देहरादूनः उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने का फैसला आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार को बदलना पड़ा है. बीते 12 दिन पहले स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरों को लेकर एक शासनादेश जारी किया गया था. जिसे स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्थगित करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मरीजों को एक बार फिर पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाएगा.
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बता दें कि, बीते 28 अगस्त को राज्य कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ी हुई दरों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. जिसे लेकर 17 सितंबर को शासनादेश जारी किया गया था. इससे पहले भी साल 2010 में स्वास्थ्य सेवाओं की दरों को लेकर शासनादेश जारी हुआ था. जिसके बाद बीते 9 सालों से उसी आदेश के अनुसार ही अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की दरें चल रही थी.
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हालांकि, इसके बाद राज्य कैबिनेट ने इसमें बदलाव करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था, लेकिन राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज समेत जन दबाव को देखते हुए इस फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. अब अस्पतालों में फिर एक बार पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मिल पाएगी. नई दरों में ओपीडी, अस्पतालों में पंजीकरण, पैथोलॉजी लैब में जांच समेत प्राइवेट और सामान्य वार्ड के बेड की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी. जिन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.