देहरादून: युद्धग्रस्त यूक्रेन में हर पल खतरा बना हुआ है. वहीं बीते दिनों यूक्रेन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे ऋषभ कौशिक ने अपने माले बु (पालतू कुत्ते का यूक्रेनियन नाम जिसका मतलब 'स्वीट' होता है) के बिना युद्धग्रस्त देश छोड़ने से इनकार कर दिया था. ईटीवी भारत ने बीते दिन इस मामले को प्रमुखता से उठाया था. ईटीवी से बात करते हुए ऋषभ ने कहा था कि वो यूक्रेन तभी छोड़ेगा जब उसके डॉगी को भारत सरकार एनओसी देगी. ऋषभ ने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा को फोन पर बताया कि वो यूक्रेन छोड़ कर हंगरी पहुंच गए हैं और भारत सरकार ने डॉगी (माले बु) को भी भारत लाने एनओसी दे दी है.
बता दें कि, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे देहरादून के ऋषभ अपने माले बु ( पालतू कुत्ते का यूक्रेनियन नाम जिसका मतलब 'स्वीट' होता है) को छोड़कर भारत नहीं आना चाहता थे. ऋषभ चाहता था कि वो यूक्रेन तभी छोड़ेगा जब उसके डॉगी को भारत सरकार एनओसी देगी. ईटीवी भारत ने ऋषभ की खबर को प्रमुखता से दिखाया, जिसका असर देखने को मिला है. ईटीवी भारत ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा ने देर रात ऋषभ से फोन पर बातचीत की, ऋषभ ने बताया कि वह यूक्रेन से हंगरी पहुंच गए हैं और भारत सरकार ने डॉगी को भी भारत लाने की एनओसी दे दी है.
ऋषभ ने बताया कि वह अपने डॉगी के साथ मंगलवार दोपहर ही यूक्रेन का बॉर्डर को छोड़ चुके हैं. भारत सरकार के अधिकारियों ने उनसे संपर्क किया और ऋषभ के साथ-साथ उनके डॉगी के तमाम कागज भी पूरे किए और मुंबई आने तक की एनओसी तुरंत ऋषभ के पास आ गई. ऋषभ ने ईटीवी भारत का धन्यवाद किया है. वह फिलहाल ट्रेन में सफर कर रहें हैं और ऋषभ आज यानी बुधवार को मुंबई की फ्लाइट पकड़ेंगे.
बता दें कि, देहरादून के रहने वाले ऋषभ कौशिक बीते 3 सालों से यूक्रेन में कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. ऋषभ का यह लास्ट ईयर है. ऋषभ के परिवार के और लोग भी यूक्रेन में बिजनेस करते हैं. जैसे ही परिवार के सदस्यों को पता लगा कि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ सकता है वैसे ही 19 और 20 फरवरी को पूरा परिवार, जिनमें लगभग 7 सदस्य थे वह किसी तरह टिकट बुक करवाकर दुबई के लिए रवाना हो गये. वहीं, परिजनों ने ऋषभ को दुबई चलने के लिए कहा. तब ऋषभ ने सिर्फ इसलिए जाने से मना कर दिया क्योंकि ऋषभ जिस डॉगी के साथ पिछले 1 साल से रह रहे हैं, वह फ्लाइट में नहीं जा सकता था. लिहाजा, ऋषभ ने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि वो भारत सरकार और तमाम विभागों से एनओसी लेने के बाद अपने डॉगी के साथ ही घर वापसी करेंगे.
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ऋषभ कौशिक ने बताया कि इस दौरान सबसे बड़ी और खास बात यह हुई है कि भारत सरकार ने तमाम कुत्तों को एनओसी फ्री कर दिया है. इतना ही नहीं इंटरनेशनल एनजीओ जो जानवरों के लिए काम करती हैं, उन्होंने भी ऋषभ से संपर्क किया और तमाम जानकारी ली. ऋषभ का कहना है कि भारत सरकार ने जो बड़ा निर्णय लिया है उसके बाद वो अपने डॉगी के साथ यूक्रेन हंगरी, पोलैंड या आसपास बॉर्डर क्रॉस कर रहे हैं. उनके खाने, पीने रहने की व्यवस्था भारत में पेटा करेगा. ऋषभ अपने डॉगी को भारत लाकर सीधे देहरादून लेकर आएंगे और इस बात से वह बेहद खुश हैं. ऋषभ जिस वजह से यूक्रेन में रुके थे वह न केवल पूरी हो रही है, बल्कि कई डॉगी और अन्य पालतू जानवरों की जान इस वजह से बच भी जाएगी.