देहरादूनः जमरानी बांध परियोजना को लेकर 11 जुलाई को दिल्ली में एक अहम बैठक होने जा रही है. जिसमें उत्तराखंड और केंद्र सरकार के अधिकारी इस योजना को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे. वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बैठक को लेकर कहा कि राज्य सरकार की ओर से पूरी तैयारियां हो चुकी हैं.
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वे केंद्र से अनुरोध करेंगे कि इस योजना को राष्ट्रीय महत्व वाली परियोजना का दर्जा दें, जिससे हमारे छोटे से राज्य पर इसका पूरा भार न पड़े. साथ ही उन्होंने ने इस योजना से यूपी-उत्तराखंड सहित तमाम फायदों की भी जानकारी दी.
जमरानी बांध परियोजना को लेकर जल्द ही तस्वीर साफ होने जा रही है. दरअसल आगामी 11 जुलाई को प्रधानमंत्री कार्यालय में जमरानी और सौंग बांध को लेकर एक बैठक बुलाई गई है. जिसमें उत्तराखंड के और केंद्र सरकार के तमाम अधिकारी इस बांध परियोजनाओं को लेकर विचार-विमर्श करेंगे.
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आपको बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं वाली योजना में से एक इस योजना को लेकर राज्य सरकार ने सभी औपचारिकता पूरी कर ली हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि जमरानी बांध से आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की तकरीबन 50 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी, तो वहीं 7 से 8 हजार हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड की सिंचित होगी. इसके अलावा इस बांध के पेरिफेरी में मौजूद हल्द्वानी, काठगोदाम सहित आसपास के तमाम इलाके 24x7 ग्रेविटी वाटर रिचार्ज भी इस योजना से होगा. तो वहीं 9 से 14 मेगावाट तक बिजली का भी उत्पादन होगा.