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चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने CM के फैसले का किया स्वागत, अन्य मांगों को लेकर हुए नाराज

खटीमा गोलीकांड की बरसी पर सीएम पुष्कर धामी ने शहीदों के परिजनों के लिए पेंशन का ऐलान किया. जिसका चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने स्वागत किया है, लेकिन साथ कई मांगों को लेकर नाराजगी भी जताई है.

Identified State Agitating Joint Committee welcomed CM decision
चिंहित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने CM के फैसले का किया स्वागत
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Published : Sep 1, 2021, 10:10 PM IST

Updated : Sep 1, 2021, 10:15 PM IST

देहरादून: आज खटीमा गोलीकांड की 27वीं बरसी है. इस मौके पर सीएम पुष्कर धामी ने गोलीकांड में हुए शहीदों को नमन किया. साथ ही सीएम ने शहीदों के परिजनों के लिए पेंशन का ऐलान भी किया. वहीं, सीएम के इस निर्णय का चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने स्वागत किया है, लेकिन खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अब तक सजा ना मिलने पर नाराजगी भी व्यक्त की है.

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर और मसूरी कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सीएम को पहल करनी चाहिए उन्होंने सीएम धामी द्वारा वंचित आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण की तिथि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाए जाने के फैसले का भी स्वागत किया.

धीरेंद्र प्रताप ने आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए 3100 रुपये पेंशन की व्यवस्था को अपर्याप्त बताया. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को कम से कम 15,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलनी चाहिए. वहीं, नौकरी से हटाए के आंदोलनकारियों के लिए भी पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने के ऐलान का भी स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सीएम ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है.

चिंहित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने CM के फैसले का किया स्वागत

ये भी पढ़ें: खटीमा गोलीकांड के शहीदों को CM धामी ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों को पेंशन का ऐलान

वही राज्य आंदोलनकारियों ने खटीमा गोलीकांड शहीदों और राज्य निर्माण आंदोलनकारी रंजीत सिंह वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी याद में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत अनेक नेताओं ने अपना संबोधन दिया.

इस मौके पर वक्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा राज्य अधिकारियों के हित में कुल घोषणाओं का स्वागत किया. वहीं, खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अब तक सजा ना मिलने पर नाराजगी व्यक्त की. इसके विरोध में राज्य आंदोलनकारियों ने 2 दिसंबर को अपने घोषित धिक्कार दिवस के कार्यक्रम को जारी रखने का सर्वसम्मति से फैसला किया है.

देहरादून: आज खटीमा गोलीकांड की 27वीं बरसी है. इस मौके पर सीएम पुष्कर धामी ने गोलीकांड में हुए शहीदों को नमन किया. साथ ही सीएम ने शहीदों के परिजनों के लिए पेंशन का ऐलान भी किया. वहीं, सीएम के इस निर्णय का चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने स्वागत किया है, लेकिन खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अब तक सजा ना मिलने पर नाराजगी भी व्यक्त की है.

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और कांग्रेस प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर और मसूरी कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सीएम को पहल करनी चाहिए उन्होंने सीएम धामी द्वारा वंचित आंदोलनकारियों के चिन्हिकरण की तिथि 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाए जाने के फैसले का भी स्वागत किया.

धीरेंद्र प्रताप ने आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए 3100 रुपये पेंशन की व्यवस्था को अपर्याप्त बताया. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को कम से कम 15,000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलनी चाहिए. वहीं, नौकरी से हटाए के आंदोलनकारियों के लिए भी पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने के ऐलान का भी स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सीएम ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है.

चिंहित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने CM के फैसले का किया स्वागत

ये भी पढ़ें: खटीमा गोलीकांड के शहीदों को CM धामी ने दी श्रद्धांजलि, परिजनों को पेंशन का ऐलान

वही राज्य आंदोलनकारियों ने खटीमा गोलीकांड शहीदों और राज्य निर्माण आंदोलनकारी रंजीत सिंह वर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की. उनकी याद में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत अनेक नेताओं ने अपना संबोधन दिया.

इस मौके पर वक्ताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा राज्य अधिकारियों के हित में कुल घोषणाओं का स्वागत किया. वहीं, खटीमा, मसूरी, श्रीयंत्र टापू और मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अब तक सजा ना मिलने पर नाराजगी व्यक्त की. इसके विरोध में राज्य आंदोलनकारियों ने 2 दिसंबर को अपने घोषित धिक्कार दिवस के कार्यक्रम को जारी रखने का सर्वसम्मति से फैसला किया है.

Last Updated : Sep 1, 2021, 10:15 PM IST
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