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NGT Water Ban: मसूरी में पेयजल आपूर्ति के विकल्प की तलाश, ये है जल संस्थान की योजना

मसूरी में एनजीटी के निर्देशों के बाद धोबीघाट झील से टैंकरों से पानी सप्लाई बंद हो गई है. इससे शहर में पेयजल आपूर्ति गड़बड़ा गई है. पानी की किल्लत होने लगी है. समस्या से निपटने के लिए मसूरी गढ़वाल जल संस्थान ने अन्य प्राकृतिक स्रोत तलाशने शुरू कर दिए हैं.

NGT ban on supply of water
मसूरी पेयजल समाचार
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Published : Feb 14, 2023, 7:54 AM IST

मसूरी: धोबीधाट झील से पानी टैंकरों के माध्यम से मसूरी के होटलों में पेयजल की आपूर्ति होती थी. एनजीटी ने इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. पानी की सप्लाई बंद करने के बाद मसूरी में पेयजल की दिक्कत होने लगी है. अब इसका विकल्प तलाशा जा रहा है. मसूरी में पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था करने की कवायद जारी है.

मसूरी में वाटर सप्लाई के विकल्पों की तलाश: मसूरी जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि क्यारकुली ग्राम, बांसाघाट और बीटधार के पास प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित किया गया है. जिनके पानी को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि मसूरी गढ़वाल जल संस्थान क्षेत्र की ग्राम पंचायतों से वार्ता कर मसूरी में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति किए जाने को लेकर कार्य योजना तैयार कर रही है. शासन से अनुमति मिलने के बाद इस योजना को लागू कर दिया जाएगा.

मसूरी यमुना पेयजल योजना देगी राहत: रमोला ने बताया कि मसूरी में 144 करोड़ रुपए की योजना से मसूरी यमुना पेयजल योजना का काम तेजी से किया जा रहा है. उनको पूरी उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक परियोजना का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद मसूरी में पेयजल की दिक्कत नहीं होगी. फिलहाल वैकल्पिक पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए मसूरी के प्राकृतिक पानी के स्रोतों को चयनित किया गया है. जिसको लेकर मसूरी गढ़वाल जल संस्थान के कार्यालय में सभी स्टेकहोल्डर की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मसूरी होटल एसोसिएशन, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

पानी की किल्लत से जूझ रहा मसूरी: उन्होंने बताया कि बिना पेयजल के उनको अपने प्रतिष्ठानों का संचालन करने में काफी दिक्कत हो रही है. अगर जल्द इसका समाधान नहीं किया गया तो उसका सीधा असर मसूरी के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ेगा. गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि मसूरी में पेयजल की काफी दिक्कत है. वर्तमान में उनके पास मात्र 4 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है. जबकि 14 एमएलडी पानी की डिमांड मसूरी में है. उन्होंने कहा कि आसपास के प्राकृतिक स्रोतों के माध्यम से ही मसूरी में पेयजल की आपूर्ति किये जाने को लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है. ऐसे में प्राकृतिक जल स्रोतों को चिह्नित कर नियमानुसार मसूरी में टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई करने की कवायद की जा रही है.
ये भी पढ़ें: Water Problem in Mussoorie:मसूरी में गहराने लगा पेयजल संकट,आंदोलन की दी चेतावनी

उन्होंने बताया कि अप्रैल अंत तक मसूरी यमुना पेयजल योजना का काम पूरा हो जाएगा. उनको उम्मीद है कि इसके बाद मसूरी में किसी प्रकार की पेयजल की कमी नहीं होगी. इस मौके पर गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत, उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा और कोषाध्यक्ष नागेंद्र उनियाल मौजूद थे.

मसूरी: धोबीधाट झील से पानी टैंकरों के माध्यम से मसूरी के होटलों में पेयजल की आपूर्ति होती थी. एनजीटी ने इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. पानी की सप्लाई बंद करने के बाद मसूरी में पेयजल की दिक्कत होने लगी है. अब इसका विकल्प तलाशा जा रहा है. मसूरी में पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था करने की कवायद जारी है.

मसूरी में वाटर सप्लाई के विकल्पों की तलाश: मसूरी जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि क्यारकुली ग्राम, बांसाघाट और बीटधार के पास प्राकृतिक स्रोतों को चिन्हित किया गया है. जिनके पानी को टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. उन्होंने बताया कि मसूरी गढ़वाल जल संस्थान क्षेत्र की ग्राम पंचायतों से वार्ता कर मसूरी में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति किए जाने को लेकर कार्य योजना तैयार कर रही है. शासन से अनुमति मिलने के बाद इस योजना को लागू कर दिया जाएगा.

मसूरी यमुना पेयजल योजना देगी राहत: रमोला ने बताया कि मसूरी में 144 करोड़ रुपए की योजना से मसूरी यमुना पेयजल योजना का काम तेजी से किया जा रहा है. उनको पूरी उम्मीद है कि अप्रैल के अंत तक परियोजना का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद मसूरी में पेयजल की दिक्कत नहीं होगी. फिलहाल वैकल्पिक पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के लिए मसूरी के प्राकृतिक पानी के स्रोतों को चयनित किया गया है. जिसको लेकर मसूरी गढ़वाल जल संस्थान के कार्यालय में सभी स्टेकहोल्डर की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मसूरी होटल एसोसिएशन, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन सहित कई संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

पानी की किल्लत से जूझ रहा मसूरी: उन्होंने बताया कि बिना पेयजल के उनको अपने प्रतिष्ठानों का संचालन करने में काफी दिक्कत हो रही है. अगर जल्द इसका समाधान नहीं किया गया तो उसका सीधा असर मसूरी के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ेगा. गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि मसूरी में पेयजल की काफी दिक्कत है. वर्तमान में उनके पास मात्र 4 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है. जबकि 14 एमएलडी पानी की डिमांड मसूरी में है. उन्होंने कहा कि आसपास के प्राकृतिक स्रोतों के माध्यम से ही मसूरी में पेयजल की आपूर्ति किये जाने को लेकर कार्य योजना तैयार की जा रही है. ऐसे में प्राकृतिक जल स्रोतों को चिह्नित कर नियमानुसार मसूरी में टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई करने की कवायद की जा रही है.
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उन्होंने बताया कि अप्रैल अंत तक मसूरी यमुना पेयजल योजना का काम पूरा हो जाएगा. उनको उम्मीद है कि इसके बाद मसूरी में किसी प्रकार की पेयजल की कमी नहीं होगी. इस मौके पर गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत, उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा और कोषाध्यक्ष नागेंद्र उनियाल मौजूद थे.

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