शहडोल: कहते हैं कि वनवास के समय श्रीराम जहां-जहां से गुजरे, वहां की धरती पवित्र होती गई. ऐसा ही एक स्थान सीतामढ़ी मंदिर शहडोल के गंधिया गांव में स्थित है. कहा जाता है कि यहां भगवान श्रीराम ने माता सीता और लक्ष्मण के साथ एक रात विश्राम किया था. प्रभु श्रीराम उमरिया के दशरथ घाट से होते हुए शहडोल के इसी गंधिया गांव के सीतामढ़ी मंदिर में पहुंचे. यहां विश्राम करने के बाद छत्तीसगढ़ के हरचोका के लिए प्रस्थान किया.
यहां के पुजारी पंडित विष्णु प्रसाद शुक्ला बताते हैं कि भगवान श्रीराम जब अपने वनवास में थे तो यहां से होकर गुजरे और गंधिया गांव के इसी स्थान पर उन्होंने एक रात विश्राम किया. जिसकी वजह से इसका नाम सीतामढ़ी पड़ा.
अयोध्या की एक टीम ने यहां जांच कर इस स्थान को रामवनगमन पथ के तौर पर चिन्हित किया है. जिसके बाद यहां भगवान श्रीराम की एक चरण पादुका भी लगाई गई है. भगवान श्रीराम वनवास के समय इसी रास्ते से होकर गुजरे इसके कई प्रमाण हैं.
मंदिर में माता सीता के साथ विराजे हैं श्रीराम
सीतामढ़ी मंदिर में भगवान श्रीराम के अलावा माता सीता और लक्ष्मण भी विराजे हैं, साथ ही इस परिसर में भगवान शिव भी हैं जिनके चमत्कार की कई कहानियां हैं. यहां भगवान शिव पर भी लोगों की काफी आस्था है.
मंदिर की मौजूदा स्थिति सरंक्षण के अभाव में जर्जर है, जिसे देखरेख की जरूरत है क्योंकि ये मंदिर बहुत पुराना हो चुका है. ऐसे में यह सरकार से संरक्षण की बाट जोह रहा है.