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स्वास्थ्य सेवाओं पर सरकार का यू टर्न, अब पुरानी दरों पर ही होगा इलाज

राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज समेत जन दबाव को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरों को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. अब अस्पतालों में फिर एक बार पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मिल पाएगी.

सचिवालय
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Published : Sep 28, 2019, 9:02 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने का फैसला आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार को बदलना पड़ा है. बीते 12 दिन पहले स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरों को लेकर एक शासनादेश जारी किया गया था. जिसे स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्थगित करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मरीजों को एक बार फिर पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाएगा.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरें हुई स्थगित.
राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इस आदेश को लेकर जनता ने काफी विरोध भी किया था. जिसके बाद भारी जन दबाव को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आर के पांडे ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए शासनादेश को स्थगित किए जाने के निर्देश दिए हैं.

ये भी पढ़ेंः चीफ जस्टिस ने शुरू किया 'संकल्प नशा मुक्ति देवभूमि' अभियान, नशे से ग्रसित लोगों का होगा पुनर्वास

बता दें कि, बीते 28 अगस्त को राज्य कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ी हुई दरों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. जिसे लेकर 17 सितंबर को शासनादेश जारी किया गया था. इससे पहले भी साल 2010 में स्वास्थ्य सेवाओं की दरों को लेकर शासनादेश जारी हुआ था. जिसके बाद बीते 9 सालों से उसी आदेश के अनुसार ही अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की दरें चल रही थी.

ये भी पढ़ेंः गिरिराज सिंह ने पाक को दी कड़ी चेतावनी, कहा- PoK हमारा होगा, कश्मीर में नजर न गड़ाएं

हालांकि, इसके बाद राज्य कैबिनेट ने इसमें बदलाव करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था, लेकिन राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज समेत जन दबाव को देखते हुए इस फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. अब अस्पतालों में फिर एक बार पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मिल पाएगी. नई दरों में ओपीडी, अस्पतालों में पंजीकरण, पैथोलॉजी लैब में जांच समेत प्राइवेट और सामान्य वार्ड के बेड की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी. जिन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.

देहरादूनः उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने का फैसला आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार को बदलना पड़ा है. बीते 12 दिन पहले स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरों को लेकर एक शासनादेश जारी किया गया था. जिसे स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्थगित करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब मरीजों को एक बार फिर पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाएगा.

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरें हुई स्थगित.
राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन इस आदेश को लेकर जनता ने काफी विरोध भी किया था. जिसके बाद भारी जन दबाव को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आर के पांडे ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए शासनादेश को स्थगित किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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बता दें कि, बीते 28 अगस्त को राज्य कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ी हुई दरों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. जिसे लेकर 17 सितंबर को शासनादेश जारी किया गया था. इससे पहले भी साल 2010 में स्वास्थ्य सेवाओं की दरों को लेकर शासनादेश जारी हुआ था. जिसके बाद बीते 9 सालों से उसी आदेश के अनुसार ही अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की दरें चल रही थी.

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हालांकि, इसके बाद राज्य कैबिनेट ने इसमें बदलाव करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था, लेकिन राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज समेत जन दबाव को देखते हुए इस फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. अब अस्पतालों में फिर एक बार पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मिल पाएगी. नई दरों में ओपीडी, अस्पतालों में पंजीकरण, पैथोलॉजी लैब में जांच समेत प्राइवेट और सामान्य वार्ड के बेड की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी. जिन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है.

Intro:summary- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने का फैसला आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार को बदलना पड़ा... 12 दिन पहले स्वास्थ्य सेवाओं की नई दरों को लेकर जारी किया गया शासनादेश आज स्वास्थ्य महानिदेशालय ने स्थगित करने के आदेश दे दिए... इसके बाद अब मरीजों को एक बार फिर पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल पाएगा...


Body:राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को महंगा करने के आदेश जारी किए, तो इसका विरोध भी आम लोगों के स्तर पर दिखाई दिया.. ऐसे में भारी जन दबाव के बाद फिलहाल इस आदेश को स्थगित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं... स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ आर के पांडे ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए शासनादेश को स्थगित किए जाने के निर्देश दिए हैं... आपको बता दें कि 28 अगस्त को राज्य कैबिनेट ने स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ी हुई दरों के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी... जिस पर 17 सितंबर को शासनादेश जारी कर दिया गया था... गौरतलब है कि साल 2010 में स्वास्थ्य सेवाओं की दरों को लेकर शासनादेश किया गया था... जिसके बाद पिछले 9 सालों से उसी आदेश के अनुसार अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की दरें चल रही थी... हालांकि इसके बाद राज्य कैबिनेट ने इसमें बदलाव करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था... लेकिन राज्य में डेंगू और स्वाइन फ्लू के बढ़े मरीज समेत जन दबाव को देखते हुए इस फैसले को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है... अब चिकित्सालय में फिर एक बार पुरानी दरों पर ही स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों को मिल पाएगी.... नई दरों में ओपीडी, अस्पतालों में पंजीकरण समेत पैथोलॉजी लैब में जांच समेत प्राइवेट और सामान्य वार्ड के बेड की कीमतों में बढ़ोतरी की गई थी... जिन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है....


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