देहरादून: विषम परिस्थितियों वाले देवभूमि उत्तराखंड में अब इंटरनेट कनेक्टिविटी की राह आसान होने जा रही है. उत्तराखंड सरकार ने इंवेस्टर समिट के तहत प्रदेश में टेलीकॉम सेक्टर के तहत काम करने वाले इंवेस्टरों के लिए टावर लगाने और फाइबर बिछाने के लिए बनाई पॉलिसी को सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ दिया है. जिसके चलते अब टेलीकॉम कंपनियों को फाइबर बिछाने और टावर लगाने के विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
उत्तराखंड राज्य में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते टेलीफोन और मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी से राज्य के कई पहाड़ी क्षेत्र आज भी वंचित हैं. वहीं इन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए विभागीय क्लीयरेंस और औपचारिकता कंपनियों के काफी आड़े आती है. लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने अपनी पॉलिसियों में तब्दील करते हुए प्रदेश में टावर और फाइबर केबल बिछाने वाली कंपनियों के लिए क्लीयरेंस की प्रक्रिया सिंगल विंडो के जरिए बिल्कुल आसान कर दी है.
सरकार ने विभागीय नीति में बदलाव करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है. जिसके चलते टेलीकॉम कंपनी को फॉरेस्ट, पोलूशन बोर्ड, गृह विभाग, राजस्व आईडी लोक निर्माण विभाग स्वास्थ्य समिति 15 विभागों की एनओसी लेने के लिए जुझना नहीं पड़ेगा.
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टेलीकॉम कंपनियों को अब आसानी से सिंगल विंडो के जरिए टावर लगाने और फाइबर बिछाने की अनुमति मिल जाएगी. जिसके चलते प्रदेश के तकरीबन 1258 ऐसे क्षेत्र जो कि फिलहाल कनेक्टिविटी से पूरी तरह से कटे हुए हैं. वो क्षेत्र भी मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी से जल्द जुड़ पाएंगे.