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प्रीतम के खिलाफ हुए हरदा के समर्थक, कहा- ऐसा ही चला तो 2022 में जीत असंभव

प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह अब जगजाहिर हो चुकी है. एक गुट है पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का और दूसरा बन चुका है पूर्व सीएम हरीश रावत का. ऐसे में हरदा गुट के नेताओं ने प्रीतम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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पूर्व सीएम हरीश रावत
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Published : Jan 7, 2020, 5:14 PM IST

देहरादूनः प्रदेश कांग्रेस संगठन का पूर्व सीएम हरीश रावत को तरजीह नहीं दिए जाने से उनके समर्थकों में नाराजगी है. खासकर 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' रैली के दौरान बैनर-पोस्टरों में हरीश रावत की फोटो नहीं लगाए जाने से उनके समर्थक अब विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने संगठन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की वापसी नामुमकिन है.

प्रीतम के खिलाफ हुए हरदा के समर्थक.

अब ये जगजाहिर हो चुका है कि एक तरफ हरीश रावत गुट है तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश का गुट. कांग्रेस में अंदरुनी वर्चस्व की लड़ाई अब खुलकर दिखाई दे रही है. हाल ही में कांग्रेस स्थापना दिवस पर कांग्रेस की 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' रैली ही पार्टी के लिए ही मुसीबत बन गई है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट से गन्ना किसानों को बड़ी राहत, भुगतान के लिए नीलाम होगी चीनी

हरीश रावत गुट के विधायकों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने आरोप लगाया है कि संगठन हरीश रावत की अनदेखी करने में लगा हुआ है, लेकिन उत्तराखंड के लिए हरीश रावत जरूरी है. क्योंकि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता हो या उत्तराखंड का आम जनमानस. वह सीधे हरीश रावत से संवाद कर सकता है.

पढ़ेंः UKD का आरोप- लोगों के हक का पानी शराब फैक्ट्री में पहुंचा रही सरकार

हरीश धामी का कहना है कि घर-घर, गांव-गांव के व्यक्ति का हरीश रावत से जुड़ाव है. लेकिन जिस तरह से संगठन की तरफ से उनकी अनदेखी की जा रही है वह कहीं न कहीं 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है. उन्होंने 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' यात्रा के लिए लगाए गए पोस्टर बैनरों का भी जिक्र किया. कहा कि पोस्टर में हरीश रावत की फोटो नहीं लगाई गई थी. जबकि, वे राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं. हरीश धामी ने कहा कि वे अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से निवेदन करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप कर संगठन को सचेत करे.

देहरादूनः प्रदेश कांग्रेस संगठन का पूर्व सीएम हरीश रावत को तरजीह नहीं दिए जाने से उनके समर्थकों में नाराजगी है. खासकर 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' रैली के दौरान बैनर-पोस्टरों में हरीश रावत की फोटो नहीं लगाए जाने से उनके समर्थक अब विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने संगठन को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की वापसी नामुमकिन है.

प्रीतम के खिलाफ हुए हरदा के समर्थक.

अब ये जगजाहिर हो चुका है कि एक तरफ हरीश रावत गुट है तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और इंदिरा हृदयेश का गुट. कांग्रेस में अंदरुनी वर्चस्व की लड़ाई अब खुलकर दिखाई दे रही है. हाल ही में कांग्रेस स्थापना दिवस पर कांग्रेस की 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' रैली ही पार्टी के लिए ही मुसीबत बन गई है.

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हरीश रावत गुट के विधायकों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने आरोप लगाया है कि संगठन हरीश रावत की अनदेखी करने में लगा हुआ है, लेकिन उत्तराखंड के लिए हरीश रावत जरूरी है. क्योंकि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता हो या उत्तराखंड का आम जनमानस. वह सीधे हरीश रावत से संवाद कर सकता है.

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हरीश धामी का कहना है कि घर-घर, गांव-गांव के व्यक्ति का हरीश रावत से जुड़ाव है. लेकिन जिस तरह से संगठन की तरफ से उनकी अनदेखी की जा रही है वह कहीं न कहीं 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है. उन्होंने 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' यात्रा के लिए लगाए गए पोस्टर बैनरों का भी जिक्र किया. कहा कि पोस्टर में हरीश रावत की फोटो नहीं लगाई गई थी. जबकि, वे राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं. हरीश धामी ने कहा कि वे अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से निवेदन करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप कर संगठन को सचेत करे.

Intro:संगठन द्वारा हरीश रावत को तरजीह नहीं दिए जाने से हरीश रावत के समर्थकों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है, भारत बचाओ संविधान बचाओ रैली को लेकर लगाए गए बैनर पोस्टरों में हरीश रावत की फोटो नहीं लगाए जाने से उनके समर्थक खुलकर सामने आ गए थे एक बार फिर कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने संगठन को चेताने की कोशिश करी है कि यदि इसी प्रकार से हरीश रावत की अनदेखी की गई तो 2022 के चुनावों में कांग्रेस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।Body: एक तरफ हरीश रावत गुट तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और इंदिरा ह्रदयेश है अंदरूनी वर्चस्व की लड़ाई अब खुलकर कांग्रेस में दिखाई दे रही है हाल ही में कांग्रेस स्थापना दिवस पर कांग्रेस के भारत बचाओ संविधान बचाओ रैली कांग्रेस के लिए ही मुसीबत बन गई है हरीश रावत गुट के विधायकों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत की संगठन अनदेखी करने में लगा हुआ है उत्तराखंड के लिए हरीश रावत जरूरी है क्योंकि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता हो या उत्तराखंड का आम जनमानस, वह सीधे तरीके से हरीश रावत से संवाद कर सकता है। हर क्षेत्र के और गांव गधे के व्यक्ति का हरीश रावत से जुड़ाव है, जिस तरह से संगठन की तरफ से उनकी अनदेखी की जा रही है वह कहीं ना कहीं 2022 को देखते हुए कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने भारत बचाओ संविधान बचाओ यात्रा के लिए लगाए गए पोस्टर बैनर ओं का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें हरीश रावत की फोटो नहीं लगाई गई थी। वे राष्ट्रीय नेतृत्व से निवेदन करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए संगठन को सचेत करें कि एकजुट होकर ही 2022 में कांग्रेस को सत्ता में लाया जा सकता है।
बाइट हरीश धामी कांग्रेस विधायकConclusion:दरअसल भारत बचाओ संविधान बचाओ रैली को लेकर कांग्रेस ने प्रचार प्रसार के लिए बैनर और पोस्टर लगाए थे जिसमें हरीश रावत की फोटो गायब थी। तब उस दौरान हरदा समर्थकों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए संगठन पर हरीश रावत की अनदेखी का आरोप लगाया था, हरीश समर्थकों का कहना है कि कार्यकर्ताओं की नब्ज पहचानने वाले हरीश रावत की अनदेखी करना संगठन को 2022 के चुनावों में भारी पड़ सकता है।
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