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स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, नदारद मिले डॉक्टर व कर्मचारी

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Published : Jun 10, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Jun 10, 2022, 7:31 PM IST

स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने ऋषिकेश में बीटीसी कैंपस में संचालित स्वास्थ्य जांच केंद्र और सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के अनुपस्थित रहने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके अलावा सरकारी अस्पताल की कैंटीन में अनियमितताओं पर कैंटीन संचालक का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए.

Health Secretary Radhika Jha
स्वास्थ्य सचिव राधिका झा

ऋषिकेशः चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश के बीटीसी कैंपस में संचालित स्वास्थ्य जांच केंद्र (health checkup center) में गैरमौजूद चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर गाज गिरी है. स्वास्थ्य सचिव राधिका झा (Health Secretary Radhika Jha) ने औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्र से नदारद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश सीएमओ को दिए हैं. सरकारी अस्पताल के निरीक्षण में स्वास्थ्य सचिव ने कैंटीन में मरीजों को खाना परोसने में लापरवाही पर संबंधित एजेंसी का ठेका भी तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए हैं.

शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव राधिक झा संयुक्त यात्रा बस ट्रांजिट कंपाउंड (बीटीसी) में इंतजामों का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कैंपस में स्थापित स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान उन्हें चिकित्सक और दो स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित मिले. स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के गायब होने पर सचिव नाराज हो गईं. उन्होंने इस पर एक्शन लेते हुए सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती को संबंधित चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए.

स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण.

इसके बाद वह सीधे एसपीएस राजकीय चिकित्सालय पहुंचीं. उन्होंने प्रसव वार्ड और लैब का निरीक्षण किया. मरीजों और तीमारदारों से बातचीत कर व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया. हालांकि, अस्पातल में स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर अन्य व्यवस्था पर उन्होंने संतोष जाहिर किया. लेकिन अस्पताल में मरीजों को खाना परोसने के लिए बनी कैंटीन में अनियमितताओं पर उन्होंने सीएमएस को कैंटीन संचालक का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ेंः बेस हॉस्पिटल में पानी का संकट, अस्पताल प्रशासन ने जल संस्थान को लिखा पत्र

पत्तल पर खाना परोसने पर भड़कीं राधिकाः सरकारी अस्पताल की कैंटीन में सचिव राधिक झा ने बारीकी से जांच की. इस दौरान उन्हें मौके पर खाने बनाने के कोई खास इंतजाम ही नहीं मिले. हालांकि, संचालक लगातार कैंटीन में खाना बनाने की दलीलें देता रहा. जबकि, सचिव से लेकर स्वास्थ्य महकमे के किसी अधिकारी को मौके से ऐसा कुछ नहीं दिखा. मरीजों तक खाना पहुंचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी. कैंटीन में निरीक्षण के दौरान कोई बर्तन भी नहीं मिला. मरीजों को खाना भी पत्तल पर परोसा जा रहा था.

चारधाम भेजी स्वतंत्र समितिः वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत के मामले में स्वास्थ्य सचिव राधिक झा ने इसका एक बड़ा कारण कोरोना को बताया है. उनका कहना है कि विशेषज्ञ समिति के मुताबिक, कोविड से उभरने वाले लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं ज्यादा सामने आई हैं. यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के दायरे को भी काफी बढ़ाया गया है. चिकित्सकों की एक स्वतंत्र समिति को भी चारधाम क्षेत्र में भेजा गया है. पूरी कोशिश है कि इस तरह के मामलों को थामा जा सके. सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएमओ स्तर पर इंतजामों की निगरानी भी की जा रही है.

ऋषिकेशः चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश के बीटीसी कैंपस में संचालित स्वास्थ्य जांच केंद्र (health checkup center) में गैरमौजूद चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर गाज गिरी है. स्वास्थ्य सचिव राधिका झा (Health Secretary Radhika Jha) ने औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्र से नदारद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश सीएमओ को दिए हैं. सरकारी अस्पताल के निरीक्षण में स्वास्थ्य सचिव ने कैंटीन में मरीजों को खाना परोसने में लापरवाही पर संबंधित एजेंसी का ठेका भी तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए हैं.

शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव राधिक झा संयुक्त यात्रा बस ट्रांजिट कंपाउंड (बीटीसी) में इंतजामों का औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कैंपस में स्थापित स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान उन्हें चिकित्सक और दो स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित मिले. स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के गायब होने पर सचिव नाराज हो गईं. उन्होंने इस पर एक्शन लेते हुए सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती को संबंधित चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण तलब करने के निर्देश दिए.

स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण.

इसके बाद वह सीधे एसपीएस राजकीय चिकित्सालय पहुंचीं. उन्होंने प्रसव वार्ड और लैब का निरीक्षण किया. मरीजों और तीमारदारों से बातचीत कर व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया. हालांकि, अस्पातल में स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर अन्य व्यवस्था पर उन्होंने संतोष जाहिर किया. लेकिन अस्पताल में मरीजों को खाना परोसने के लिए बनी कैंटीन में अनियमितताओं पर उन्होंने सीएमएस को कैंटीन संचालक का ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ेंः बेस हॉस्पिटल में पानी का संकट, अस्पताल प्रशासन ने जल संस्थान को लिखा पत्र

पत्तल पर खाना परोसने पर भड़कीं राधिकाः सरकारी अस्पताल की कैंटीन में सचिव राधिक झा ने बारीकी से जांच की. इस दौरान उन्हें मौके पर खाने बनाने के कोई खास इंतजाम ही नहीं मिले. हालांकि, संचालक लगातार कैंटीन में खाना बनाने की दलीलें देता रहा. जबकि, सचिव से लेकर स्वास्थ्य महकमे के किसी अधिकारी को मौके से ऐसा कुछ नहीं दिखा. मरीजों तक खाना पहुंचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी. कैंटीन में निरीक्षण के दौरान कोई बर्तन भी नहीं मिला. मरीजों को खाना भी पत्तल पर परोसा जा रहा था.

चारधाम भेजी स्वतंत्र समितिः वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत के मामले में स्वास्थ्य सचिव राधिक झा ने इसका एक बड़ा कारण कोरोना को बताया है. उनका कहना है कि विशेषज्ञ समिति के मुताबिक, कोविड से उभरने वाले लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं ज्यादा सामने आई हैं. यात्रियों की स्वास्थ्य जांच के दायरे को भी काफी बढ़ाया गया है. चिकित्सकों की एक स्वतंत्र समिति को भी चारधाम क्षेत्र में भेजा गया है. पूरी कोशिश है कि इस तरह के मामलों को थामा जा सके. सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएमओ स्तर पर इंतजामों की निगरानी भी की जा रही है.

Last Updated : Jun 10, 2022, 7:31 PM IST
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