देहरादून: पिछले दिनों कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकी इदरीस अहमद डार का देहरादून से कनेक्शन बताया जा रहा है. बता दें कि आतंकी इदरीस ने देहरादून के सेलाकुई स्थित एक नामी शिक्षण संस्थान में 4 साल तक शिक्षा ग्रहण की थी. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खुफिया तंत्र ने संबंधित शिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र-छात्राओं पर निगरानी तेज कर दी है.
इतना ही नहीं, सेलाकुई के इस शिक्षण संस्थान से वर्ष 2017 से 2021 तक होटल मैनेजमेंट स्नातक की पढ़ाई करने वाले आतंकी इदरीश अहमद के साथ सहपाठियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. वर्तमान में इस शिक्षण संस्थान में लगभग 120 से अधिक कश्मीरी छात्र छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. कॉलेज प्रबंधक के मुताबिक, घटना के बाद से जम्मू कश्मीर के छात्र-छात्राओं की सभी जानकारी इंटेलिजेंस विंग को मुहैया करा दी गई है. खुफिया विभाग ने कश्मीरी छात्र-छात्राओं का सत्यापन प्रक्रिया के लिए डाटा एकत्र किया है.
संबंधित शिक्षण संस्थान के प्रबंधक ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने अपने संस्थान में पिछले 2 साल से होटल मैनेजमेंट स्नातक डिग्री का कोर्स बंद कर दिया है. वहीं, जब आतंकी इदरीस अहमद डार को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस नाम के किसी छात्र ने उनके यहां से शिक्षा ग्रहण नहीं की है, लेकिन उनके कई तकनीकी कॉलेज और स्कूल संचालित है, उन सबकी सूचीबद्ध जानकारी इंटेलिजेंस को दे दी गई है.
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सेलाकुई स्थित जिस शिक्षण संस्थान से आतंकी इदरीस अहमद डार के होटल मैनेजमेंट डिग्री लेने की बात सामने आई है, उस कॉलेज के प्रबंधक के मुताबिक जब से कश्मीर पुलवामा हमला हुआ है तब से कॉलेज में कश्मीरी छात्र-छात्राओं के एडमिशन में कमी आई है. बता दें कि देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में संचालित निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में वर्तमान में लगभग 1000 से ज्यादा कश्मीरी छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं.
ये पहला मामला नहीं है जब किसी निजी शिक्षा संस्थान में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र के आतंकी कनेक्शन की बात सामने आई हो. इससे पहले भी कई बार देहरादून के निजी संस्थानों में पढ़ाई करने वाले कई छात्रों का नाम संवेदनशील मुद्दे से जुड़ा है. हालांकि, उत्तराखंड पुलिस विभाग और खुफिया तंत्र लगातार इस संवेदनशील मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर से आने वाले छात्र-छात्राओं के गृह क्षेत्र से आवश्यक जानकारियां एकत्र कर सत्यापन प्रक्रिया को पूरी करता है, लेकिन उसके बावजूद कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें देहरादून में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों का नाम आतंकी बनने वाले लोगों के रूप में सामने आता रहा है.