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IFS रंजना काला बनीं उत्तराखंड की 'हेड ऑफ द फॉरेस्ट', केवल दो महीने पद पर रहेंगी - ifs ranjana kala

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन मंत्री हरक सिंह रावत की मुलाकात में इस मामले पर भी चर्चा हुई थी. रंजना काला 1985 बैच की आईएफएस अधिकारी हैं.

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आईएफएस रंजना काला
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Published : Oct 29, 2020, 5:25 PM IST

Updated : Oct 29, 2020, 5:38 PM IST

देहरादून: 1985 बैच की आईएफएस रंजना काला उत्तराखंड की दूसरी महिला हेड ऑफ द फॉरेस्ट होंगी. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की सहर्ष स्वीकृति के बाद शासन ने ये आदेश जारी किया है. वर्तमान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जयराज 31 अक्टूबर को सेवानिवृत हो रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन मंत्री हरक सिंह रावत की मुलाकात हुई थी, जिसमें इस मामले पर भी चर्चा हुई, जिसके बाद सीएम ने रंजना काला की प्रोन्नति से जुड़ी फाइल पर मंजूरी दी. वन मंत्री और मुख्यमंत्री की मुलाकात के कुछ घंटों बाद ही रंजना काला की प्रोन्नति से जुड़े आदेश शासन ने जारी कर दिए.

रंजना काला वर्तमान में पीसीसीएफ (वन्यजीव) का जिम्मा संभाल रही हैं. 31 अक्टूबर को वो जयराज की जगह कार्यभार संभालेंगी. हालांकि, वो इस पद पर सिर्फ दो माह तक ही रहेंगी. इसके बाद उनका भी रिटायरमेंट है.

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रंजना काला की नियुक्त का आदेश.

फिलहाल प्रमुख वन संरक्षक की जिम्मेदारी जयराज संभाल रहे थे और वह 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड के तौर पर नए चेहरे की तलाश लंबे समय से चल रही थी. इसमें वैसे तो कई नामों पर चर्चा हुई थी, लेकिन सबसे सीनियर नाम के रूप में रंजना काला ही महकमे में तैनात थी. ऐसे में सीनियरिटी को तवज्जो देते हुए शासन ने रंजना काला के नाम पर मुहर लगा दी गई.

रंजना के रिटायरमेंट के बाद अगले पीसीसीएफ पर महकमे के अफसरों की नजर सबसे ज्यादा है. दरअसल, इसके लिए पांच दावेदार हैं. इनमें 1986 बैच के आईएफएस राजीव भरतरी, 1987 के विनोद सिंघल, ज्योत्सना सितलिंग, अनूप मलिक व 1988 बैच के डॉ. धनंजय मोहन शामिल हैं. सितलिंग और डॉ. मोहन डेपुटेशन पर हैं. फिलहाल उनके लौटने की संभावना नहीं है. लिहाजा तीन दावेदार बचे.

प्रमुख वन संरक्षक जयराज से वन मंत्री हरक सिंह की रही थी नोकझोंक

प्रमुख वन संरक्षक जयराज के काम करने का तरीका काफी अलग माना जाता है. वह बिना दबाव के ही काम करना पसंद करते हैं. ऐसे में वन महकमे में पिछले कुछ समय से वन मंत्री हरक सिंह रावत और पीसीसीएफ जयराज के बीच आपसी खटपट काफी बार सार्वजनिक भी हुई थी.

देहरादून: 1985 बैच की आईएफएस रंजना काला उत्तराखंड की दूसरी महिला हेड ऑफ द फॉरेस्ट होंगी. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की सहर्ष स्वीकृति के बाद शासन ने ये आदेश जारी किया है. वर्तमान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जयराज 31 अक्टूबर को सेवानिवृत हो रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वन मंत्री हरक सिंह रावत की मुलाकात हुई थी, जिसमें इस मामले पर भी चर्चा हुई, जिसके बाद सीएम ने रंजना काला की प्रोन्नति से जुड़ी फाइल पर मंजूरी दी. वन मंत्री और मुख्यमंत्री की मुलाकात के कुछ घंटों बाद ही रंजना काला की प्रोन्नति से जुड़े आदेश शासन ने जारी कर दिए.

रंजना काला वर्तमान में पीसीसीएफ (वन्यजीव) का जिम्मा संभाल रही हैं. 31 अक्टूबर को वो जयराज की जगह कार्यभार संभालेंगी. हालांकि, वो इस पद पर सिर्फ दो माह तक ही रहेंगी. इसके बाद उनका भी रिटायरमेंट है.

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रंजना काला की नियुक्त का आदेश.

फिलहाल प्रमुख वन संरक्षक की जिम्मेदारी जयराज संभाल रहे थे और वह 31 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड के तौर पर नए चेहरे की तलाश लंबे समय से चल रही थी. इसमें वैसे तो कई नामों पर चर्चा हुई थी, लेकिन सबसे सीनियर नाम के रूप में रंजना काला ही महकमे में तैनात थी. ऐसे में सीनियरिटी को तवज्जो देते हुए शासन ने रंजना काला के नाम पर मुहर लगा दी गई.

रंजना के रिटायरमेंट के बाद अगले पीसीसीएफ पर महकमे के अफसरों की नजर सबसे ज्यादा है. दरअसल, इसके लिए पांच दावेदार हैं. इनमें 1986 बैच के आईएफएस राजीव भरतरी, 1987 के विनोद सिंघल, ज्योत्सना सितलिंग, अनूप मलिक व 1988 बैच के डॉ. धनंजय मोहन शामिल हैं. सितलिंग और डॉ. मोहन डेपुटेशन पर हैं. फिलहाल उनके लौटने की संभावना नहीं है. लिहाजा तीन दावेदार बचे.

प्रमुख वन संरक्षक जयराज से वन मंत्री हरक सिंह की रही थी नोकझोंक

प्रमुख वन संरक्षक जयराज के काम करने का तरीका काफी अलग माना जाता है. वह बिना दबाव के ही काम करना पसंद करते हैं. ऐसे में वन महकमे में पिछले कुछ समय से वन मंत्री हरक सिंह रावत और पीसीसीएफ जयराज के बीच आपसी खटपट काफी बार सार्वजनिक भी हुई थी.

Last Updated : Oct 29, 2020, 5:38 PM IST

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