ETV Bharat / state

26 नवंबर को देहरादून में होगा ईगास महोत्सव का आयोजन - पहाड़ की संस्कृति

26 नवंबर को देहरादून में ईगास महोत्सव का आयोजन किया जा जाएगा. महोत्सव के आयोजनकर्ताओं ने बताया कि उत्तराखंड के पारंपरिक उत्सव (ईगास बग्वाल) में उत्तराखंडी परंपरा से जुड़े अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें लगभग विलुप्त हो चुकी भेलो बग्वाल प्रमुख रहेगी.

Igas Diwali uttarakhand
इगास दिवाली महोत्सव का आयोजन
author img

By

Published : Nov 22, 2020, 8:25 PM IST

देहरादून: पर्वतीय सांस्कृतिक उत्तराखंड का पावन पर्व ईगास महोत्वस का आयोजन देहरादून में होने जा रहा है. देवभूमि विकास महोत्सव संस्था द्वारा 26 नवंबर को हरिद्वार बाईपास कुंजापुरी के ठीक सामने ईगास महोत्सव का आयोजन करने जा रही है.

26 नवंबर को देहरादून में होगा ईगास महोत्सव का आयोजन.

रविवार शाम देहरादून के प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए महोत्सव के आयोजनकर्ताओं ने बताया कि 26 नवंबर गुरुवार के दिन देवोत्थानी एकादशी व उत्तराखंड के पारंपरिक उत्सव (ईगास बग्वाल) के साथ ही सांस्कृतिक संध्या (भेलो ईगास) द्वारा मनाया जाएगा. इस मौके पर उत्तराखंडी परंपरा से जुड़े अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें लगभग विलुप्त हो चुकी भेलो बग्वाल प्रमुख रहेगी.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: सीएम और अखाड़ा परिषद की बैठक, 15 फरवरी के बाद कुंभ के स्वरूप पर फैसला

इसके अलावा ढोल-धमाऊ, मशक बीन और रणसिंघा वाद्ययंत्रों पर लोकनृत्य का भी लोग लुत्फ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तराखंड की विरासत व सांस्कृतिक धरोहर को संजोने, संवारने व पुनर्जीवित करने में मील का पत्थर साबित होगी.

देहरादून: पर्वतीय सांस्कृतिक उत्तराखंड का पावन पर्व ईगास महोत्वस का आयोजन देहरादून में होने जा रहा है. देवभूमि विकास महोत्सव संस्था द्वारा 26 नवंबर को हरिद्वार बाईपास कुंजापुरी के ठीक सामने ईगास महोत्सव का आयोजन करने जा रही है.

26 नवंबर को देहरादून में होगा ईगास महोत्सव का आयोजन.

रविवार शाम देहरादून के प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए महोत्सव के आयोजनकर्ताओं ने बताया कि 26 नवंबर गुरुवार के दिन देवोत्थानी एकादशी व उत्तराखंड के पारंपरिक उत्सव (ईगास बग्वाल) के साथ ही सांस्कृतिक संध्या (भेलो ईगास) द्वारा मनाया जाएगा. इस मौके पर उत्तराखंडी परंपरा से जुड़े अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें लगभग विलुप्त हो चुकी भेलो बग्वाल प्रमुख रहेगी.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: सीएम और अखाड़ा परिषद की बैठक, 15 फरवरी के बाद कुंभ के स्वरूप पर फैसला

इसके अलावा ढोल-धमाऊ, मशक बीन और रणसिंघा वाद्ययंत्रों पर लोकनृत्य का भी लोग लुत्फ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तराखंड की विरासत व सांस्कृतिक धरोहर को संजोने, संवारने व पुनर्जीवित करने में मील का पत्थर साबित होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.