ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश व इसके आसपास के क्षेत्रों में धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रख बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है. अवैध निर्माण पर कार्रवाई के नाम पर प्राधिकरण सिर्फ खानापूर्ति करता ही दिखाई दे रहा है. आलम यह है कि 4 से 5 फीट की गलियों में बड़े-बड़े होटल व गेस्ट हाउस बनाए जा रहे हैं. जो कि सुरक्षा नियमों के भी खिलाफ हैं.
ऋषिकेश के तपोवन क्षेत्र में एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों अवैध निर्माण हो रहे हैं, जोकि नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं. तपोवन में मात्र 4 या 5 फीट की गली में चार से पांच मंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है. जिनमें से कुछ होटल है और कुछ गेस्ट हाउस. इन सभी निर्माणों का नक्शा हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण से पास होना जरूरी होता है. लेकिन किसी ने भी नक्शा पास नहीं कराया है और निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है.
खास बात यह है कि तपोवन का यह क्षेत्र ग्रीन वैली कहलाता है. जिस वजह से भी वहां नक्शा पास नहीं होता. ऐसा नहीं कि इस बारे में प्राधिकरण को जानकारी नही है. सभी को जानकारी होने के बावजूद भी कोई अधिकारी इस ओर उस और ध्यान नहीं दे रहा है.
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सुरक्षा के लिहाज से बात की जाए तो बहुमंजिला इमारतों में अगर किसी तरह की कोई दुर्घटना या आपदा जैसी स्थिति पैदा होती है, तो वहां पर किसी भी तरह से मदद नहीं पहुंच पाएगी. अगर किसी भी होटल या गेस्ट हाउस में आग लगती है, तो वहां तक दमकल की गाड़ी भी नहीं पहुंच सकती, लेकिन लोग हैं कि सुरक्षा के मानकों को ताक पर रख धड़ल्ले से निर्माण कर रहे हैं.
वहीं, इस बारे में जब हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष दीपक रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के सभी इंजीनियरों को कार्रवाई के लिए कहा गया है. फिर भी अगर कार्रवाई नहीं होती है. तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. दीपक ने कहा कि अगर जिन भवनों का चालान हुआ है और चालान के बावजूद वहां पर निर्माण चल रहा है तो उनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.