ऋषिकेश: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा आज सपरिवार परमार्थ निकेतन पंहुचे. यहां स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की. जिसके बाद उन्होंने गंगा आरती में हिस्सा लेते हुए संगीत संध्या का आनंद लिया. इस दौरान स्वामी चिदानंद ने हिमंत बिस्वा सरमा और परिवार के सदस्यों को रुद्राक्ष की माला और पौधा भेंट किया.
स्वामी चिदानंद सरस्वती से हिमंत बिस्वा सरमा ने परमार्थ निकेतन में आयोजित पांच दिवसीय न्यू यू रिट्रीट के विषय में जानकारी भी ली. उन्होंने भारतीय संस्कृति, संस्कार, सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना को असम में साकार करने के लिए आभार जताया. स्वामी चिदानंद ने कहा हिमंत बिस्वा सरमा ने असम को एक नई पहचान दी है. असम में एक नई क्रांति की शुरुआत उन्होंने की है. नई योजनाओं के साथ विकास की रफ्तार को तेज किया है. उन्होंने विभिन्न नवीन कल्याणकारी योजनाएं पेश की हैं. वे असम में स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई ऊंचाई पर ले गए हैं. उन्होंने ‘असमिया लोगों’ की सुरक्षा के लिये भी अद्भुत कार्य किया है.
पढ़ें- हरक सिंह ने त्रिवेंद्र-हरदा को बताया 'दगा कारतूस', दोनों धुरंधरों की मुलाकात पर कसा तंज
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा भारत अनेकता में एकता का प्रतीक वाला राष्ट्र है. अनेकता में एकता भारतीय समाज की महत्त्वपूर्ण विशेषता है. भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखकर विविधता को आगे बढ़ने का संदेश देती है. हमारी संस्कृति विभिन्न राज्यों को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने का संदेश देती है.
पढ़ें- हरक सिंह रावत बोले- हरीश रावत की जुबान पर विश्वास नहीं, एक सीट पर बांट सकते कई टिकट
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा स्वामी चिदानंद ने उन्हें जो सम्मान दिया उसके लिये वे सदैव आभारी रहेंगे. उन्होंने कहा गंगा हमारी राष्ट्रीय धरोहर है, सनातन एवं पूज्य है. इसलिए हम जो भी करे देश के लिये करें. सनातन धर्म हमें मानव प्रेम सिखाता है. हमें सनातन धर्म और भारत को शिखर तक ले जाने का प्रयत्न करना होगा.