देहरादून: सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और हादसों के ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के लिए उत्तराखंड परिवहन विभाग एक नया ऐप लॉन्च करने जा रहा है. इस ऐप के लॉन्च होने के बाद तमाम संबंधित विभागों को सड़क हादसों की जानकारी तत्काल मिल जाएगी. ये ऐप देश के कई राज्यों में पहले ही काम कर ही है.
उत्तराखंड परिवहन विभाग उत्तराखंड परिवहन विभाग IRAD (इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) ऐप को जल्द ही लॉन्च करने जा रहा है. इसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने बताया कि एप्लीकेशन लॉन्च होने के बाद सड़क हादसों की जानकारी तत्काल मिल सकेगी. वहीं, सड़क हादसों का पूरा डाटा भी तैयार हो सकेगा.
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बता दें कि अभी तक सड़क हादसों की जानकारी मैनुअली रखी जाती है, जिसमें काम करने में न केवल बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है बल्कि समय भी अधिक लगता है. लेकिन केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आईरेड मोबाइल ऐप तैयार किया गया है. कुछ राज्यों में इस ऐप को लॉन्च भी कर दिया गया है और उत्तराखंड में इस लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है.
कुछ राज्य में एप्लीकेशन लांच भी किया जा चुका है और जल्द ही उत्तराखंड में भी इसकी लॉन्चिंग की जाएगी. ऐप लॉन्च होने के बाद किसी भी सड़क हादसों की जानकारी को तत्काल एप्लीकेशन के जरिए रिपोर्ट किया जाएगा और संबंधित विभागों तक वो जानकारी तुरन्त पहुंच जाएगी. आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी की मानें तो एप्लीकेशन से संबंधित विभाग को डेटा तैयार करने में आसानी होगी और विभाग के पास भी सभी हादसों का रिकॉर्ड रहेगा.
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संदीप सैनी प्रवर्तन आरटीओ ने बताया की आईरेड एप्लीकेशन के जरिए सभी विभाग आपस में कोआर्डिनेशन बनाकर कार्य करेंगे. काम ऑनलाइन होने से न केवल कार्य जल्दी हो सकेगा, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी, जिसकी लगातार मानिटरिंग भी की जाएगी.
साथ ही आइरेड मोबाइल ऐप के शुरू होने के बाद सड़क हादसों की तत्काल जानकारी मिल सकेगी. हादसों का विस्तृत डाटा तैयार कर इस बात की भी जानकारियां जुटाई जाएगी की किन-किन इलाकों मे सड़क हादसे अधिक हो रहे हैं और उनकी क्या वजह है. सारा ब्योरा जुटाने के बाद यह सड़क हादसों को कम करने को लेकर तमाम एहतियाती कदम उठाए जा सकेंगे.
आईआरएडी ऐप ऐसे करेगा काम: हादसा स्थल से पुलिसकर्मियों को सड़क दुर्घटना का पूरा विवरण फोटो, वीडियो, प्रभावित शख्स का नाम, उम्र, पता, वाहन नंबर, स्थान, दुर्घटना संभावित कारण भरा जाएगा. इससे हादसे की सूचना का अलर्ट चुनिंदा विभागों के कार्मिकों के मिलेगा. इसके बाद इस संग्रहित डेटा का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-एम) विश्लेषण करेगा और सड़क की रुपरेखा को सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे. जिससे हादसों में कमी लाई जा सके.