ETV Bharat / state

उत्तराखंड से छिनी राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी, पर्यटन मंत्री ने जताई चिंता

उत्तराखंड से राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी एक बार फिर छिन गई है, जिसे लेकर सूबे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी चिंता जाहिर की है.

Dehradun National Winter Games
Dehradun National Winter Games
author img

By

Published : Mar 1, 2021, 7:42 PM IST

देहरादून: एक बार फिर उत्तराखंड से राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी छिन गई है. चमोली जनपद के औली में बर्फबारी कम होने के चलते इस बार एक बार फिर प्रस्तावित राष्ट्रीय शीतकालीन खेल रद्द हो चुके हैं. ऐसे में अब जम्मू कश्मीर को राष्ट्रीय शीतकालीन खेल की मेजबानी दे दी गई है.

उत्तराखंड से एक बार फिर छिनी राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी.

बता दें, यह पांचवीं बार है जब चमोली जनपद के औली में राष्ट्रीय शीतकालीन खेल रद्द हुए हैं. इसे लेकर सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी चिंता जाहिर की है. इससे पहले औली में सैफ गेम्स के बाद यहां होने वाले चार राष्ट्रीय और दो फिश रेस बर्फ की कमी के चलते रद्द हो चुके हैं, जिसमें वर्ष 2012, 2013 , 2015 और 2016 में फिश रेस और नेशनल गेम्स बर्फ की कमी के कारण रद्द हो गए.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह बीते कुछ सालों से औली में बर्फबारी कम हो रही है उसे देखते हुए विभाग राष्ट्रीय शीतकालीन खेल या फिर अन्य शीतकालीन खेलों के लिए नई जगह तलाश रहा है. आने वाले समय में चमोली जनपद के गोरसों बुग्याल और अली बुग्याल में भी शीतकालीन खेलों की संभावना तलाशी जा रही है. इन इलाकों में अभी भी हर साल अच्छी खासी बर्फबारी होती है.

पढ़ें- अजय भट्ट बोले किसान हमारे हैं, हम किसानों के साथ हैं

गोरसों बुग्याल की खासियत

गोरसों बुग्याल औली से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, समुद्र तल से लगभग 3056 मीटर की ऊंचाई पर होने के चलते हर साल यहां अच्छी खासी बर्फबारी होती है. यह हरे-भरे चरागाहों का एक बड़ा भूभाग है, जो शंकुधारी वन और ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है.

अली बुग्याल की खासियत

चमोली जनपद में स्थित अली बुग्याल गढ़वाल क्षेत्र के प्रसिद्ध बुग्यालों में से एक है. यह भारत के सबसे बड़े घास के मैदान के तौर पर भी अपनी पहचान रखता है. यह समुद्र सतह से लगभग 13000 फीट की ऊंचाई पर है. वहीं, यह पूरी तरह से पाइन और देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से इसकी खूबसूरती अतुलनीय है.

देहरादून: एक बार फिर उत्तराखंड से राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी छिन गई है. चमोली जनपद के औली में बर्फबारी कम होने के चलते इस बार एक बार फिर प्रस्तावित राष्ट्रीय शीतकालीन खेल रद्द हो चुके हैं. ऐसे में अब जम्मू कश्मीर को राष्ट्रीय शीतकालीन खेल की मेजबानी दे दी गई है.

उत्तराखंड से एक बार फिर छिनी राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की मेजबानी.

बता दें, यह पांचवीं बार है जब चमोली जनपद के औली में राष्ट्रीय शीतकालीन खेल रद्द हुए हैं. इसे लेकर सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी चिंता जाहिर की है. इससे पहले औली में सैफ गेम्स के बाद यहां होने वाले चार राष्ट्रीय और दो फिश रेस बर्फ की कमी के चलते रद्द हो चुके हैं, जिसमें वर्ष 2012, 2013 , 2015 और 2016 में फिश रेस और नेशनल गेम्स बर्फ की कमी के कारण रद्द हो गए.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिस तरह बीते कुछ सालों से औली में बर्फबारी कम हो रही है उसे देखते हुए विभाग राष्ट्रीय शीतकालीन खेल या फिर अन्य शीतकालीन खेलों के लिए नई जगह तलाश रहा है. आने वाले समय में चमोली जनपद के गोरसों बुग्याल और अली बुग्याल में भी शीतकालीन खेलों की संभावना तलाशी जा रही है. इन इलाकों में अभी भी हर साल अच्छी खासी बर्फबारी होती है.

पढ़ें- अजय भट्ट बोले किसान हमारे हैं, हम किसानों के साथ हैं

गोरसों बुग्याल की खासियत

गोरसों बुग्याल औली से सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, समुद्र तल से लगभग 3056 मीटर की ऊंचाई पर होने के चलते हर साल यहां अच्छी खासी बर्फबारी होती है. यह हरे-भरे चरागाहों का एक बड़ा भूभाग है, जो शंकुधारी वन और ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है.

अली बुग्याल की खासियत

चमोली जनपद में स्थित अली बुग्याल गढ़वाल क्षेत्र के प्रसिद्ध बुग्यालों में से एक है. यह भारत के सबसे बड़े घास के मैदान के तौर पर भी अपनी पहचान रखता है. यह समुद्र सतह से लगभग 13000 फीट की ऊंचाई पर है. वहीं, यह पूरी तरह से पाइन और देवदार के घने जंगलों से घिरा हुआ है, जिसकी वजह से इसकी खूबसूरती अतुलनीय है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.