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पूर्व सीएम हरीश रावत का आरोप, सरकार ने पिथौरागढ़ आपदा पीड़ितों को छोड़ा भगवान भरोसे

हरीश रावत का आरोप है कि आपदा में गांव के गांव तबाह हो गए थे. उन गांव में रहना अब किसी खतरे से खाली नहीं है. ऐसे हालत में सरकार ने आपदा राहत कैंप बंद करने का आदेश दिया है.

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पूर्व सीएम हरीश रावत
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Published : Oct 30, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 6:09 PM IST

देहरादून: पिथौरागढ़ जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के हालात को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और धारचूला विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरीश रावत ने राज्य सरकार पर आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.

सरकार ने आपदा पीड़ितों को छोड़ा भगवान भरोसे- हरदा.

हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के कई आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है, लेकिन सबसे बुरे हालत पिथौरागढ़ जिले के हैं. धारचूला विधानसभा के जिन गांव में आपदा आई थी, वहां पर किसी भी तरह का राहत कार्य नहीं हुआ है.

पढ़ें- अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में मारपीट का मामला, तीन डॉक्टर बर्खास्त

इतना ही नहीं, हरीश रावत के मुताबिक, आपदाग्रस्त क्षेत्र में अभी तक न सड़कों को दुरुस्त किया है और न ही पेयजल लाइन जैसी बेसिक सुविधाओं को सुचारू हैं, बावजूद इसके सरकार ने आपदा राहत कैंप को बंद करने के निर्देश दे दिए हैं. सरकार ने राहत कैंपों में रह रहे लोगों को अपने गांव जाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन आपदा पीड़िता अपने गांव कैसे जाएं, क्योंकि आपदा में गांव के गांव तबाह हो गए थे. वहां जाना जान जोखिम में डालना है.

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार आपदा पीड़ितों को भगवान भरोसे छोड़ रही है. डबल इंजन की सरकार के लिए बड़ी चुनौती ये है कि वे खतरे की जद में आए गांव का कैसे विस्थापन करें?

देहरादून: पिथौरागढ़ जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के हालात को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और धारचूला विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरीश रावत ने राज्य सरकार पर आपदाग्रस्त क्षेत्रों के लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है.

सरकार ने आपदा पीड़ितों को छोड़ा भगवान भरोसे- हरदा.

हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के कई आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है, लेकिन सबसे बुरे हालत पिथौरागढ़ जिले के हैं. धारचूला विधानसभा के जिन गांव में आपदा आई थी, वहां पर किसी भी तरह का राहत कार्य नहीं हुआ है.

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इतना ही नहीं, हरीश रावत के मुताबिक, आपदाग्रस्त क्षेत्र में अभी तक न सड़कों को दुरुस्त किया है और न ही पेयजल लाइन जैसी बेसिक सुविधाओं को सुचारू हैं, बावजूद इसके सरकार ने आपदा राहत कैंप को बंद करने के निर्देश दे दिए हैं. सरकार ने राहत कैंपों में रह रहे लोगों को अपने गांव जाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन आपदा पीड़िता अपने गांव कैसे जाएं, क्योंकि आपदा में गांव के गांव तबाह हो गए थे. वहां जाना जान जोखिम में डालना है.

हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार आपदा पीड़ितों को भगवान भरोसे छोड़ रही है. डबल इंजन की सरकार के लिए बड़ी चुनौती ये है कि वे खतरे की जद में आए गांव का कैसे विस्थापन करें?

Last Updated : Oct 30, 2020, 6:09 PM IST
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