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हरीश रावत बोले- भागवत के 6 मंत्रों के विपरीत काम कर रही BJP, कांग्रेस को बताया फिट

हरीश रावत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 6 मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार मोहन भागवत के 6 मंत्रों के विपरीत काम कर रही है.

Assembly Elections 2022
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Published : Oct 12, 2021, 4:19 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 4:24 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के छह मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भागवत के छह मंत्रों के विपरीत काम कर रही है. हल्द्वानी पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के छह मंत्र हैं. इसमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं. भागवत ने लोगों से पारंपरिक रीति-रिवाज को अपनाने को कहा है.

हरीश रावत बीजेपी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. हरीश रावत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 6 मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार हमला करते हुए सोशल मीडिया पर कहा है कि वो मोहन भागवत के 6 मंत्रों के विपरीत काम कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस के काम को भागवत के 6 मंत्रों के अनुकूल बताया है.

पहला मंत्र 'भाषा':- हमने भाषा संवर्धन के लिए कुमाऊं और गढ़वाल विश्वविद्यालय में गढ़वाली, कुमाऊनी रंग व जौनसारी भाषा के संवर्धन के लिए अलग विभाग खोला और एक भाषा-बोली संवर्धन संस्थान गौचर में स्थापित किया. PCS के सिलेबस में भी हमने कुछ प्रश्न स्थानीय भाषा और परंपराओं से संबंधित अनिवार्य किये. स्थानीय भाषाओं के सिलेबस तैयार करवाए. आज भाषा-बोली संस्थान लगभग बंद है. विश्वविद्यालयों व स्थानीय बोली-भाषाओं के डिपार्टमेंट लगभग न के बराबर चल रहे हैं. PCS की तो परीक्षा ही नहीं हुई.

दूसरा मंत्र 'भोजन':- हमारी सरकार ने परंपरागत अन्न आधारित भोजन को न केवल प्रोत्साहित किया, बल्कि गर्भवती महिला पोषण आहार योजना, वृद्ध पोषण आहार योजना, इंदिरा अम्मा भोजनालयों और कई सरकारी विभागों में एक दिन स्थानीय अन्न आधारित व्यंजनों को अनिवार्य कर दिया. इसे इस सरकार ने बंद कर दिया. हमने व्यंजनों के त्यौहार घी संक्रांति को राज्य के दूसरे महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया, जिस परंपरा को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है.

पढ़ें- कांग्रेस को मिला बहुमत तो पूरी हो सकती है हरदा की मुराद, यशपाल बनेंगे पहले दलित मुख्यमंत्री!

तीसरा मंत्र 'भजन':- केदारनाथ व बदरीनाथ और देव स्थलों की महिमा गायन हेतु लब्ध प्रतिष्ठित गायकों व लोक कलाकारों की सेवाएं लीं, जिनमें कैलाश खेर का केदारनाथ पर भजन आज विश्व प्रसिद्ध है. मगर भाजपा, जब हम यह भजन बनवा रहे थे तो हम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी.

चौथा मंत्र 'भ्रमण':- हमने उत्तराखंड को ट्रैकर्स पैराडाइज के रूप में विकसित व प्रचारित किया और लगभग 90 ट्रैक्स, ट्रैकिंग मानचित्र में अंकित किये. मैंने स्वयं पहाड़ों के कोने-कोने को छाना, मंत्रिमंडल की बैठकें भी रोटेट कीं और केदारनाथ तक में हमने मंत्रिमंडल की बैठक की. राज्य का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां मैं न पहुंचा हूं.

पांचवा मंत्र 'भूषा':- भूषा मतलब वेशभूषा, आभूषण आदि मैंने परंपरागत वस्त्रों और आभूषणों को न केवल प्रचारित किया बल्कि उनको राजकीय संरक्षण व प्रोत्साहन उपलब्ध करवाए, जो आज नहीं हो रहे हैं. मैंने मुख्यमंत्री न रहने के बाद भी Zoom मीटिंग के जरिए उत्तराखंडी वस्त्र-आभूषण प्रतियोगिता आयोजित करवाई, जिसको देखकर आज की सरकार को भी लगा कि ऐसा करना चाहिए.

छटा मंत्र 'भवन':- यदि भवन से अर्थ स्थानीय शिल्प है तो मैंने न केवल शिल्प को सरकारी भवनों में अनिवार्य किया बल्कि स्थानीय शिल्प के संरक्षण के लिए धनराशि भी उपलब्ध करवाई. कुछ क्षेत्रों में जिनमें गूंजी आदि क्षेत्र हैं. पुरोला है, वहां हमने इन भवन शैलियों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई. रंवाई, कुमाऊंनी और गढ़वाली भवन शैली को संरक्षित करने के निर्देश राज्य संग्रहालय को प्रदान किये. शिल्पियों को पेंशन देकर स्थानीय शिल्प को सम्मान प्रदान किया. ढोल और दूसरे वाद्य यंत्रों के लिए राज्य के दोनों भागों में राज्य वाद्य यंत्र संग्रहालय स्थापित किये.

हरीश रावत ने कहा है कि उनको लगता है कि अगर स्थानीय आयोजकों ने मोहन भागवत को यह बताया होता कि पिछली सरकार ने मतलब 2014 से 2016 तक की सरकार ने इन 6 मंत्रों के अनुपालन में ही सही कदम उठाए, तो मोहन भागवत कांग्रेस सरकार के प्रयासों का उल्लेख जरूर करते.

देहरादून: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के छह मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भागवत के छह मंत्रों के विपरीत काम कर रही है. हल्द्वानी पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के छह मंत्र हैं. इसमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं. भागवत ने लोगों से पारंपरिक रीति-रिवाज को अपनाने को कहा है.

हरीश रावत बीजेपी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. हरीश रावत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 6 मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार हमला करते हुए सोशल मीडिया पर कहा है कि वो मोहन भागवत के 6 मंत्रों के विपरीत काम कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस के काम को भागवत के 6 मंत्रों के अनुकूल बताया है.

पहला मंत्र 'भाषा':- हमने भाषा संवर्धन के लिए कुमाऊं और गढ़वाल विश्वविद्यालय में गढ़वाली, कुमाऊनी रंग व जौनसारी भाषा के संवर्धन के लिए अलग विभाग खोला और एक भाषा-बोली संवर्धन संस्थान गौचर में स्थापित किया. PCS के सिलेबस में भी हमने कुछ प्रश्न स्थानीय भाषा और परंपराओं से संबंधित अनिवार्य किये. स्थानीय भाषाओं के सिलेबस तैयार करवाए. आज भाषा-बोली संस्थान लगभग बंद है. विश्वविद्यालयों व स्थानीय बोली-भाषाओं के डिपार्टमेंट लगभग न के बराबर चल रहे हैं. PCS की तो परीक्षा ही नहीं हुई.

दूसरा मंत्र 'भोजन':- हमारी सरकार ने परंपरागत अन्न आधारित भोजन को न केवल प्रोत्साहित किया, बल्कि गर्भवती महिला पोषण आहार योजना, वृद्ध पोषण आहार योजना, इंदिरा अम्मा भोजनालयों और कई सरकारी विभागों में एक दिन स्थानीय अन्न आधारित व्यंजनों को अनिवार्य कर दिया. इसे इस सरकार ने बंद कर दिया. हमने व्यंजनों के त्यौहार घी संक्रांति को राज्य के दूसरे महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया, जिस परंपरा को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है.

पढ़ें- कांग्रेस को मिला बहुमत तो पूरी हो सकती है हरदा की मुराद, यशपाल बनेंगे पहले दलित मुख्यमंत्री!

तीसरा मंत्र 'भजन':- केदारनाथ व बदरीनाथ और देव स्थलों की महिमा गायन हेतु लब्ध प्रतिष्ठित गायकों व लोक कलाकारों की सेवाएं लीं, जिनमें कैलाश खेर का केदारनाथ पर भजन आज विश्व प्रसिद्ध है. मगर भाजपा, जब हम यह भजन बनवा रहे थे तो हम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही थी.

चौथा मंत्र 'भ्रमण':- हमने उत्तराखंड को ट्रैकर्स पैराडाइज के रूप में विकसित व प्रचारित किया और लगभग 90 ट्रैक्स, ट्रैकिंग मानचित्र में अंकित किये. मैंने स्वयं पहाड़ों के कोने-कोने को छाना, मंत्रिमंडल की बैठकें भी रोटेट कीं और केदारनाथ तक में हमने मंत्रिमंडल की बैठक की. राज्य का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां मैं न पहुंचा हूं.

पांचवा मंत्र 'भूषा':- भूषा मतलब वेशभूषा, आभूषण आदि मैंने परंपरागत वस्त्रों और आभूषणों को न केवल प्रचारित किया बल्कि उनको राजकीय संरक्षण व प्रोत्साहन उपलब्ध करवाए, जो आज नहीं हो रहे हैं. मैंने मुख्यमंत्री न रहने के बाद भी Zoom मीटिंग के जरिए उत्तराखंडी वस्त्र-आभूषण प्रतियोगिता आयोजित करवाई, जिसको देखकर आज की सरकार को भी लगा कि ऐसा करना चाहिए.

छटा मंत्र 'भवन':- यदि भवन से अर्थ स्थानीय शिल्प है तो मैंने न केवल शिल्प को सरकारी भवनों में अनिवार्य किया बल्कि स्थानीय शिल्प के संरक्षण के लिए धनराशि भी उपलब्ध करवाई. कुछ क्षेत्रों में जिनमें गूंजी आदि क्षेत्र हैं. पुरोला है, वहां हमने इन भवन शैलियों को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई. रंवाई, कुमाऊंनी और गढ़वाली भवन शैली को संरक्षित करने के निर्देश राज्य संग्रहालय को प्रदान किये. शिल्पियों को पेंशन देकर स्थानीय शिल्प को सम्मान प्रदान किया. ढोल और दूसरे वाद्य यंत्रों के लिए राज्य के दोनों भागों में राज्य वाद्य यंत्र संग्रहालय स्थापित किये.

हरीश रावत ने कहा है कि उनको लगता है कि अगर स्थानीय आयोजकों ने मोहन भागवत को यह बताया होता कि पिछली सरकार ने मतलब 2014 से 2016 तक की सरकार ने इन 6 मंत्रों के अनुपालन में ही सही कदम उठाए, तो मोहन भागवत कांग्रेस सरकार के प्रयासों का उल्लेख जरूर करते.

Last Updated : Oct 12, 2021, 4:24 PM IST
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