लेकर राज्य सरकार से सभी औपचारिकता पूरी कर ली है। 11 जुलाई को होने जा रही बैठक को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने बताया कि इस योजना को लेकर भारत सरकार सैद्धान्तिक रूप से पूरी तरह से लेकिन उनका प्रयास रहेगा कि वो केंद्र इस योजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना की मान्यता दें जिससे यह योजना केंद्रीय पोषित योजना हो। मुख्यमंत्री में बताया जी जमनानी बांध से आने वाले समय मे उत्तर प्रदेश की तकरीबन 50 हजार हेक्टयर कृषि भूमि सिंचित होगी तो वहीं 7 से 8 हजार हेक्टयर भूमि उत्तराखंड की सिंचित होगी। इसके अलावा इस बांध के पेरिफेरी में मौजूद हल्द्वानी, काठगोदाम सहित आसपास के तमाम इलाके 24x7 ग्रेविटी वाटर रिचार्ज भी इस योजना से होगा तो वहीं 9 से 14 मेगा वाट तक बिजली का भी उत्पादन होगा। बाइट- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत


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