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मसूरी में धूमधाम से मनाया गया जैन समुदाय का दक्ष-लक्षण पर्व - दक्ष-लक्षण पर्व

मसूरी में हर साल की तरह इस बार भी दिगंबर जैन समुदाय के लोगों ने दक्ष लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया.. इस मौके पर मसूरी लंढौर बाजार दिगंबर जैन मंदिर से जैन धर्मशाला तक शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

मसूरी में धूमधाम से मनाया गया जैन समुदाय का दक्ष-लक्षण पर्व
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Published : Sep 13, 2019, 3:54 AM IST

देहरादून: मसूरी में हर साल की तरह इस बार भी दिगंबर जैन समुदाय के लोगों ने दक्ष लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया.. इस मौके पर मसूरी लंढौर बाजार दिगंबर जैन मंदिर से जैन धर्मशाला तक शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

मसूरी में धूमधाम से मनाया गया जैन समुदाय का दक्ष-लक्षण पर्व

पढ़ें: अल्मोड़ाः नौकरी और पेंशन की मांग को लेकर गुरिल्लाओं का धरना जारी, चलाया हस्ताक्षर अभियान

दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण पर्व के उपलक्ष में 10 दिनों तक तप ध्यान स्वाध्याय सामायिक और आत्म चिंतन किया गया. इससे पहले दक्ष लक्षण पर्व के अंतिम दिनों तक उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया गया. इसके साथ ही समुदाय के लोगों ने भजन-कीर्तन कर भगवान को याद किया.

जैन समुदाय के विनोद जैन और रेनुका जैन ने बताया कि दक्ष लक्षण पर्व के रूप में 10 दिनों तक दूध से आराधना की जाती है. जिसमें क्षमा मार्दव, आर्जव,सत्य संयम तप त्याग ब्रह्मचर्य अंकिचन इन 10 धर्मों द्वारा आत्म चिंतन कर अंतर्मुखी बनाने का प्रयास किया जाता है. जैन धर्म संसार के सबसे पुराने मगर वैज्ञानिक सिद्धांतों पर खड़े धर्मों में से एक है. इसकी अद्भुत पद्धति ने मनुष्य को दैहिक और तात्विक रूप से तैयार कर उसे मुक्ति की मंजिल तक पहुंचाने का रास्ता बताया है. पर्यूषण पर्व इसकी संस्कृति और विरासत में सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. इसे आत्म शुद्धि का महापर्व भी कहा जाता है.

देहरादून: मसूरी में हर साल की तरह इस बार भी दिगंबर जैन समुदाय के लोगों ने दक्ष लक्षण पर्व धूमधाम से मनाया.. इस मौके पर मसूरी लंढौर बाजार दिगंबर जैन मंदिर से जैन धर्मशाला तक शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें बड़ी संख्या में जैन समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

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दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण पर्व के उपलक्ष में 10 दिनों तक तप ध्यान स्वाध्याय सामायिक और आत्म चिंतन किया गया. इससे पहले दक्ष लक्षण पर्व के अंतिम दिनों तक उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया गया. इसके साथ ही समुदाय के लोगों ने भजन-कीर्तन कर भगवान को याद किया.

जैन समुदाय के विनोद जैन और रेनुका जैन ने बताया कि दक्ष लक्षण पर्व के रूप में 10 दिनों तक दूध से आराधना की जाती है. जिसमें क्षमा मार्दव, आर्जव,सत्य संयम तप त्याग ब्रह्मचर्य अंकिचन इन 10 धर्मों द्वारा आत्म चिंतन कर अंतर्मुखी बनाने का प्रयास किया जाता है. जैन धर्म संसार के सबसे पुराने मगर वैज्ञानिक सिद्धांतों पर खड़े धर्मों में से एक है. इसकी अद्भुत पद्धति ने मनुष्य को दैहिक और तात्विक रूप से तैयार कर उसे मुक्ति की मंजिल तक पहुंचाने का रास्ता बताया है. पर्यूषण पर्व इसकी संस्कृति और विरासत में सबसे महत्वपूर्ण पर्व है. इसे आत्म शुद्धि का महापर्व भी कहा जाता है.

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मसूरी में प्रतिवर्ष की तरह दिगंबर जैन समुदाय के लोगों द्वारा दक्ष लक्षण पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया इस मौके पर मसूरी लंढोर बाजार दिगंबर जैन मंदिर से जैन धर्मशाला तक बैंड बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण पर्व के रूप में 10 दिनों तक जब तप ध्यान स्वाध्याय सामायिक तथा उपवास क्षमा पर्व आदि विविध प्रयोग द्वारा आत्म चिंतन किया गया इससे पूर्व दश लक्षण पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया और भगवान का कीर्तन किया गया


Body:जैन समुदाय के विनोद जैन और रेनुका जैन ने बताया कि दश लक्षण पर्व के रूप में 10 दिनों तक दूध दशलक्षण पर्व में आराधना करते हैं जिसमें क्षमा मार्दव, आर्जव,सत्य संयम तप त्याग ब्रह्मचर्य अंकिचन इन 10 धर्मों द्वारा आत्म चिंतन कर अंतर्मुखी बनाने का प्रयास करते हैं जैन धर्म संसार के सबसे पुराने मगर वैज्ञानिक सिद्धांतों पर खड़े धर्मों में से एक है इसकी अद्भुत पद्धति ने मनुष्य को दैहिक और तात्विक रूप से तैयार कर उसे मुक्ति की मंजिल तक पहुंचाने का रास्ता बनाता है अनेक पर्व त्योहारों से सजी इसकी संस्कृति विरासत में शायद सबसे महत्वपूर्ण और रेखांकित करने जैसा सालाना अवसर पर्यूषण पर्व है इसे आत्म शुद्धि का महापर्व भी कहा जाता है उन्होंने बताया इस मौके में जैन धर्म का प्रचार-प्रसार भी किया जाता है


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