देहरादून: मोदी सरकार ने अटल आयुष्मान योजना के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक एश्योरेंस तो दे दिया, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे जो भारत सरकार की इस योजना के अंतर्गत नहीं आ पा रहे थे. प्रदेश के हर व्यक्ति को अटल आयुष्मान योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए त्रिवेंद्र सरकार ने राज्य स्तर पर भी इस योजना का विस्तार करते हुए प्रदेश के हर व्यक्ति को इस योजना का लाभार्थी बनाया.
इसके बाद से ही प्रदेश में 23 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. केंद्रीय योजना के तहत केवल 5.37 लाख परिवार ही योजना के दायरे में आ रहे थे, जबकि राज्य सरकार ने उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना के तहत 17 लाख परिवारों को इसमें जोड़ा, जिसमें 2.5 लाख से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स भी शामिल हैं. इस तरह इस योजना में प्रत्येक व्यक्ति को 5 लाख तक के स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी गई है.
अब तक 1.10 लाख मरीजों का निःशुल्क उपचार
उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना का जिक्र मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर मंच पर करते हैं. लिहाजा यह समझना आसान है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह के लिए योजना किसी ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं. इस योजना के तहत अब तक 1.10 लाख मरीजों का निःशुल्क उपचार हो चुका है. जिसमें 104.86 करोड़ रुपए का खर्च आया. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के लिए यह रकम बेहद बड़ी है. अब बजट सत्र के दौरान सरकार से इसमें ज्यादा बजट का प्रावधान किए जाने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं.
लोगों को स्वास्थ्य बजट बढ़ने की उम्मीद
अटल आयुष्मान योजना उत्तराखंड के तहत स्वास्थ्य सुविधा लेने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में बजट की भी दरकार पहले से ज्यादा होने लगी है. उधर, यह डिमांड भी आम है कि स्वास्थ्य चेकअप या इलाज के लिए जो पैकेज सरकार ने तैयार किए हैं उनके रेट में भी बढ़ोत्तरी होनी चाहिए, ताकि सभी अस्पताल इस योजना को अपना सकें और लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें. सरकार यदि इस दिशा में भी कदम उठाती है तो राज्य को बजट की और भी ज्यादा आवश्यकता होगी.
175 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मिल रहा योजना का लाभ
फिलहाल, इस योजना के अंतर्गत 175 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में लोगों को इलाज मिल पा रहा है. इस योजना के अंतर्गत उपचार के लिए 1,350 तरह के रोगों को चिह्नित किया गया है, जिनका इलाज अस्पतालों में इंश्योरेंस स्कीम से हो सकता है. वैसे तो इसके लिए प्राधिकरण स्तर पर एजेंसियां काम कर रही हैं, लेकिन कोई भी व्यक्ति 104 हेल्पलाइन नंबर पर भी अपनी बात या शिकायत के लिए संपर्क कर सकता है. उधर, जिला स्तर पर सीएमओ कार्यालय भी इससे संबंधित हर शिकायत या बात को संज्ञान में लेता है और उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाती है.
गैरसैंण में हो रहे बजट सत्र में यूं तो तमाम योजनाओं को बजटीय प्रावधान किए जाएंगे लेकिन अटल आयुष्मान योजना में इस बार बजट को कितना बढ़ाया जाएगा, इस पर भी लोगों की निगाह रहेगी. आकलन किया जा रहा है कि पिछली बार करीब 100 करोड़ का प्रावधान इसके लिए किया गया था, लेकिन इस बार कोविड-19 काल में आर्थिक दिक्कतों के बीच भी इसका बजट बढ़ाए जाने की उम्मीद है. हालांकि, तमाम योजनाओं के बजट में आर्थिक दिक्कतों के चलते कटौती की गई है, लेकिन स्वास्थ्य से जुड़ी इस योजना में बजट की कटौती की संभावनाएं कम हैं. लिहाजा, बजट सत्र के दौरान 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का बजटीय प्रावधान इस योजना में किए जाने की उम्मीद है.