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जानिए क्या है निशंक का एक छात्र-एक पेड़ मुहिम, 23 दिन में कैसे किया गया 230 करोड़ लीटर पानी का संरक्षण

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा करते हुए कहा कि पिछले 23 दिनों में देश में 1 करोड़ पेड़ लगा चुके हैं. साथ ही 230 करोड़ लीटर पानी बचा चुके हैं.

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल का दावा.
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Published : Sep 9, 2019, 11:34 PM IST

देहरादून: मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर बोलते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अपने मंत्रालय की उपलब्धि भी बताने से नहीं चूके. मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा करते हुए कहा कि पिछले 23 दिनों में उन्होंने जल शक्ति अभियान के तहत देश में मौजूद 30 करोड़ छात्र-छात्राओं के जरिए 1 करोड़ पेड़ लगाएं है. साथ ही 23 दिनों में प्रत्येक छात्र द्वारा प्रतिदिन 1 लीटर पानी का संरक्षण करके 230 करोड़ लीटर पानी बचाया है.

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल का दावा.

सोमवार को मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इतने लीन हो गए कि उन्होंने इसी बीच अपने मंत्रालय से भी जुड़ा एक बड़ा दावा कर दिया. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने शिक्षा से जुड़े आंकड़ों के सहारे दावा किया कि पिछले 23 दिनों में देश में 1 करोड़ पेड़ लगा चुके हैं. साथ ही 230 करोड़ लीटर पानी बचा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार के खिलाफ हरीश रावत करेंगे पदयात्रा, नारा होगा- 'नशा नहीं-रोजगार दो, लाठी नहीं-प्यार दो'

दरअसल, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री का कहना है कि देश में 40 हजार से ज्यादा डिग्री कॉलेज और 900 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज हैं. साथ ही देश में 15 लाख स्कूल हैं, जिनमें 90 लाख शिक्षक पढ़ाते हैं और 30 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. जिसमें प्रति छात्र एक पेड़ लगाया गया और प्रत्येक दिन प्रति छात्र द्वारा 1 लीटर पानी बचाया गया है.

देहरादून: मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर बोलते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अपने मंत्रालय की उपलब्धि भी बताने से नहीं चूके. मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दावा करते हुए कहा कि पिछले 23 दिनों में उन्होंने जल शक्ति अभियान के तहत देश में मौजूद 30 करोड़ छात्र-छात्राओं के जरिए 1 करोड़ पेड़ लगाएं है. साथ ही 23 दिनों में प्रत्येक छात्र द्वारा प्रतिदिन 1 लीटर पानी का संरक्षण करके 230 करोड़ लीटर पानी बचाया है.

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल का दावा.

सोमवार को मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इतने लीन हो गए कि उन्होंने इसी बीच अपने मंत्रालय से भी जुड़ा एक बड़ा दावा कर दिया. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने शिक्षा से जुड़े आंकड़ों के सहारे दावा किया कि पिछले 23 दिनों में देश में 1 करोड़ पेड़ लगा चुके हैं. साथ ही 230 करोड़ लीटर पानी बचा चुके हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार के खिलाफ हरीश रावत करेंगे पदयात्रा, नारा होगा- 'नशा नहीं-रोजगार दो, लाठी नहीं-प्यार दो'

दरअसल, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री का कहना है कि देश में 40 हजार से ज्यादा डिग्री कॉलेज और 900 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज हैं. साथ ही देश में 15 लाख स्कूल हैं, जिनमें 90 लाख शिक्षक पढ़ाते हैं और 30 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. जिसमें प्रति छात्र एक पेड़ लगाया गया और प्रत्येक दिन प्रति छात्र द्वारा 1 लीटर पानी बचाया गया है.

Intro:
एंकर- मोदी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल पर बोलते बोलते केंद्रीय मानव संसाधन मन्त्री रेमश पोखरियाल निशंक अपने मंत्रालय की उपलब्धि बताने से भी नही चुके। एचआरडी मिनिस्टर रेमश पोखरियाल निशंक ने दावा किया कि पिछले 23 दिनो में उन्होंने जल शक्ति अभियान के तहत देश मे मोजूद 30 करोड़ छात्र-छात्रओं के जरिए 1 करोड़ पेड़ लगाएं है और साथ मे इन्ही 23 दिनों में प्रत्येक छात्र के प्रतिदिन 1 लीटर पानी का सरक्षण कर 230 करोड़ लीटर पानी बचाया है।


Body:वीओ- सोमवार को केंद्र की मोदी सरकार के तारीफों के पुल बांधते बांधते केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक इतने लीन हो गए की उन्होंने इसी बीच अपने मंत्रालय से भी जुड़ा एक बड़ा दावा कर दिया। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने शिक्षा से जुड़े आंकड़ों के सहारे दावा किया कि पिछले 23 दिनों में 1 करोड़ तो देश मे पेड़ लगा चुके है और 230 करोड़ लीटर पानी बचा चुके हैं। ये कैसे संभव हुआ है अब मंन्त्री जी के अनुसार वो गणित भी समझ लीजिए।

दरसल केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री का कहना है देश मे 40 हजार से ज्यादा डिग्री कॉलेज हैं, 900 से ज्यादा यूनिवर्सिटीस है। साथ ही देश मे 15 लाख स्कूल है जिनमें 90 लाख शिक्षक पढातें है और 30 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं जिसमे प्रति छात्र एक पेड़ लगाया गया और प्रत्येक दिन प्रतिछात्र द्वारा 1 लीटर पानी बचाया गया।

मंन्त्री जी ने इन आंकड़ों के दम पर तस्वीर तो बड़ी दिखा दी है जसमें कोई आंकड़ो की गणित से शक की कोई गुंजाइश बचती नही है लेकिन बयानों के इतर तस्वीर धरातल पर जाकर कैसी लगती इसमें थोड़ा सा देखने की जरूरत है। ये बात इसलिए भी थोड़ा अहम हो जाती है कि प्रत्येक छात्र के दम पर किया जाने वाला ये वादा वास्तिविक में धरातल पर उतरा है या नही ये जल्द ही साफ हो जाएगा जसके लिए ज्यादा दूर जाने की जरूरत नही पड़ेगी केवल उत्तराखंड में ही इस दावे की कसौटी पता चल जाएगी।

बाइट- रेमश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री


Conclusion:
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