देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) सीजन शुरू होते ही हेलीकॉप्टर सेवा ऑनलाइन धोखाधड़ी (online fraud in the name of heli service) का खेल फिर से शुरू हो चुका है. अभी तक हेली सेवा ठगी के आधा दर्जन से अधिक मामले उत्तराखंड साइबर पुलिस (Uttarakhand Cyber Police) के पास पहुंच चुके हैं. हालांकि, अभी कई मामले और अधिक संख्या में सामने आ सकते हैं. क्योंकि जून तक ऑनलाइन हेली सेवा (Online Heli Service) बुक बताई जा रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में कितने लोगों के साथ हेली यात्रा सेवा में यह ठगी हुई है, इसका आंकड़ा यात्रा बुकिंग की तारीख नजदीक आते ही सामने आ सकता है.
हेली सेवा के नाम पर धोखाधड़ी का खेल ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था के बाद ही बढ़े हैं. इस ठगी का सबसे बड़ा कारोबार गूगल व याहू सर्च इंजन में फर्जी कस्टमर और हेली सेवा के नाम से दिए गए मोबाइल नंबर के जरिए किया जा रहा है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि, हेली यात्रा सेवा बुकिंग कराने के लिए ज्यादातर लोग सरकार द्वारा अधिकृत कंपनी की वेबसाइट के बारे में जानकारी न जुटाकर सीधे गूगल जैसे इंटरनेट सर्च इंजन पर हेली सेवा यात्रा का नंबर तलाशते हैं, जिसके बाद कई फर्जी वेबसाइटों के मोबाइल नंबर सर्च में सामने आते हैं और ग्राहक इन मोबाइल नंबर्स से संपर्क कर हेली सेवा बुकिंग के नाम हजारों-लाखों रुपये गंवाकर ठगी का शिकार होता है.
उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक, किसी भी तरह की ऑनलाइन फाइनेंशियल साइबर ठगी के अलावा इन दिनों यात्रा सीजन में ऑनलाइन हेली सेवा बुकिंग के लिए जागरूक होकर सतर्क रहना जरूरी है, वर्ना साइबर क्रिमिनल तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर किसी न किसी फर्जीवाड़े में फंसाकर लोगों की जेब पर डाका डाल सकते हैं.
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टूरिज्म बुकिंग के सही नंबर टोल फ्री नंबर होते हैं: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा ने बताया कि, हेली सेवा के नाम पर जिस तरह से ऑनलाइन ठगी हो रही है, इसका गिरोह गूगल और याहू सर्च इंजन पर अपनी फर्जी वेबसाइट मोबाइल नंबर अपलोड कर योजनाबद्ध तरीके से बिहार, झारखंड के जामताड़ा एवं राजस्थान जैसे ग्रामीण इलाकों से संचालित हो रहा है. यह एक पूरा संगठित गिरोह है, जो पहले से तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर साइबर वित्तीय धोखाधड़ी शामिल रहता है. यही गैंग देशभर में यात्रा सीजन और उत्तराखंड के चारधाम यात्रा शुरू होते ही हेली सेवा के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करता आया है.
पिछले दिनों देहरादून निवासी परिवार के साथ वैष्णो देवी हेली यात्रा के नाम पर 7 लाख की ठगी करने वाले एक गिरोह को बिहार के नालंदा और नवादा जिले से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के मुताबिक, इस तरह की हेली सेवा ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को लगातार उत्तराखंड पुलिस गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज रही है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही है.
साइबर एसपी अंकुश मिश्रा के मुताबिक, एक बात और ध्यान रखने वाली है कि कभी भी किसी टूरिज्म या हेली सेवा बुकिंग कंपनी का संपर्क नंबर टोल फ्री होता है न कि कोई मोबाइल नंबर, इसलिए इंटरनेट सर्च इंजन के बुकिंग मोबाइल नंबर से भी बचें.
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उत्तराखंड पुलिस की वेबसाइट से जानकारी लें: उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा बताते हैं कि, टूरिज्म से संबंधित ऑनलाइन बुकिंग ठगी में लगाम लगाने के लिए बड़े स्तर में प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम साइबर पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है. उत्तराखंड पुलिस की वेबसाइट, सोशल मीडिया एकाउंट पेज, समाचार पत्रों और स्कूल कॉलेजों में इस बात की जानकारी देकर जागरुकता बढ़ाई जा रही है, जिससे किसी भी तरह के साइबर ठगी से बचने के लिए लोग सतर्क रहें.
टोल फ्री नंबर 1930 पर संपर्क करें: अंकुश मिश्रा ने बताया कि, किसी भी तरह की ऑनलाइन फाइनेंशियल ठगी से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. इसके बावजूद भी अगर किसी के साथ वित्तीय लेनदेन वाली धोखाधड़ी होती है तो तत्काल समय रहते टोल फ्री नंबर 1930 पर साइबर पुलिस को संपर्क करें. इतना ही नहीं, किसी भी तरह की फाइनेंशियल साइबर ठगी होने कि तत्काल बात राज्य के किसी भी जनपद में साइबर क्राइम सेल अलग से स्थापित है उन पर लिखित रूप में या ईमेल आईडी के जरिए भी शिकायत दर्ज की जा सकती है.