ETV Bharat / state

आईजी गढ़वाल ने थानों में तैनात मोहर्रिरों और सीओ की लगाई पाठशाला - Fill Form-54 and send it to Motor Accident Claim Tribunal in 30 days

पुलिस लाइन गढ़वाल परिक्षेत्र के थानों में तैनात मोहर्रिरों और नौ नए सीओ को आईजी अजय रौतेला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया.

etv bharat
आईजी ने मोहर्रिरों और सीओ की लगाई पाठशाला
author img

By

Published : Dec 29, 2019, 7:23 PM IST

देहरादून: पुलिस लाइन गढ़वाल परिक्षेत्र के थानों में तैनात मोहर्रिरों और नौ नए सीओ को आईजी अजय रौतेला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें विभिन्न मुद्दों के साथ आने वाले नए साल से रजिस्टर मेंटेन करने को लेकर प्रशिक्षण दिया. आईजी ने अपनी प्रशिक्षण की पाठशाला में बुलाए गए थानों के मोहर्रिरों से कई सवाल भी किए, तो कुछ सवालों के स्वंय उत्तर दिए तो कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर मोहर्रिरों को जमकर फटकार भी लगाई.

आईजी ने मोहर्रिरों और सीओ की लगाई क्लास.

आईजी अजय रौतेला द्वारा पुलिस लाइन में हुई कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें गढ़वाल रेंज के इक्यासी थानों के हेड मोहर्रिर और नए पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. आईजी ने थानों के जरुरी अभिलेखों को लेकर सवाल शुरू किए तो अधिकांश हेड मोहर्रिर बगले झांकने लगे, अधिकांश ने थानों में बनने वाले अपराध रजिस्टर के बारे में तक नहीं बता पाए.

ये भी पढ़े :उत्तराखंड में राशन की कालाबाजारी पर लगेगी रोक, 7 हजार दुकानें हुई डिजिटल

आईजी ने निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना से संबंधित मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर 48 घंटे के अंदर उसकी सूचना क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजी जाए. विवेचक को निर्धारित फार्म-54 भरकर 30 दिनों में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजे. दुर्घटना से पीड़ित, गवाहों और मृत्यु की दशा में मृतक के परिजनों को न्यायालय में उपस्थित कराने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होगी.

एफआईआर में चोरी हुई संपत्ति की पहचान भी दर्ज होनी चाहिए. अधिकतर मामलों में पुलिस संपत्ति की पहचान लिखवाने से बचती है. वादी की तरफ से लिखवाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि चोरी हुए सामान की सूची बाद में दी जाएगी. साथ ही हर एफआईआर पर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. थानों में यह व्यवस्था सुचारु रुप से न लागू होने पर आपत्ति जताई. आईजी ने कहा कि गढ़वाल परिक्षेत्र में स्थित समस्त थानों में किस तरह से कार्य किया जाना है. सूचनाओं के साथ-साथ केस रजिस्टर मेंटेन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है.

देहरादून: पुलिस लाइन गढ़वाल परिक्षेत्र के थानों में तैनात मोहर्रिरों और नौ नए सीओ को आईजी अजय रौतेला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें विभिन्न मुद्दों के साथ आने वाले नए साल से रजिस्टर मेंटेन करने को लेकर प्रशिक्षण दिया. आईजी ने अपनी प्रशिक्षण की पाठशाला में बुलाए गए थानों के मोहर्रिरों से कई सवाल भी किए, तो कुछ सवालों के स्वंय उत्तर दिए तो कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर मोहर्रिरों को जमकर फटकार भी लगाई.

आईजी ने मोहर्रिरों और सीओ की लगाई क्लास.

आईजी अजय रौतेला द्वारा पुलिस लाइन में हुई कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें गढ़वाल रेंज के इक्यासी थानों के हेड मोहर्रिर और नए पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. आईजी ने थानों के जरुरी अभिलेखों को लेकर सवाल शुरू किए तो अधिकांश हेड मोहर्रिर बगले झांकने लगे, अधिकांश ने थानों में बनने वाले अपराध रजिस्टर के बारे में तक नहीं बता पाए.

ये भी पढ़े :उत्तराखंड में राशन की कालाबाजारी पर लगेगी रोक, 7 हजार दुकानें हुई डिजिटल

आईजी ने निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना से संबंधित मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर 48 घंटे के अंदर उसकी सूचना क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजी जाए. विवेचक को निर्धारित फार्म-54 भरकर 30 दिनों में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजे. दुर्घटना से पीड़ित, गवाहों और मृत्यु की दशा में मृतक के परिजनों को न्यायालय में उपस्थित कराने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होगी.

एफआईआर में चोरी हुई संपत्ति की पहचान भी दर्ज होनी चाहिए. अधिकतर मामलों में पुलिस संपत्ति की पहचान लिखवाने से बचती है. वादी की तरफ से लिखवाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि चोरी हुए सामान की सूची बाद में दी जाएगी. साथ ही हर एफआईआर पर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. थानों में यह व्यवस्था सुचारु रुप से न लागू होने पर आपत्ति जताई. आईजी ने कहा कि गढ़वाल परिक्षेत्र में स्थित समस्त थानों में किस तरह से कार्य किया जाना है. सूचनाओं के साथ-साथ केस रजिस्टर मेंटेन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है.

Intro:आईजी गढ़वाल ने पुलिस लाइन देहरादून में गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त थानों में तैनात मोहर्रिरों और 9 नए सीओ को प्रशिक्षण दिया। थानों में किस तरह से केस रजिस्टर मेंटेन करने हैं साथ ही नए साल से किस तरह रजिस्टर मेंटेन होंगे इसको लेकर सभी को प्रशिक्षण दिया गया। आईजी ने अपनी प्रशिक्षण की पाठशाला में बुलाए गए थाने के मोहर्रिरों से कई सवाल भी किए, संतोषजनक जवाब न मिलने पर आईजी ने मोहर्रिरों को जमकर फटकार भी लगाई।Body:पुलिस लाइन में हुई कार्यशाला में गढ़वाल रेंज के 81 थानों के हेड मोहर्रिर के अलावा नए पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक अजय रौतेला ने थानों के जरूरी अभिलेखों को लेकर सवाल शुरू किए तो अधिकांश हेड मोहर्रिर बगले झांकने लगे। अधिकांश तो थानों में बनने वाले अपराध रजिस्टर के बारे में तक नहीं बता पाए।आईजी ने निर्देश दिए कि किसी भी सड़क दुर्घटना से संबंधित मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर 48 घंटे के अंदर उसकी सूचना क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजी जाए। विवेचक को निर्धारित फार्म -54 भरकर 30 दिनों में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजना होगा। दुर्घटना के पीड़ित, गवाहों और मृत्यु की दशा में मृतक के परिजनों को न्यायालय में उपस्थित कराने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होगी।साथ ही एफआईआर में चोरी हुई संपत्ति की पहचान भी दर्ज होनी चाहिए। अधिकतर मामलों में देेखने में आता है कि पुलिस संपत्ति की पहचान लिखवाने से बचती है। वादी की तरफ से यह लिखवाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि चोरी हुए सामान की सूची बाद में दी जाएगी।और हर एफआईआर पर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर होने चाहिए। थानों में यह व्यवस्था लागू न होने पर उन्होंने आपत्ति जताई। कहा कि थानाध्यक्ष बाहर हैं तो द्वितीय अधिकारी से हस्ताक्षर करा लिए जाएं। जब भी थाना प्रभारी लौटकर आए तो एफआईआर पर अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर करा लेने चाहिए।  Conclusion:आईजी गढ़वाल अजय रौतेला ने कहा कि गढ़वाल परिक्षेत्र में स्थित समस्त थानों में किस तरह से कार्य किया जाना है और सूचनाओं के साथ-साथ केस रजिस्टर कैसे मेंटेन किये जाने हैं इसको लेकर  सभी को प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि थानों में कार्य सही ढंग से हो सके।।

बाइट- अजय रौंतेला, आईजी, गढ़वाल  
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.