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अधर में लापता केदार भंडारी केस की जांच, पुलिस पूछताछ के लिए पिता का कर रही इंतजार - disappearance of Kedar Bhandari

कोटद्वार में अग्निवीर भर्ती में शामिल होकर लौटा 19 साल का केदार भंडारी ऋषिकेश से लापता चल रहा है. केदार के पिता पहले ही पुलिस पर कई आरोप लगा चुके हैं. लक्ष्मण झूला थानाध्यक्ष मामले में नप चुके हैं, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है. मामले की जांच कर रहे डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल का कहना है कि पिता से पूछताछ बिना इन्वेस्टिगेशन आगे नहीं बढ़ सकती है. ऐसे में केदार के पिता का पक्ष रखना आवश्यक है. उन्हें बुलाया जा रहा है, लेकिन वे नहीं आ रहे हैं.

Kedar Bhandari Missing
केदार भंडारी केस
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Published : Oct 11, 2022, 10:08 AM IST

Updated : Oct 11, 2022, 10:16 AM IST

देहरादूनः ऋषिकेश से लापता केदार भंडारी केस (Kedar Bhandari Missing) की जांच अधर में लटकती नजर आ रही है. डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल की मानें तो मामले में स्थानीय पुलिस पर लगे आरोप और अलग-अलग कड़ियों को जोड़ने के लिए केदार के पिता के पक्ष को सुनकर पूछताछ करना आवश्यक है, लेकिन वे पुलिस के बुलावे के बावजूद नहीं आ रहे हैं. हालांकि, पुलिस लगातार संपर्क कर रही. ऐसे में जितनी जल्दी केदार के पिता से बातचीत कर जानकारी हासिल होगी. उतनी ही जल्दी इस केस के खुलासे की तरफ जाया जा सकता है.

घर से अग्निवीर बनने निकला था केदारः उत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी बीती 18 अगस्त को अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था. 20 अगस्त तक केदार भंडारी अपने घरवालों से लगातार बातें करता रहा, लेकिन 21 अगस्त से 22 अगस्त तक केदार और उसके परिवार के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया. दो दिन बीत जाने पर परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी कि आखिर उनका बेटा कहां है?

डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल का बयान.

इसी बीच परिजनों को खबर मिली कि केदार भंडारी टिहरी जिले के मुनि की रेती थाना पुलिस की हिरासत में है. केदार को लेकर पुलिस का कहना था कि उसके पास से एक बैग मिला था. जिसमें तलाशी लेने पर कुछ सिक्के और रुपए मिले थे, जो केदार सिंह भंडारी ने परमार्थ निकेतन के दानपात्र को तोड़कर चोरी किए थे. मामला ऋषिकेश के उस विश्व विख्यात आश्रम से जुड़ा था, जहां देश और दुनिया के कई बड़े दिग्गज पहुंचते हैं. ऐसे में आश्रम के रसूख को देखते हुए बिना शिकायत के ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी.
ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी का केदार भंडारी कई दिनों से लापता, पिता ने लगाई बेटे को खोजने की गुहार

इधर, मुनि की रेती थाना पुलिस की तरफ से कहा गया कि यह मामला लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र का है. ऐसे में केदार को लक्ष्मण झूला थाना को सौंप दिया है, लेकिन लक्ष्मण झूला पुलिस का कहना है कि चोरी की इस घटना पर परमार्थ निकेतन आश्रम की तरफ से कोई भी तहरीर नहीं दी गई थी. जिसके कारण केदार भंडारी को थाने पर न रखकर बैरक में रखा गया. जहां से ड्यूटी दे रहे कर्मचारी को धक्का देकर केदार भाग निकला. इस घटना के बाद पुलिस का कथन ये भी सामने आया कि पुलिसकर्मी जब केदार को पकड़ने के लिए पीछा कर रहे थे, तभी भागते भागते केदार पुल से नदी में कूद गया था.

वहीं, मामले में लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी जारी किए. दूसरी तरफ केदार सिंह भंडारी के परिवार की तरफ से ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस की कस्टडी में केदार की मौत हुई है. जिसके बाद केदार को नहर में डाल दिया गया है. परिवार वालों के इस आरोप के बाद डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल के नेतृत्व में जांच चल रही है.

थानेदार की भूमिका पर सवालः मामले में पुलिस पर लगातार सवाल उठने के बाद उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने लक्ष्मण झूला थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया था. थानाध्यक्ष के खिलाफ इस कार्रवाई के बाद से मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. जिसमें पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस को भी सफाई में बयान जारी करना पड़ रहा है.

केदार भंडारी लापता केस में जांच जारीः उधर, केदार सिंह भंडारी प्रकरण की जांच का नेतृत्व कर खुद डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल (DIG Garhwal Karan Singh Nagnyal) जुटे हुए हैं. केएस नगन्याल का कहना है कि सभी कड़ियों को जोड़कर मामले में जांच जारी है. जिसमें परिवार का सहयोग भी बहुत जरूरी है. जिस तरह से स्थानीय पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं, उसे देखते हुए केदार सिंह भंडारी के घरवालों से लगातार अधिकारी मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक केदार के पिता (Police Called to Kedar Father for Investigation) मिलने नहीं पहुंचे हैं.
ये भी पढ़ेंः केदार भंडारी मामले में गढ़वाल डीआईजी ने शुरू की जांच, परमार्थ निकेतन प्रबंधन से की पूछताछ

DIG गढ़वाल के अनुसार, केदार के पिता से इस केस के संबंध में महत्वपूर्ण पूछताछ आवश्यक है. फिलहाल वे पुलिस के पास नहीं आए हैं. हालांकि, उनसे संपर्क साधा जा रहा है. जब तक केदार के पिता से मिलकर सभी कड़ियों को आपस में जोड़कर नहीं देखा जाता, तब कुछ भी साफ तौर पर कहना मुश्किल है. पुलिस बार-बार केदार सिंह भंडारी के पिता तक संदेश पहुंचा रही है, लेकिन अभी तक वे मिलने नहीं पहुंचे हैं.

केदार सिंह भंडारी केस में पुलिस की अपनी एक कहानी है. जबकि, परिवार वालों के कई सवाल गंभीर आरोप से जुड़े हैं, लेकिन इन सब के बीच 19 साल का एक ऐसा लड़का अपनी पूरी तैयारी के बीच अग्निवीर बन देश सेवा के लिए निकला था, आखिर उसने अपनी जिंदगी कैसे गंवा दी, यह बड़ा सवाल है. बहरहाल, जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई का पता लग सकेगा.
ये भी पढ़ेंः ममता बहुगुणा गुमशुदगी मामले की CBI जांच की मांग, दोस्तों ने बताई सच्चाई

देहरादूनः ऋषिकेश से लापता केदार भंडारी केस (Kedar Bhandari Missing) की जांच अधर में लटकती नजर आ रही है. डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल की मानें तो मामले में स्थानीय पुलिस पर लगे आरोप और अलग-अलग कड़ियों को जोड़ने के लिए केदार के पिता के पक्ष को सुनकर पूछताछ करना आवश्यक है, लेकिन वे पुलिस के बुलावे के बावजूद नहीं आ रहे हैं. हालांकि, पुलिस लगातार संपर्क कर रही. ऐसे में जितनी जल्दी केदार के पिता से बातचीत कर जानकारी हासिल होगी. उतनी ही जल्दी इस केस के खुलासे की तरफ जाया जा सकता है.

घर से अग्निवीर बनने निकला था केदारः उत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी बीती 18 अगस्त को अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था. 20 अगस्त तक केदार भंडारी अपने घरवालों से लगातार बातें करता रहा, लेकिन 21 अगस्त से 22 अगस्त तक केदार और उसके परिवार के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया. दो दिन बीत जाने पर परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी कि आखिर उनका बेटा कहां है?

डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल का बयान.

इसी बीच परिजनों को खबर मिली कि केदार भंडारी टिहरी जिले के मुनि की रेती थाना पुलिस की हिरासत में है. केदार को लेकर पुलिस का कहना था कि उसके पास से एक बैग मिला था. जिसमें तलाशी लेने पर कुछ सिक्के और रुपए मिले थे, जो केदार सिंह भंडारी ने परमार्थ निकेतन के दानपात्र को तोड़कर चोरी किए थे. मामला ऋषिकेश के उस विश्व विख्यात आश्रम से जुड़ा था, जहां देश और दुनिया के कई बड़े दिग्गज पहुंचते हैं. ऐसे में आश्रम के रसूख को देखते हुए बिना शिकायत के ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी.
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इधर, मुनि की रेती थाना पुलिस की तरफ से कहा गया कि यह मामला लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र का है. ऐसे में केदार को लक्ष्मण झूला थाना को सौंप दिया है, लेकिन लक्ष्मण झूला पुलिस का कहना है कि चोरी की इस घटना पर परमार्थ निकेतन आश्रम की तरफ से कोई भी तहरीर नहीं दी गई थी. जिसके कारण केदार भंडारी को थाने पर न रखकर बैरक में रखा गया. जहां से ड्यूटी दे रहे कर्मचारी को धक्का देकर केदार भाग निकला. इस घटना के बाद पुलिस का कथन ये भी सामने आया कि पुलिसकर्मी जब केदार को पकड़ने के लिए पीछा कर रहे थे, तभी भागते भागते केदार पुल से नदी में कूद गया था.

वहीं, मामले में लक्ष्मण झूला थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी जारी किए. दूसरी तरफ केदार सिंह भंडारी के परिवार की तरफ से ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिस की कस्टडी में केदार की मौत हुई है. जिसके बाद केदार को नहर में डाल दिया गया है. परिवार वालों के इस आरोप के बाद डीआईजी गढ़वाल केएस नगन्याल के नेतृत्व में जांच चल रही है.

थानेदार की भूमिका पर सवालः मामले में पुलिस पर लगातार सवाल उठने के बाद उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने लक्ष्मण झूला थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया था. थानाध्यक्ष के खिलाफ इस कार्रवाई के बाद से मामले को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. जिसमें पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस को भी सफाई में बयान जारी करना पड़ रहा है.

केदार भंडारी लापता केस में जांच जारीः उधर, केदार सिंह भंडारी प्रकरण की जांच का नेतृत्व कर खुद डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल (DIG Garhwal Karan Singh Nagnyal) जुटे हुए हैं. केएस नगन्याल का कहना है कि सभी कड़ियों को जोड़कर मामले में जांच जारी है. जिसमें परिवार का सहयोग भी बहुत जरूरी है. जिस तरह से स्थानीय पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं, उसे देखते हुए केदार सिंह भंडारी के घरवालों से लगातार अधिकारी मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक केदार के पिता (Police Called to Kedar Father for Investigation) मिलने नहीं पहुंचे हैं.
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DIG गढ़वाल के अनुसार, केदार के पिता से इस केस के संबंध में महत्वपूर्ण पूछताछ आवश्यक है. फिलहाल वे पुलिस के पास नहीं आए हैं. हालांकि, उनसे संपर्क साधा जा रहा है. जब तक केदार के पिता से मिलकर सभी कड़ियों को आपस में जोड़कर नहीं देखा जाता, तब कुछ भी साफ तौर पर कहना मुश्किल है. पुलिस बार-बार केदार सिंह भंडारी के पिता तक संदेश पहुंचा रही है, लेकिन अभी तक वे मिलने नहीं पहुंचे हैं.

केदार सिंह भंडारी केस में पुलिस की अपनी एक कहानी है. जबकि, परिवार वालों के कई सवाल गंभीर आरोप से जुड़े हैं, लेकिन इन सब के बीच 19 साल का एक ऐसा लड़का अपनी पूरी तैयारी के बीच अग्निवीर बन देश सेवा के लिए निकला था, आखिर उसने अपनी जिंदगी कैसे गंवा दी, यह बड़ा सवाल है. बहरहाल, जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई का पता लग सकेगा.
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Last Updated : Oct 11, 2022, 10:16 AM IST
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