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जानवरों के लिए वरदान है ये रेस्क्यू सेंटर, गुलदार के शावक को बचाने में जुटी डॉक्टरों की टीम

हरिद्वार रेस्क्यू सेंटर में गुलदार के शावक को बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. शावक की उम्र लगभग 3 साल बतायी जा रही है. जिस पर जहर का असर बताया जा रहा है. वन विभाग के डॉक्टरों समेत वन विभाग के अधिकारी भी इस शावक पर नजर बनाए हुए हैं.

घायल शावक
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Published : Aug 20, 2019, 8:07 PM IST

Updated : Aug 20, 2019, 9:38 PM IST

हरिद्वार: वन प्रभाग की चिड़ियापुर रेंज में बना रेस्क्यू सेंटर वन्य जीवों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस रेस्क्यू सेंटर में कई घायल वन्य जीवों का इलाज किया जाता है. फिलहाल इस रेस्क्यू सेंटर में देहरादून स्थित चकराता के जंगल से अचेत अवस्था में मिले एक गुलदार के शावक का इलाज चल रहा है.

गुलदार के शावक को बचाने में जुटी डॉक्टरों की टीम

हरिद्वार के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा का कहना है कि इस रेस्क्यू सेंटर में एक तीन साल शावक को लाया गया है. जो देहरादून के जंगल में अचेत अवस्था में मिला था. जिसको इलाज के लिए हरिद्वार रेस्क्यू सेंटर लाया गया है. उन्होंने बताया कि इस शावक को बार-बार दौरे पड़ रहे हैं. जिसको देखकर लगता है कि शावक ने जंगल में कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया है.

पढे़ं- उत्तराखंडः 15 जून से अबतक 59 की आपदा में गई जान, सीएम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर जाना हाल

फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में शावक का इलाज चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है शावक जल्द ही ठीक हो जाएगा. बता दें कि हरिद्वार चिड़ियापुर रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में घायल जंगली जानवरों को इलाज के लिए लाया जाता है. वहीं यह उत्तराखंड का एकमात्र रेस्क्यू सेंटर है.

हरिद्वार: वन प्रभाग की चिड़ियापुर रेंज में बना रेस्क्यू सेंटर वन्य जीवों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इस रेस्क्यू सेंटर में कई घायल वन्य जीवों का इलाज किया जाता है. फिलहाल इस रेस्क्यू सेंटर में देहरादून स्थित चकराता के जंगल से अचेत अवस्था में मिले एक गुलदार के शावक का इलाज चल रहा है.

गुलदार के शावक को बचाने में जुटी डॉक्टरों की टीम

हरिद्वार के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा का कहना है कि इस रेस्क्यू सेंटर में एक तीन साल शावक को लाया गया है. जो देहरादून के जंगल में अचेत अवस्था में मिला था. जिसको इलाज के लिए हरिद्वार रेस्क्यू सेंटर लाया गया है. उन्होंने बताया कि इस शावक को बार-बार दौरे पड़ रहे हैं. जिसको देखकर लगता है कि शावक ने जंगल में कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया है.

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फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में शावक का इलाज चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही है शावक जल्द ही ठीक हो जाएगा. बता दें कि हरिद्वार चिड़ियापुर रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में घायल जंगली जानवरों को इलाज के लिए लाया जाता है. वहीं यह उत्तराखंड का एकमात्र रेस्क्यू सेंटर है.

Intro:हरिद्वार वन प्रभाग की चिड़ियापुर रेंज में बना रेस्क्यू सेंटर वन्य जीवों के लिए वरदान साबित हो रहा है इस रेस्क्यू सेंटर में कई घायल वन्य जीवो का इलाज कर उनकी जिंदगी बचाई गई है इस रेस्क्यू सेंटर में देहरादून के चकराता के जंगल से अचेत अवस्था मे मिले गुलदार के शावक को बचाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे है शावक की उम्र लगभग 3 वर्ष है जिस पर जहर का असर बताया जा रहा है रेस्क्यू सेन्टर में वन विभाग के डॉक्टरों समेत वन विभाग के अधिकारी भी इस शावक पर नजर बनाए हुए है Body:हरिद्वार के डीएफओ आकाश कुमार वर्मा का कहना है कि इस रेस्क्यू सेंटर में 3 साल का गुलदार का शावक लाया गया है जो देहरादून के जंगल मे अचेत अवस्था मे मिला था जिसको रेस्क्यू के लिए हरिद्वार रेस्क्यू सेंटर लाया गया है इस शावक को बार बार दौरे पड़ रहे है इसको देखकर लगता है कि इसने जंगल में कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया है या फिर अन्य किन्ही कारणों से ये जहर के संपर्क में आ गया है फिलहाल डॉक्टरों की निगरानी में इसका इलाज चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है जल्द ही ये ठीक भी हो जाएगा।

बाइट--आकाश कुमार वर्मा--डीएफओ हरिद्वार वन प्रभाग
Conclusion:हरिद्वार चिड़ियापुर रेंज के रेस्क्यू सेंटर में जंगली जानवरों के घायल होने के बाद उनको इलाज के लिए लाया जाता है और यह उत्तराखंड में एकमात्र ऐसा रेस्क्यू सेंटर है जहां जंगली जानवर आते तो घायल अवस्था में है मगर उनको यहां से स्वस्थ कर फिर जंगल में छोड़ दिया जाता है इसलिए रेस्क्यू सेंटर जंगली जानवरों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है
Last Updated : Aug 20, 2019, 9:38 PM IST
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