देहरादून: जनपद के कोविड उपचार व्यवस्थाओं के प्रभारी एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने न्यू कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में कोविड संक्रमण की सम्भावित तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों, ब्लैक फंगस की रोकथाम और उपचार व्यवस्थाओं, टीकाकरण तथा जनता की सुविधा के लिए अस्पतालों में ओपीडी खोलने की व्यवस्थाओं के संबंध में जिलाधिकारी तथा अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
बैठक में मंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव से जानकारी लेते हुए भविष्य में संभावित रूप से बच्चों के प्रति सेंसेटिव बताई जा रही कोरोना की तीसरी लहर से निपटने से सम्बन्धित की गई तैयारियों की फीडबैक लिया और ऐसी स्थिति में बच्चों के समुचित उपचार करने के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.
कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी अस्पतालों में चिकित्सा संसाधन, आवश्यक बाल रोग विशेषज्ञ एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू वार्डों की उपलब्धता सुनिश्चित कर लिए जाएं. इसके साथ ही टेस्टिंग, एक्स-रे और अन्य प्रयोगशाला संबंधी तैयारियों एवं सभी सहायक चिकित्सा उपकरण भी बच्चों के अनुकूल तैयार कर लिए जाएं.
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बच्चों के बेड एनआईसीयू और पीआईसीयू के साथ ही उनके परिजनों के रहने तथा उन्हें भी संक्रमण से बचाने के पुख्ता इंतजामात किए जाएं. साथ ही उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था अथवा आपूर्ति पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाए. यह ध्यान रखा जाए कि बच्चे गोलियां नहीं खा पाएंगे, इसलिए उनके लिए चाइल्ड फ्रेंडली सीरप फॉर्म में दवाएं उपलब्ध हों.
मंत्री ने निर्देश दिए कि अब जब कोरोना संक्रमण से संबंधित मामले कम हो रहे हैं, दूसरी ओर कोविड उपचार के लिए सेंट्रलाइज्ड अस्पताल बनाए जा चुके हैं, इसलिए लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ओपीडी सुविधाओं को सामान्य किया जाए. इस पर सीएमओ ने बताया कि ऋषिकेश और मसूरी तथा अन्य पेरीफेरी वाले स्वास्थ्य केन्द्रों में कोरोना के न्यूनतम मामलों को देखते हुए तथा कोविड उपचार की पर्याप्त व्यवस्था हो जाने के चलते वहां पर ओपीडी की सेवाएं चालू की जा रही हैं.
वैक्सिनेशन व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लगाई जा रही वैक्सीन के शुल्क को तार्किक बनाने के लिए समन्वय किया जाए, साथ ही निर्देश दिए किए कि आईटी पार्क और जाखन में दोनों स्थानों पर एम्बुलेंस तैनात हैं, जबकि एक ही स्थान से दोनों कवर हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में आईटी पार्क वाली एम्बुलेंस को सहस्त्रधारा में तैनात किया, ताकि सहस्त्रधारा के आसपास रहने वाले लोग भी इसका आपातकाल में इस्तेमाल कर सकें.
ये है जनपद में उपचार की तैयारी
- मैक्स अस्पताल, सीएमआई, महंत इंद्रेश अस्पताल, एम्स, हिमालयन अस्पताल व दून अस्पताल में उपलब्ध है ब्लैक फंगस की उपचार सुविधाएं.
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कालसी, चकराता, सहिया, सहसपुर, डोईवाला, अस्पतालों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट.
- उपजिला चिकित्सायल मसूरी और ऋषिकेश में लगेंगे क्रायोजनिक प्लांट.
- दून के कोरोनेशन में DRDO के सहयोग से तथा तथा दून अस्पताल में लिन्डे कम्पनी के सहयोग से लगेगा बड़ा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट.
- उपजिला चिकित्सायलों में नीकू, पीकू के 15 बेड तथा जिला चिकित्सालयों में होंगे 25 बेड तैयार.
- बच्चों के लिए निर्धारित निजी अस्पतालों में होंगे 25 प्रतिशत बेड और सिरप फार्म में दवाएं उपलब्ध.